किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह  

Font Size

एनसीडी परिसर ,गुरूग्राम में सहकार सम्मेलन का आयोजन                                                                सभी फोटो : शंकर शर्मा 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

 
किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   2गुरुग्राम : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सहकारिता एक राष्ट्रीय आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन 2022 में किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता व्यवस्था को बढ़ावा देना जरूरी है. गरीब और अमीर की खाई को कम करने के लिए सहकारिता एक औजार है। इस दिशा में लक्ष्मणराव राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी के पास काफी बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर है. इसका उपयोग अब राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी नेटवर्क को तैयार करने व उसे प्रशिक्षित करने में होगा. 
 
श्री सिंह आज गुरुग्राम स्थित एन सी डी सी परिसर में सहकार भारती के सहयोग से आयोजित सहकार सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. कृषि मंत्री ने भारती के संस्थापक लक्ष्मणराव इनामदार के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा उन्होंने राजनीति से हटकर सहकार भारती को नेतृत्व किया। देश के विभिन्न हिस्सों के गांव-गांव जाकर उन्होंने यह संगठन खड़ा किया। किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   3
 
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने लक्ष्मण राव इनामदार के जन्म शताब्दी मनाने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री के मागदर्शन में देश के सभी राज्यों में सहकार मेले आयोजित किए जाएंगे। आगामी 16-17-18 मार्च को पूसा नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकार मेला आयोजित किया जाएगा। सहकारिता को आगे बढ़ाने में सहकार भारती की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। गुरुग्राम की लक्ष्मणराव राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी  उनके आदर्शों का एक बड़ा स्मारक होगी जोकि सहकारिता आंदोलन के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी। इसके लिए 5 एकड़ की जमीन उपलब्ध है. अगर संस्थान को विस्तार देने के लिए और आवश्यकता हुई तो इसके साथ उपलब्ध कृषि मंत्रालय की 5 एकड़ जमीन भी मुहैया करा दी जायेगी.
 

किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   4सहकारिता की परंपरा भारत में प्राचीन काल से :  डा.मोहन भागवत 

 
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के  सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा कि सहकारिता की परंपरा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। बिना सहकार नहीं उद्धार के मूलमंत्र को भाव देने का कार्य लक्ष्मणराव इनामदार ने किया था। उनका मानना था कि बिना संस्कार नहीं सहकार। सहकारिता का स्वरूप ऐसा हो चला था कि केवल चलाने वालों का उद्धार हो लेकिन जिनके लिए होना चाहिए उनका नहीं हो। सहकार भारती ने सहकारिता आंदोलन को भाव के साथ आगे बढ़ाने की दिशा में प्रशंसनीय कार्य किया है। इसी भाव के साथ देश में अब सहकारिता के क्षेत्र में हम एक बड़ी छलांग लगाने जा रहे हैं। लक्ष्मण राव के भाव को आधार मानते हुए उत्तर भारत में अब सहकारिता के काम को आगे बढ़ाया जाएगा। यह बात गुरुग्राम में लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी में सहकार भारती की ओर से आयोजित सहकार सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कही। किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   5
 
 मुख्य वक्ता के रूप में डा. भागवत ने सहकारिता की व्याख्या करते हुए बताया कि इसमें स्पर्धा की बजाए सहयोग की भावना रहनी चाहिए। सहकारिता किसी पर उपकार नहीं बल्कि किसी को स्वावलंबी बनाने का कार्य है। आज की नई पीढ़ी में स्वावलंबी होने की बात है। उनके सपनों को पंख देने का कार्य सहकारिता के माध्यम से ही संभव है। यह ऐसा वर्ग है जो परिश्रम के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने लक्ष्मणराव इनामदार से जुड़े संस्मरणों का जिक्र करते हुए बताया कि मुझे उनके निकट रहकर काम करने का अवसर मिला है। उनके जीवन में विवेक, संस्कार, मर्यादा से मैं बेहद प्रभावित हुआ है। मुझे इस कार्यक्रम केे जरिए उन्हें भावांजलि देने का अवसर मिला है। उनकी जीवनी में उन्हें सहकार भाव के प्रणेता बताया गया सहकारिता के संदर्भ में उनके जीवन की सबसे सटीक व्याख्या है। 
किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   6
सरसंघचालक ने कहा कि सहकारिता मे अंत्योदय का भाव होना अति आवश्यक है। सहकारिता के जरिए किसी भी प्रकार के भय का मुकाबला परस्पर सहयोग से किया जा सकता है। संस्कार भारती के मूलमंत्र बिना संस्कार, नहीं सहकार वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सही है। आपसी सहयोग संवेदना के साथ होना चाहिए। ज्ञान, पूंजी और श्रम तीनों के सहयोग से सहकारिता के लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। समाज को समर्थ, स्वावलंबी व कल्याण के कार्य सहकारिता से ही संभव है। उन्होंने कहा कि आज हमारा अपना समाज है। विभिन्न भाषा, पंथ, संप्रदायों से होने के बावजूद हम सब भारत माता के पुत्र है। आपस में सहयोग रहा तो सब संकटों का समाधान है। समाज में आत्मीय भाव से आपसी सहयोग पूरी तरह गैर राजनीतिक होना चाहिए। स्पर्धा की बजाए सहयोग की भावना से ही सहकारिता आंदोलन आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की ओर से तैयार सहकार-22 पुस्तिका का विमोचन भी किया।  
 

उत्तर भारत के राज्यों में सहकारी व्यवस्था को और बढ़ावा देने की जरूरत  :    मनोहर लाल किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   7

 

