सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा की कमर टूट गयी ?

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पाक सेना, आई एस आई व आतंकी सरगना के बीच की बातचीत के रिकॉर्ड से खुलासा

बारामूला/नई दिल्ली : अब धीरे धीरे यह दुनिया के सामने भी आने  लगा है कि भारतीय सेना द्वारा एलओसी के पास आतंकी ठिकानों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान के  आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की कमर टूट गयी है. इस बात का खुलासा खुफिया एजेंसियों द्वारा आतंकियों व उनके सरगना एवं पाकिस्तानी सेना के बीच की पकड़ी गई बातचीत से हुआ हैं. उनके बीच की बातचीत के आकलन से यह बात पुष्ट होती है कि लश्कर के 50 से अधिक आतंकवादी इस हमले में ढेर हुए हैं जबकि आतंकियों को सुरक्षा देने वाले पाकिस्तानी सेना के कई जवान भी मरे हैं..

सूत्र बताते है कि इस रिपोर्ट से पता चलता है कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर के सामने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित दुदनियाल आतंकी शिविर में लश्कर ए तैयबा को सबसे अधिक नुकसान हुआ है.

कहा जा रहा कि सेना की पांच टीमों को कैल व दुदनियाल स्थित आतंकी ठिकानों को समाप्त करने कि जिम्मेदारी दी गयी थी.उल्लेखनीय हैं कि गत 28 और 29 सितंबर की रात को किये गए इस हमले में भारतीय सैनिकों ने  एलओसी से 700 मीटर की दूरी पर स्थित पाकिस्तानी चौकी की सुरक्षा में चल में रहे चार आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया. सूत्रों का कहना है कि आतंकियों को भारत की ओर से इस तरह कि कार्रवाई की उम्मीद नहीं थी और इसलिए वे सभी धराशायी हो गए.

 

मारे गए आतंकवादियों को नीलम घाटी में सामूहिक रूप से दफनाया

रिपोर्ट से पता चलता है कि जब भारतीय सैनिकों ने इन आतंकवादियों को मारना शुरू किया, तो सभी आतंकी  पाकिस्तानी चौकी की तरफ भागने लगे. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सफल हमले के बाद भारत की ओर से रेडियो निगरानी की गई. इस रेडियो सन्देश से पता चला है कि चार आतंकी ठिकानों पर लगभग एक ही समय किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर ए तैयबा के कम से कम 20 आतंकी ढेर हो गए. पौ फटने तक वहां पाकिस्तानी सेना के वाहनों की भारी हलचल दिखी और सभी शवों को वहां से हटा लिया गया.  रेडियो बातचीत से यह भी संकेत मिला है कि मारे गए आतंकवादियों को नीलम घाटी में सामूहिक रूप से दफनाया दिया गया.

 

दूसरी तरफ पुंछ के सामने बलनोई क्षेत्र स्थित आतंकी ठिकानों को भी भारतीय सेना के भीषण प्रहार का सामना करना पड़ा. रेडियो संदेशों के से पता चला है कि इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा के नौ आतंकी मरे.  यहाँ पाकिस्तान की 8 नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री के दो जवान भी मारे गए.

इसके अलावा बलनोई क्षेत्र स्थित आतंकी ठिकानों को भी भारतीय सेना के बज्रपात का सामना करना पड़ा. पाकिस्तानी सेना के रेडियो संदेशों के मुताबिक इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा के 15 आतंकी मारे गए.

यहाँ पाकिस्तान की 8 नॉर्दर्न लाइट इन्फेंट्री के दो जवान भी इसकी चपेट में आ गए. सूत्रों के अनुसार भारत के पास खुफिया सूचना थी कि आतंकवादी कश्मीर और जम्मू क्षेत्र में भी घुसपैठ की योजना में हैं. सेना ने आतंकवादियों पर हमला बोलने से पहले उन्हें एक जगह एकत्र होने दिया. हालाँकि पाकिस्तान किसी सर्जिकल स्ट्राइक से इनकार कर रहा है केवल गोलीबारी के कारण दो सैनिक मारे जाने का दावा कर रहा है.

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