स्वास्थ्य जाँच शिविर के दौरान 500 से अधिक संतों व सैंकड़ों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जाँच
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के असोला, फतेहपुर बेरी स्थित पावन तीर्थ श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम में शुक्रवार को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर सद्गुरु शनिचरणानुरागी श्री श्री 1008 महामण्डलेश्वर परमहंस दाती महाराज (स्वामी निजस्वरूपानंदपुरीजी) की प्रेरणा से श्री शनिधाम ट्रस्ट एवं दिल्ली संत महामण्डल रजिस्टर्ड (दिल्ली-एनसीआर) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिविर में दिल्ली और उसके आसपास से बड़ी संख्या में साधु, संत और श्रद्धालुओं का आगमन हुआ।
सभी संतों और श्रद्धालुओं ने यहां अनुभवी एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य की जांच करवाई। आँख, नाक, कान, गला, हड्डी, ह्रदय एवं अन्य रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने न केवल शिविर में पहुंचे सैंकड़ों संतों के स्वास्थ्य की जांच की, बल्कि श्री शनिधाम ट्रस्ट की ओर से उन्हें आवश्यक परामर्श के साथ-साथ मुफ्त में दवाइयां भी दी गईं। शिविर के दौरान 500 से अधिक संतों और सैंकड़ों श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच की गई।
डॉक्टरों द्वारा जहां 288 लोगों के शुगर की जांच की जांच की गई,वहीं, 400 से अधिक लोगों के आँखों की जांच कर उनमें से 150 लोगों को चश्मे दिए गए। इस अवसर पर परमहंस दाती महाराज ने सभी संतों को गर्म कपड़े भी भेंट किए,जिनमें कंबल, स्वेटर, टोपी और मोजे शामिल हैं। परमहंस दाती महाराज की प्रेरणा से श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा 400 से अधिक जरूरतमंद महिलाओं को कंबल भी प्रदान किए गए। दातीश्री के कर कमलों द्वारा कंबल और वस्त्र प्राप्त कर संतों, श्रद्धालुओं और महिलाओं के चेहरे खुशी से खिल उठे।
सभी ने दाती महाराज को ह्रद्य के अंतःकरण से धन्यवाद दिया। इस मौके पर दिल्ली संत महामण्डल के उपाध्यक्ष स्वामी अगस्त गिरिजी महाराज, महामंत्री महामण्डलेश्वर स्वामी नवल किशोर दासजी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत भोला गिरिजी महाराज, संगठन मंत्री सतीश दासजी महाराज, संगठन मंत्री महामण्डलेश्वर कंचन गिरिजी महाराज,श्रीमहंत कन्हैया गिरिजी महाराज समेत दिल्ली संत महामण्डल से सभी सदस्य, बड़ी संख्या में श्रद्धालु और श्री शनिधाम के पदाधिकारी एवं सेवादार उपस्थित थे।
इस अवसर पर परमहंस दाती महाराज ने कहा कि मानव सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। मानव सेवा करना ही हम सभी संतों का परम कर्तव्य है। हमारे थोड़े से प्रयास से अगर देशवासियों की मुस्कुराहट बनी रही चो यह हमारा सम्मान है। दातीश्री ने कहा कि मानव शरीर परमात्मा की सबसे अनमोल कृति है। मनुष्य स्वस्थ रहे यह परम आवश्यक है। क्योंकि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन एवं स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है।
परंतु आज की आपाधापी में, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में, गरीब, अमीर बनने तथा अमीर और ज्यादा अमीर बनने की चाहत में दौड़ लगा रहा है। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मनुष्य अपने स्वास्थ तक का ख्याल नहीं रख पा रहा है। वह नाना प्रकार की बीमारियों का शिकार हो रहा है। गंभीर और जानलेवा बीमारियों के अलावा तनाव एवं गिरते स्वास्थ्य को लेकर आज सभी चिंतित हैं। ज्यादात्तर लोग मोटापा, मधुमेह, ह्रदय रोग, तनाव आदि बीमारियों से ग्रसित हैं।
