Font Size
ऊर्जा संरक्षण के साथ नये स्रोत की खोज करने भी आवश्यकता है : संदीप पाल
हिसार। एनपीसीआईएल द्वारा परमाणु ऊर्जा जन जागरूकता अभियान चलाया गया. इसमें लोगों को परमाणु उर्जा के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गयीं । इस दौरान परमाणु उर्जा जागरुकता अभियान के संचालक संदीप पाल ने हिसार व अग्रोहा के आपपास के गांवों में लोगों में परमाणु उर्जा को लेकर संदेश दिया। संदीप पाल ने कहा कि देश और दुनिया में आज विकास की होड़ मची हई है. इसके चलते ऊर्जा की मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। उद्योग, स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा, विज्ञान रिसर्च आदि क्षेत्रों में हो रहे विकास और लोगों की बढ़ती महत्वकांक्षाओं को मूर्त रूप देने के लिए संसाधनों का तेजी से दोहन हो रहा है.
उन्होंने कहा कि ऊर्जा के अधिकतर संसाधन सीमित हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आवश्यकताएं भी सीमित करनी पड़ेंगी साथ ही यह भी समझना होगा कि जितना ज्यादा से ज्यादा वह ऊर्जा स्रोतों की बचत करेंगे, भविष्य में वह उतना ही उनके काम आएगी। पाल के मुताबिक आजादी के सात दशकों के बाद भी हिन्दुस्तान के करोड़ों घरों को एक अदद रौशनी की दरकार है। हालाँकि देश में बिजली का उत्पादन बढ़ा है लेकिन जिस प्रकार से जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है और संसाधनों का दोहन हो रहा है। प्रचलित संसाधन से विद्युत आपूर्ति संभव नहीं है। नये स्रोत की खोज भविष्य की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि आज संपूर्ण विश्व में थर्मल पावर से निर्मित बिजली ग्लोबल वॉरमिंग और वातावरण में उत्सर्जित होने वाली कई हानिकारक गैसों के चलते होने वाले वायु प्रदूषण के कारण एक गहन चिंता का विषय बनी हुई हैए यहाँ तक कि जीवाश्म ईंधन होने के कारण कोयले के भंडार भी सीमित हैंए हाइड्रो को भी हमने पूरी तरह से लगभग दोहन कर लिया हैए साथ ही पवन और सौर ऊर्जा की अपनी अपनी सीमायें हैं।
संदीप पाल ने बताया कि सौर और पवन की उत्पादन क्षमताए ज्यादा जगह धूप और हवा के प्रवाह की समुचित उपलब्धता पर निर्भर हैं। ऐसे में परमाणु ऊर्जा एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा का किफायती विकल्प साबित हो रहा हैै। इसके अलावा साथ ही आज हमें कुछ और उपायों पर भी ध्यान देना होगा ताकि हम बिजली बनाने के साथ.साथ इसका संरक्षण भी भली भांति कर सकें। संदीप ने कहा कि हमे आज ज्यादा से ज्यादा एलईडी बल्बों को उपयोग में लाना चाहिए ताकि एक तरफ हमें कम वाट पर अच्छी रौशनी मिल सके और दूसरी तरफ बिजली की भी खपत कम हो सके। जहाँ जरूरी न हो वहां दिन में बल्ब का इस्तमाल न करें। जिस जगह आप न बैठें हो वहां व्यर्थ में एसी, पंखे या फिर अन्य उपकरणों को बंद कर के रखें।
उन्होंने सलाह दी कि घरों और कार्यालयों का भी निर्माण आधुनिक पद्धति से इस प्रकार से किया जाये जहाँ प्राकृतिक रूप से ज्यादा से ज्यादा सूर्य की रौशनी और हवा मिल सके। सड़कों के किनारे लगे हुए लैंप पोस्टों को दिन में बंद रखा जाये. स्कूल्स, मॉल एवं मल्टी प्लेक्सेस में रूफ टॉप पर सोलर पैनल्स को अनिवार्य करना चाहिए. घरों में अगर संभव हो तो सौर ऊर्जा पर आधारित गीजर और कुकर का इस्तमाल करके हम काफी हद तक बिजली बचा कर ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं।