नई दिल्ली : शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात बेहद अहम् मानी जा रही है. इस बैठक में सुरक्षा, रक्षा एवं व्यापार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की होने की संभावना है. संकेत है कि दोनों देशों के बीच कुछ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतें भी हो सकते हैं.
विदेश मंत्रालय ने पुतिन की 14 से 17 अक्तूबर के बीच गोवा की चार दिन की यात्रा की घोषणा की है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आगामी रविवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा 17वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक का आयोजन भी होगा. दोनों देशों के नेता दिसंबर, 2015 में मॉस्को में हुई शिखर बैठक में लिए गए निर्णयों की प्रगति व द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे।
मंत्रालय ने यह भी कह कि द्विपक्षीय संबंधों को निष्कर्ष तक पहुंचाने और एक संयुक्त बयान जारी किए जाने की उम्मीद है। गौरतलब ही कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत रूसी उपकरणों को हटाकर उनकी जगह अपने खुद के और दूसरे देशों के आधुनिक उपकरण लाकर बड़े पैमाने पर रक्षा आधुनिकीकरण कार्यक्रम चला रहा है। दूसरी तरफ भरत अमेरिका सम्बन्ध भी नए आयाम में है.
जाहिर है मोदी और पुतिन के बीच रक्षा, सुरक्षा और व्यापार के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए चर्चा हो सकती है. इसके अलावा क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय होगा. बातचीत के एजेंडे में लंबी दूरी की पांच वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली एस-400 ट्रायंफ, कामोव-28 हेलीकॉप्टर की खरीद और सुखोई 30-एमकेआई में सुधार जैसे विषय अहम् हैं.
बताया जाता है पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के संयुक्त विकास का मुद्दा भी चर्चा में होगा। खबर है कि भारत रूस से अकुला-क्लास परमाणु पनडुब्बी लीज पर लेने पर विचार कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 2017 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल पूरे हो रहे हैं. इस खास अवसर पर कई समारोह आयोजित किया जा सकते हैं.