कांग्रेस पार्टी की मुसीबत और बढ़ने के आसार
नोटिस जारी कर 7 अप्रैल, 2018 तक जवाब देने को कहा गया, हो सकती है कार्रवाई
फेसबुक से डेटा की गोपनीयता के उल्लंघन का विवरण तलब किया
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने डेटा चोरी मामले पर अपना रुख और कड़ा करने के संकेत दिए हैं. भारत सरकार ने सोशल साईट फेसबुक के प्रबंधन से डेटा की गोपनीयता के उल्लंघन के बारे में विस्तार से बताने को कहा है. फेसबुक को इस बारे में 7 अप्रैल, 2018 तक जवाब देने को कहा गया है. इससे कांग्रेस पार्टी की मुसीबत और बढ़ने के आसार हैं .
उल्लेखनीय है कि 23 मार्च, 2018 को फेसबुक से डेटा की गोपनीयता के उल्लंघन का विवरण देने के लिए मेसर्स कैम्ब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजा गया था। विशेषकर चुनावों को प्रभावित करने के प्रयासों के तहत मेसर्स कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा अपनाये जाने वाले संशययुक्त तौर-तरीकों के बारे में मीडिया में छपी रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए इस कंपनी को नोटिस भेजा गया है।
यह माना जा रहा है कि फेसबुक से डेटा की गोपनीयता के उल्लंघन के बारे में अभी और भी अधिक सूचनाओं की जरूरत है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 28 मार्च, 2018 को फेसबुक प्रबंधन को एक पत्र भेजकर ख़ास प्रश्नों का समुचित उत्तर देने के लिए कहा है . नोटिस में केंद्र सरकार की ओर से पूछा गया है कि :
1 क्या भारतीय मतदाताओं और उपयोगकर्ताओं (यूजर) के निजी डेटा का दुरुपयोग कैम्ब्रिज एनालिटिका अथवा किसी अन्य डाउनस्ट्रीम निकाय द्वारा किसी भी रूप में किया गया है और यदि ऐसा हुआ है तो यह दुरुपयोग किस तरह किया गया?
2 क्या भारतीय चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए फेसबुक अथवा उसके डेटा का उपयोग करने वाली उसकी संबंधित अथवा डाउनस्ट्रीम एजेंसियों की सेवाएं इससे पहले किसी निकाय द्वारा ली गई हैं?
3 यदि इस तरह के किसी भी डाउनस्ट्रीम निकाय ने फेसबुक से प्राप्त डेटा का दुरुपयोग किया है, तो डेटा जैसे अहम विषय के लिए क्या संरक्षण उपलब्ध है?
4 भारतीय चुनावी प्रक्रिया में संभावित दखलंदाजी अथवा इसे प्रभावित करने के लिए निजी डेटा के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए फेसबुक की ओर से क्या-क्या विशिष्ट कदम प्रस्तावित हैं?
5 यूजरों की संख्या की दृष्टि से फेसबुक के सर्वाधिक यूजर भारत में ही हैं, अत: इतने विशाल यूजर डेटा की सुरक्षा एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने और किसी भी अन्य निकाय द्वारा इसके दुरुपयोग की रोकथाम के लिए क्या–क्या सक्रिय कदम उठाये जा रहे हैं?