– प्रोपर्टी टैक्स प्रक्रिया होगी पूरी तरह से पेपरलैस
– प्रोपर्टी मालिक स्वयं घर बैठे कुछ मामलों में कर सकेंगे सुधार
– प्रोपर्टीज मालिकों को एसएमएस से मिलेगी सूचना
गुरुग्राम , 7 अप्रैल। नगर निगम गुरूग्राम (MCG) अपने नागरिकों को बेहतर सुविधाएं और सहूलियत प्रदान करने की दिशा में मॉडर्न तकनीक अपनाने पर लगातार काम कर रहा है। इसी कड़ी में जल्द ही प्रोपर्टी टैक्स प्रक्रिया को और भी अधिक सरल बनाने की तैयारी चल रही है. इस बारे में आज नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें नगर निगम गुरूग्राम (MCG) की जीआईएस लैब के प्रतिनिधियों ने एक प्रजैंटेशन के माध्यम से प्रक्रिया की जानकारी दी। इसके तहत प्रोपर्टी टैक्स प्रणाली पूरी तरह से पेपरलैस हो जाएगी तथा नागरिक अपने प्रोपर्टी टैक्स से संबंधित रिकार्ड में सुधार कर पाएंगे। उन्हें छोटे-छोटे सुधार के लिए नगर निगम (MCG)कार्यालय में नहीं आना होगा।
इनमें प्रोपर्टी मालिक के नाम, मोबाइल नंबर, प्रोपर्टी एड्रैस आदि में सुधार का अधिकार नागरिकों के पास होगा। नागरिक ऐसे सुधार करके ऑनलाईन अपने आवेदन संबंधित दस्तावेजों के साथ सबमिट कर पाएंगे, जो जोनल टैक्सेशन ऑफिसर द्वारा स्वीकृति उपरान्त ऑटोमैटिक ठीक हो जाएंगे।
नागरिकों द्वारा आवेदन के समय उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा, ताकि कोई एक-दूसरे के रिकार्ड में छेडख़ानी ना कर पाए। नागरिकों को इस बारे में जानकारी देने के लिए एक वीडियो प्रैजेंटेशन नगर निगम की वैबसाईट पर होगी। आने वाले समय में पूरी प्रोपर्टी टैक्स प्रक्रिया पेपरलैस होगी तथा प्रत्येक प्रोपर्टी का अलग-अलग अकाऊंट होगा। इससे प्रोपर्टी टैक्स संबंधी पुरानी जानकारी भी प्रोपर्टी मालिक देख पाएंगे।
बैठक में बताया गया कि नगर निगम गुरूग्राम (MCG) के पास फिलहाल 2 लाख 27 हजार प्रोपर्टीज मालिकों के मोबाइल नंबर का डाटा उपलब्ध है, जिन्हें समय-समय पर प्रोपर्टी टैक्स संबंधी सूचना एसएमएस के माध्यम से दी जाती है। इस पर निगमायुक्त ने कहा कि इस एक माह के अंदर सभी प्रोपर्टीज मालिकों के मोबाईल नंबर और ई-मेल का डाटा तैयार करें।
जब चालू वित्त वर्ष के प्रोपर्टी टैक्स बिल वैबसाईट पर अपलोड हो जाएं, तो सभी के पास एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजें कि उनके बिल वैबसाईट पर उपलब्ध हैं और वे अपने प्रोपर्टी टैक्स का भुगतान ऑनलाईन या अन्य विकल्पों से करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेपर के रूप में प्रोपर्टी टैक्स बिल आगे नहीं भेजा जाए। उन्होंने कहा कि प्रोपर्टीज मालिकों को सही बिल उपलब्ध करवाएं, ताकि उन्हें बिल में कोई सुधार ना करवाना पड़े।
बैठक में संयुक्त निगमायुक्त अनु, एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाई एस गुप्ता, हरसेक के साईंटिस्ट डा. सुलतान सिंह, जोनल टैक्सेशन ऑफिसर विजय कपूर, समीर श्रीवास्तव, गुलशन सलूजा, दिनेश कुमार एवं देवेन्द्र सिंह सहित जीआईएस लैब के प्रतिनिधि उपस्थित थे।