जबकि महान राष्ट्र के निर्माण हेतु उसके वासियों का स्वस्थ होना आवश्यक है। कोई व्यक्ति धनवान है, उसका घर महलनुमा है, उसकी सेवा हेतु नौकर-चाकर हैं। उसके पास स्वादिस्ट भोजन, सुंदर वस्त्र और मूल्यवान आभूषण हैं। परंतु उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, वह रोगी है, तो इन चीजों का वह आनंद नहीं उठा पाएगा। अतः स्वस्थ रहना अतिआवश्यक है, क्योंकि स्वास्थ्य ही धन है। स्वास्थ्य ही पूंजी है। स्वास्थ्य ही जीवन है।
दाती महाराज जीवन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए तीन महत्वपर्ण सूत्र बताते हैं। प्रथम स्वास्थ्य संपन्नता, द्वितीय शक्ति संपन्नता तथा तृतीय शांति संपन्नता। दातीश्री ने बताया कि हर व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य चाहिए। कोई बीमार नहीं होना चाहता। परंतु स्वस्थ जीवन के लिए जरूरी है व्यक्ति का खाद्य-संयम। व्यक्ति खाद्य-संयम करे। उन्होंने बताया कि अगर खाना बिल्कुल छोड़ दिया जाए तो जीना मुश्किल हो जाता है और व्यक्ति खाता ही चला जाए तो जीना और ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
इसलिए खाना या नहीं खाना बड़ी बात नहीं होती है, बड़ी बात है खाने और नहीं खाने में विवेक रखना। कब, क्या और कितना खाया जाए? यह जानकारी होना आवश्यक है। दाती महाराज ने बताया कि साधक को तो खान-पान पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। क्योंकि भोजन से स्वास्थ्य और साधना दोनों प्रभावित हो सकते हैं। जो लोग बौद्धिक श्रम करते हैं, उन्हें खाने का संयम अवश्य करना चाहिए। खाद्य-संयम से अनेक छोटी-मोटी बीमारियां स्वतः दूर हो जाती हैं।
दती महाराज कहते हैं, मनुष्य शरीर से सबल बने ताकि रोग, तनाव आदि उसे प्रभावित न कर सके। मनोबल, संकल्पबल, संयमबल आदि का होना भी जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति का मनोबल मजबूत है, वह दृढ़ संकल्पशक्ति वाला और संयमी है, तो ऐसा कोई कार्य नहीं, जिसे वह नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संपन्नता, शक्ति संपन्नता तथा शांति संपन्नता हो तो मनुष्य अपने जीवन को न केवल सरल, सुगम एवं सफल, बल्कि सार्थक भी बना सकता है।
इसीलिए परमहंस दाती महाराज की प्रेरणा से श्री शनिधाम ट्रस्ट ने महिला, पुरुष, बच्चा, बुढ़ा या फिर हों जवान, सभी को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से स्वस्थ तन, स्वस्थ मन एवं स्वस्थ राष्ट्र का नारा बुलंद किया है। साधु, संतों, महात्माओं, गांवों एवं गरीबों को रोगमुक्त बनाने के उद्देश्य से ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। दातीश्री की पेरणा से ट्रस्ट द्वारा देशभर में स्वास्थ्य जागरुकता आभियान चलाया जा रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत जरुरतमंदों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाई जाती है। ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर गावों तथा कस्बों में रक्तदान एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में स्वास्थ्य की निःशुल्क जांच की जाती है और जरुरतमंदों के बीच निःशुल्क दवाईयां वितरित की जाती हैं। ट्रस्ट द्वारा संचालित चिकित्सा शिविरों में विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों की जांच करते हैं और मुफ्त दवाईयां प्रदान करते हैं। ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविर, नेत्र जांच शिविर तथा योग शिविरों का आयोजन भी किया जाता है। इन योग शिविरों में योगाचार्यों द्वारा योग एवं ध्यान का ज्ञान भी प्रदान किया जाता है।
श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा आयोजित होने वाले स्वास्थ्य शिविरों में अबतक 50 हजार लोगों के आंखों की जांच, 5000 लोगों के आंखों के ऑपरेशन और 2000 से अधिक लोगों के सामान्य ऑपरेशन हो चुके हैं। दातीश्री की प्रेरणा से जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में अत्याधुनिक सुविधायुक्त बर्न यूनिट का निर्माण करवाया गया है, जो 11 बेड की ICU समेत कुल 50 बेड का है। ट्रस्ट ने यूनिट के रख-रखाव का जिम्मा भी लिया है। बर्न यूनिट में ट्रस्ट की ओर से अतिरिक्त स्टाफ भी लगाए गए हैं।
