नई दिल्ली । देश की सर्वोच्च अदालत ने कठुआ गैंग रेप जो 8 वर्ष की बच्ची के साथ घटना हुई है उसको स्वत संज्ञान लेते हुए सुनवाई करने का फैसला लिया है ।सुप्रीम कोर्ट के कुछ वरिष्ठ वकीलों द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कोर्ट में निवेदन किया गया कि इस जघन्य हत्याकांड और रेप के मामले की स्वत संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी चाहिए ।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अदालत इस मामले को स्वयं संज्ञान लेने को तैयार है अगर वकील घटना की सारी जानकारी अदालत को प्रस्तुत कर दें ।
अब उम्मीद जताई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा और इससे संबंधित सभी पहलुओं पर विचार कर कुछ निश्चयात्मक निर्णय आएगा जिससे पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके और पूरे देश को न्याय व्यवस्था के प्रति उम्मीद और भरोसा हो सके। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद इसकी जांच के तौर-तरीके घटना को ध्यान में रखते हुए संभव है कि जांच की जिम्मेदारी केंद्रीय एजेंसी को दी जा सकती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जिन वरिष्ठ वकीलों ने अदालत से स्वत संज्ञान लेने का आग्रह किया है उन्होंने अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी है की वह इस अमानवीय कृत्य की जांच जम्मू एंड कश्मीर पुलिस से कराने को सही मानते हैं या फिर सीबीआई या नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी से कराने की मांग करेंगे। दूसरी तरफ देश में अलग-अलग शहरों में लोगों ने इस मामले को लेकर जबरदस्त रोष प्रकट किया है। नई दिल्ली में गुरुवार आधी रात को अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाला गया जबकि मुंबई पटना सहित कई बड़े शहरों में सामान्य लोगों ने इस घटना के प्रति रोष जाहिर किया है और पीड़ित पक्ष के लिए न्याय की मांग की है ।कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में गतिरोध पैदा होने के लिए उपवास करते हैं बेटी बचाओ का नारा देते हैं लेकिन देश में बेटियां सुरक्षित नहीं है ।उन्हें अब अपने दिए हुए नारे पर काम करना चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए ।साथ ही इस प्रकार की जघन्य घटनाओं के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के साथ आधी रात को आयोजित कैंडल मार्च में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, अशोक गहलोत भी मौजूद थे बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ताओं और सामान्य दिल्ली वासियों ने भी इस कैंडल मार्च में शामिल होकर कठुआ रेप कांड के प्रति विरोध जताया।
दूसरी तरफ इस मामले में पीड़ित पक्ष की वकालत करने वाली महिला वकील ने जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और कुछ वकीलों पर उन्हें मामले की पैरवी से हटने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है ।हलाकि जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस आरोप से इनकार किया है लेकिन महिला वकील का कहना है कि जब वह अदालत की ओर मामले की पैरवी के लिए जा रही थी तभी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित सहित कुछ वकीलों ने उन्हें मामले की पैरवी से हटने के लिए कहा और उन्हें असभ्य शब्दों से संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप इस मामले की पैरवी नहीं छोड़ती हैं तो हम और भी रास्ते जानते हैं। हलाकि हालांकि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस आरोप को नकारते हुए कहा है कि उन्होंने या जम्मू के किसी भी बार सदस्यों ने कभी भी आरोपियों को बचाने की वकालत नहीं की है ना ही उनके पक्ष में कोई बात की है ।इस घटना से देश में सामान्य लोगों में वकीलों के प्रति नकारात्मक भाव उत्पन्न हो गए हैं लोगों को लगने लगा है कि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सामान्य जन के लिए किसी भी मामले को लेकर अदालत में कानूनी सलाह एवं सहयोग मुहैया कराने की है लेकिन जम्मू की घटना ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं वकीलों के प्रति संदेह पैदा कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं की कि क्या कोई सामान्यजन किसी घटना को लेकर बार एसोसिएशन से किस प्रकार मदद की अपेक्षा कर सकता है। अगर रेप और हत्या जैसे जघन्य मामले में उनकी भूमिका पूरी तरह नकारात्मक दिख रही है
सुप्रीम कोर्ट कठुआ रेप व हत्या कांड की सुनवाई करने को तैयार
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