इससे पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने अपनेर संबोधन में सहकारिता को लेकर देश के उत्तरीय राज्यों में भावना परिवर्तन को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि एक सबके लिए, सबके लिए एक की भावना के साथ काम करने से सहकारिता को बढ़ावा मिलेगा। 

 मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने कहा कि सहकारिता के लाभ व संसाधनों के उपयोग की जानकारी अधिक से अधिक सामने लानी चाहिए। यह आंदोलन देश के अनेक राज्यों में बेहद सफल साबित हुआ है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के तहत देश भर में 8.33 लाख सहकारी समितियां पंजीकृत है। जबकि देश के उत्तरीय राज्य जिनमें जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, उत्तर प्रदेश व हरियाणा में पंजीकृत समितियों की कुल संख्या 40 हजार है। अकेले महाराष्ट्र राज्य में 2.45 हजार समिति पंजीकृत है। ऐसे में देश के उत्तरीय राज्यों में सहकारिता की भावना को लेकर परिवर्तन की अत्यंत आवश्यकता है। 
 
किसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   8मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले वर्ष पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्म का शताब्दी वर्ष मनाते हुए अंत्योदय की भावना पर काम किया है। अंत्योदय व सहकारिता का लक्ष्य एक ही है। ऐसे में इस साल सहकारिता पर काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सहकारिता के जरिए ही युवाओं, महिलाओं के लिए रोजगार व लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सहकार भारती के संस्थापक लक्ष्मणराव इनामदार का जिक्र करते हुए बताया कि 1978 में गणेश चतुर्थी के दिन इस संस्था की नीवं रखी गई थी। जिस प्रकार एक कारीगर की पहचान उसकी तैयार की गई मूर्ति से होती है उसी तरह लक्ष्मणराव इनामदार के बनाए गए स्वयंसेवक श्री नरेंद्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री है। ऐसे में उनके व्यक्तित्व की ऊंचाई का सहज ही आंकलन किया जा सकता है। 
 

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम का ऋण रिकवरी में 99 प्रतिशत सफलता का रिकॉर्ड :  संदीप नायककिसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   9

 
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के एमडी संदीप नायक ने संस्थान की रूपरेखा व अब तक की उपलब्धियों को रेखांकित किया. उन्होंने सहकार-22 की जानकारी दी और इसके माध्यम से देश के 222 जिले में किसानों के कल्याण के लिए काम करने की बात की.
इस संस्था के माध्यम से प्रशिक्षण के साथ-साथ अब तक एक लाख करोड़ ऋण देने का दावा किया जबकि एन पी ए जीरो प्रतिशत है. ऋण रिकवरी में 99 प्रतिशत सफलता का रिकॉर्ड कायम किया है. श्री नायक ने बताया कि एक वर्ष में पाने लक्ष्य को पूरा करते हुए 18 रीजनल ऑफिस के माध्यम से 20 हजार करोड़ ऋण दिए गए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले चार वर्षों में संस्था की गतिविधियों को महतवपूर्ण विस्तार दिया गया. सहकार मिशन आरम्भ करने की जानकारी दी और आश्वस्त किया कि किसानों की आय दोगुना करना संभव होगा. 
उनके अनुसार देश प्रत्येक राज्य में किसान रिसोर्स सेंटर स्थापित किया जायेंगे.
उन्होंने बताया कि लक्ष्मणराव राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी को  विश्व स्तर का रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा. इसके लिए राष्ट्रीय एवं अंतर राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन करने की रूप रेखा तैयार की गयी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा लक्ष्य एक बेहतरीन बिजनेस मॉडल तैयार करने और उसी दिशा में लोगों को प्रेरित करना है . 
 

सहकार भारती के संस्थापक लक्ष्मणराव इनामदार की प्रतिमा का अनावरणकिसानों की आय दोगुना करने के लिए सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका :  राधा मोहन सिंह   10

 
ट्रेनिंग ऑफ पर्सनल इन को-आपरेटिव (टॉपिक) इंस्टीट्यूट को विस्तार देते हुए संस्थान का नाम लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी कर दिया गया। भारत सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लक्ष्मणराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी का शुभारंभ किया तथा सरसंघचालक की उपस्थिति में अकादमी परिसर में सहकार भारती के संस्थापक एवं सहकारिता के प्रणेता लक्ष्मणराव अकादमी की प्रतिमा का भी अनावरण किया गया। 
 

कई राज्यों के कृषि मंत्री मौजूद 

 
सहकार सम्मेलन के दौरान संस्कार भारती की ओर से हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर, उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी, हिमाचल प्रदेश के सहकारिता मंत्री डा. राजीव जायसवाल, जम्मू एवं कश्मीर के सहकारिता मंत्री सेवांग दोरजे, मणिपुर की सहकारिता मंत्री निपेश केपजेन,  बजरंग लाल,  प्रान्त के संघ चालक पवन जिंदल , प्रान्त प्रचारक विजय कुमार , प्रदेश कार्यवाह देवी सिंह जी , विभाग प्रचारक शिव कुमार , विभाग  कार्यवाह  हरीश शर्मा , महानगर  कार्यवाह  विजय कुमार आदि सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे। सहकारी आंदोलन से जुड़े संदीप लौंदे को सरसंघचालक ने सम्मानित किया। मंजीत सिंह ने सहकारिता की धारा गीत की प्रस्तुति दी।
 
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, सहकारिता राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता, मार्गदर्शक बजरंग लाल गुप्ता, संरक्षक सतीश मराठे, महामंत्री उदय जोशी, राष्ट्रीय सहकारी विकास निमग के प्रबंध निदेशक संदीप नायक आदि गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे ।   
 
———————
 
 

You cannot copy content of this page