अत्याधुनिक सुविधाओं से संपन्न इस बर्न यूनिट में मरीजों की मॉनिटरिंग के लिए CCTV कैमरे भी लगाए गए हैं। प्रत्येक बेड पर बटन लगाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल मरीजों द्वारा हॉस्पिटल स्टाफ के बुलाने के लिए किया जाता है। ट्रस्ट द्वारा हाल ही में 500 स्वास्थ्य सेविकाओं को टैब भी दिए हैं। जिनके माध्यम से स्वास्थ्य सेविकाएं विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह लेकर दूरदराज के इलाकों में बीमार लोगों को आवश्यक दवाईयां समय पर मुहैया करवा रही हैं।
श्री शनिधाम ट्रस्ट के पास दस मेडिकल वैन और एंबुलेंस भी हैं। दो एंबुलेंस तो ऐसी हैं, जिनमें संपूर्ण अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। गंभीर रुप से बीमार अथवा घायल व्यक्ति का उपचार इन एंबुलेंस में संभव है। अड़तालीस घंटे तक गंभीर अवस्था वाले व्यक्ति को एंबुलेंस में सुरक्षित रखा जा सकता है। उस वयक्ति को किसी बड़े अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाया जा सकता है। श्री शनिधाम ट्रस्ट की अत्याधुनिक सुविधाओं से संपन्न मेडिकल वैन्स प्रतिदिन दूर-दराज के गांवों में जाती हैं। वैन्स में तैनात चिकित्सक ग्रामीणों का इलाज कर उन्हें उनकी जरूरत की दवाईयां देते हैं। स्वास्थ्य जागरुकता अभियान के अंतर्गत श्री शनिधाम ट्रस्ट के पदाधिकारी तथा सेवादार दिन-रात चौबीसों घंटे जरुरतमंदों की सेवा में जुटे रहते हैं।
श्री शनिधाम ट्रस्ट द्वारा पाली जिले के बागावास में मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की स्थापना भी की जा रही है। ट्रस्ट मानव के तन और मन को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप यह मेडिकल कॉलेज बनवा रहा है। यह मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल मल्टी स्पेशलिटी और सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। डीएमआर नाम के इस मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में 750 बिस्तरों के साथ-साथ 50 बिस्तर का चौबीसों घंटे काम करने वाला ट्रामा वार्ड, पैरामेडिकल स्टाफ एएनएम और जीएनएम के ट्रेनिंग कॉलेज भवन के अलावा अन्य सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं। दाती मगाराज ने जिस डीएमआर मेडिकल कॉलेज की नीव सन् 2010 में रखी थी,उसका ज्यादातर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। लगभग 200 बीघा जमीन पर बन रहे मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एमबीबीएस के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण की सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त ह्रदय रोग संस्थान और कैंसर उपचार संस्थान शुरु किए जाने की भी योजना है। श्री शनिधाम ट्रस्ट के प्रयासों से पाली जिले को जल्द ही मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल जाएगी। आपको बताते चलें कि श्री शनिधाम ट्रस्ट के इस मेडिकल कॉलेज से पाली स्थित बांगड़ अस्पताल की दूरी करीब 28 किलोमीटर है। इस स्थिति में इलाके के लोगों को बांगड़ या उसके जैसे अन्य किसी अस्पतालों में पहुंचते-पहुंचते काफी वक्त बीत जाता है। समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से कई बार मरीज असमय काल के गाल में समा जाता है। परंतु दाती महाराज की प्रेरणा और श्री शनिधाम के प्रयासों से डीएमआर मेडिकल कॉलेज के शुभारंभ के उपरांत इस इलाके के लोगों को इलाज के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें सहजता से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों को समय पर सस्ता एवं उपयोगी इलाज मिल सकेगा। हजारों-लाखों लोगों की जान बचाई जा सकेगी। देशवासियों को निरोगी रखा जा सकेगा।