अब झूठे विज्ञापन से गुमराह नहीं कर सकते बिल्डर : डा. के के खंडेलवाल

Font Size

– हरेरा की कोर्ट इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू करेगी सुनवाई 

 
गुरुग्राम, 13 मार्च। अब कोई बिल्डर बढ़ा-चढ़ाकर विज्ञापन देकर खरीददारों को आकर्षित नही कर सकेगा । प्रदेश में हरेरा के गठन के बाद ऐसे विज्ञापनों पर अथॉरिटी की नज़र रहेगी। अब बिल्डर हरेरा में अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ही ऐसा विज्ञापन दे सकता है, जैसी सुविधाएं अपने प्रौजेक्ट में वह उपलब्ध करवाने जा रहा है अर्थात् विज्ञापन और वास्तविकता में अंतर नही होना चाहिए। 
 
यह बात हरियाणा रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी(हरेरा) के चेयरमैन डा. के के खंडेलवाल ने आज श्रम विभाग द्वारा गुरुग्राम के उद्योग विहार स्थित एचएसआईआईडीसी ऑडिटोरियम में हरियाणा रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) तथा बिल्डिंग एण्ड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट के तहत पंजीकरण व सुरक्षा प्रावधानों पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कही। इस कार्यशाला में औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के  संयुक्त निदेशक अनुराग गहलावत ने रजिस्ट्रेशन अंडर द बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स पर पावर प्वाइंट प्रैजेंटेशन भी दी। इसके अलावा, हरेरा एक्ट के तहत दिए गए प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए बिल्डरो व श्रम विभाग के अधिकारियों को एक्ट की प्रति भी वितरित की गई। आज आयोजित कार्यशाला में आए बिल्डरों व अलाटियों ने डा. खंडेलवाल से हरेरा से जुड़े अपने संशयों को भी दूर किया। 
 
डा. खंडेलवाल ने कहा कि जो बिल्डर अपने प्रौजेक्ट के बारे में गलत तरीके से विज्ञापन देकर लोगों को गुमराह करके अपनी प्रोपर्टी बेचते है, हरेरा उन पर नकेल कसने का काम करेगा। अथोरिटी द्वारा हाल ही में गुरुग्राम में ऐसे 3-4 विज्ञापनों का संज्ञान लेकर संबंधित प्रौजेक्ट तैयार करने वाले बिल्डरों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब पहले की तरह प्री-बुकिंग नही की जा सकती और कथनी व करनी में अंतर नही होना चाहिए। उन्होंने बताया कि हरेरा भ्रामक  प्रचार करने वाले बिल्डरों के प्रति सख्त रवैया अपनाएगा ताकि लोग गुमराह ना होंऔर अथॉरिटी का उद्द्ेश्य है कि खरीददारों को प्रौजेक्ट की सही और पूरी जानकारी मिले ताकि वे निर्णय ले सकें कि उन्हें कौन सी प्रोपर्टी खरीदनी है। 
 
एक सवाल के जवाब में डा. खंडेलवाल ने बताया कि डैव्लपर को अथॉरिटी को प्रौजेक्ट के बारे में विस्तार से सूचित करना होगा जिसमें जमीन का मालिक कौन है, लाइसैंस कब लिया, कब उसका निर्माण शुरू होगा, कॉमन एरिया कितना है, प्रौजेक्ट कब पूरा होगा, उसमें क्या सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी आदि शामिल हैं। उसके बाद अथॉरिटी द्वारा यह सारी सूचना अपनी वैबसाईट पर डाल दी जाएगी।  उन्होंने कहा कि यह एक्ट प्रमोटर के साथ साथ अलॉटी को उसके उत्तरदायित्वों का बोध करवाता है कि उन्हें क्या और कैसे करना है।
  
इस अवसर पर डा. खंडेलवाल ने कहा कि यह एक्ट प्रोमोटर्स, अलॉटीज़ तथा रियल एस्टेट एजेंटों में बैलेंस बनाता है और उन्हें राहत प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि 1 मई 2017 को निर्माणाधीन प्रौजेक्ट तथा उसके बाद के नए प्रौजेक्ट इस एक्ट के दायरे में आते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक्ट प्रमोटर्स अथवा डैव्लपर या बायर अथवा अलॉटी किसी का भी पक्ष नही लेता बल्कि डैव्लपर, बायर तथा रियल एस्टेट एजेंट के हित में निष्पक्ष रूप से काम करता है। उन्होंने ये भी कहा कि हरेरा अथॅारिटी बनने से रियल एस्टेट के काम में पारदर्शिता आएगी और लोगों का बिल्डरों, खरीददारों तथा रियल एस्टेट एजेंटो मे विश्वास बढ़ेगा। 
 

यह खबर भी पढ़ें : ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे कांग्रेस ने ठगा नहीं : मनोहर लाल

: https://thepublicworld.com/archives/29958

 
डा. खंडेलवाल स्पष्ट किया कि हरेरा में रजिस्टे्रशन बिल्डर का नही अपितु प्रौजेक्ट का किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस महीने के आखिरी सप्ताह में हरेरा की कोर्ट भी लगनी शुरू हो जाएगी जो अथॉरिटी को प्राप्त शिकायतों की सुनवाई करेगी। यह कोर्ट सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और वीरवार को लगा करेगी। एक सवाल के जवाब में डा. खंडेलवाल ने बताया कि शिकायत एक निर्धारित फॉर्मेट में होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हरेरा स्वयं संज्ञान लेकर भी किसी भी प्रौजेक्ट की साईट का निरीक्षण कर सकता है। जिन प्रौजेक्टों की कंपलीशन यह एक्ट लागू होने से पहले ले ली गई है और उनके बारे में भी कंप्लीशन से जुड़ी कोई शिकायत आती है तो उसके बारे में भी प्रौजेक्ट का मुआयना करके हरेरा राज्य सरकार को सिफारिश भेज सकता है। एक अन्य सवाल के जवाब में डा. खंडेलवाल ने बताया कि एक व्यक्ति जिसके पास प्रौजेक्ट का कंस्ट्रक्शन करने  के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी है और वह कंस्ट्रक्शन सेल के लिए है तो चाहे उसका नाम बिल्डर , प्रमोटर अथवा डैव्लपर, जो भी हो उसे प्रौजेक्ट के लिए हरेरा में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। उन्होने ये भी बताया कि सरकारी डैव्लपर जैसे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हाऊसिंग बोर्ड तथा एचएसआईआईडीसी को भी अपने प्रौजेक्ट हरेरा में रजिस्टर करवाने होंगे। इसके अलावा, कोपरेटिव सोसायटी द्वारा बनाए जाने वाले अपार्टमेंट भी इसके दायरे में आएंगे। 
 
इससे पहले श्रम विभाग के अतिरिक्त श्रम आयुक्त एनसीआर नरेश नरवाल ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि हरेरा एक नई अथॉरिटी है जिसके बारे में संपूर्ण जानकारी होनी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हरेरा बनने से रियल एस्टेट के क्षेत्र में जो अविश्वास की स्थिति बन गई थी वह दूर होगी। 
 
कार्यशाला में हरेरा के दोनो सदस्य समीर कुमार व एस सी कुश भी उपस्थित थे। उनके अलावा, सेवानिवृत एचसीएस अधिकारी अशोक बिश्रोई तथा श्रम विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page