संशोधन के लिए अध्यादेश लाएगी नरेंद्र मोदी सरकार
12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड के प्रावधान पर लगभग ढाई घंटे माथापच्ची हुई. अंततः इस प्रवाधान को मंजूरी दे दी । नई दिल्ली स्थित पीएम आवास पर हुई बैठक में पॉक्सो ऐक्ट में संशोधन करने का निर्णय लिया गया । खबर है कि केंद्र सरकार इससे सम्बंधित जल्द ही एक अध्यादेश लाएगी। सरकार ने अब तक इस सम्बन्ध में कुछ नहीं कहा है. चर्चा है कि कैबिनेट में यह भी फैसला किया गया है कि रेप के मामलों की जांच शीघ्र पूरी कर इसकी सुनवाई भी एक वर्ष के अन्दर पूरी कर ली जाए.
12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर दोषी को फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान शामिल करने वाले अध्यादेश लाये जायेंगे । हालाँकि इसमें उम्रकैद की सजा का भी प्रावधान है। इसके अलावा 16 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर दोषियों की सजा 10 साल और बढ़ाए जाने का प्रावधान किया गया है। नया कानून बनने के बाद यह सजा 20 साल हो जाएगी। इसे उम्र कैद में भी बदला जा सकता है। इस सजा को उम्र कैद में भी तब्दील करने का प्रावधान किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों उन्नाव और कठुवा रेप एवं हत्या कांड के बाद केन्द्रीय बाल विकास एवं महिला कल्याण मंत्री मेनका गाँधी ने पाक्सो एक्ट में 12 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ रेप की घटनाओं के दोचियों के लिए मौतकी सजा का प्रावधान करने की वकालत की थी. देश में सामाजिक स्न्गाथानों एवं आम लोगों की ओर से भी यह मांग लगातार की जा रही थी. इसके तत्काल बाद इसी माह में ही सूरत और एटा में इस प्रकार की घटनाएं सामने आईं हैं. समझा जाता है कि केंद्र सरकार ने इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए त्वरित गति से कार्रवाई का निर्णय लिया.
इससे पूर्व 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले के बाद क्रिमिनल एक्ट को भी अध्यादेश लाकर बदलाव किया गया था। इसके अनुसार रेप मामले में महिला की मौत होने या न होने दोनों स्थितियों में दोषी को मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
क्या होंगे बदलाव ?
अध्यादेश के अनुसार, 16 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार के मामले में, न्यूनतम सजा 10 साल से बढ़कर 20 साल हो गई।
वहीं 12 साल से कम उम्र की लड़की के बलात्कार के लिए न्यूनतम 20 साल का कारावास या आजीवन कारावास या फिर फांसी तक की सजा भी मुमकिन है।
16 साल से कम उम्र की लड़कियों के रेप के दोषियों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी।
इन मामलों में जांच को 2 महीने में खत्म करना होगा।
ट्रायल पूरा करने के लिए 2 महीने का समय निर्धारित किया गया है।
इसके अलावा महिला के दुष्कर्म के मामले में न्यूनतम सजा 7 साल से 10 साल तक, उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका लंबित है, जिसमें छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म पर चिंता जताते हुए कानून को कड़ा किए जाने की मांग की गई है। ये याचिका वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दाखिल की है। कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था। सरकार की ओर से शुक्रवार को एडीशनल सालिसिटर जनरल के जरिए एक नोट पेश कर बताया गया कि सरकार पोक्सो कानून में संशोधन कर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म के दोषी के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने पर विचार कर रही है।