प्रधानमंत्री ने किया 16 वें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच का उद्घाटन
16 वां आईईएफ विश्व के ऊर्जा मंत्रियों की सबसे बड़ा पल्त्फोर्म
कई देशों के उर्जा मंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख ले रहे हैं भाग
नई दिल्ली : वैश्विक ऊर्जा मानचित्र में भारत की बढ़ती साख के बीच 16 वें अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को किया। 16 वां आईईएफ विश्व के ऊर्जा मंत्रियों की सबसे बड़ा पल्त्फोर्म है। उद्योग जगत की बड़ी हस्तियों और प्रमुख , कई देशों के उर्जा मंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख इस सम्मलेन में भाग ले रहे हैं। इसमें वैश्विक ऊर्जा के भविष्य पर चर्चा की गयी । अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच का मकसद अपने सदस्यों के बीच समान ऊर्जा हितों के बारे में अधिक से अधिक पारस्परिक समझ और जागरुकता को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भविष्य के लिए ऊर्जा ज़रुरतों और सभी के लिए उपलब्धता पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री ने ऊर्जा ख़पत के बढ़ते दायरे में इसके मूल्यों में स्थिरता और तक़नीक के ज़रिए साफ और स्वच्छ ऊर्जा की भी बात कही। प्रधानमंत्री ने सतत विकास के लिए ऊर्जा ज़रुरतों के चार स्तंभ बताए। उन्होंने वैश्विक परिदृश्य में बदलते पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा कि भारत को ऐसी ऊर्जा चाहिए जो गरीबों के लिए सस्ती हो और उनकी पहुंच में हो। उन्होंने कहा कि साफ , सस्ती और सतत ऊर्जा की आपूर्ति और उस तक पहुंच महत्वपूर्ण है। इसलिए तेल एवं गैस की कीमतों का निर्धारण जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। पीएम ने यह भी रेखांकित किया कि भारत ने कम मुद्रास्फीति पर उच्च वृद्धि दर हासिल की है।
उन्होंने कहा कि अगले 25 साल रिपीट 25 साल में भारत में ऊर्जा की मांग सबसे ज्यादा होगी और प्राथमिक ऊर्जा स्रोत के रुप में कोयले की मांग धीरे – धीरे खत्म हो सकती है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन ( ओईसीडी ) से बाहर के देशों में ऊर्जा का उपभोग बढ़ा है और सौर ऊर्जा सस्ती हुई है।
सऊदी अरब के पेट्रोलियम और खनिज संसाधन मंत्री खालिद अल-फ़लह ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य के मद्देनज़र नई तकनीक के द्वारा ऊर्जा क्षेत्र बाजार में स्थिरता और भविष्य के निवेश को प्रभावित करने पर ध्यान केंद्रित करना है।