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: पुलिस में रिटायर्ड अधिकारियों के लेने से युवाओं के साथ नाइंसाफी : आफताब अहमद
: पुलिस का किसी भी कीमत पर निजीकरण बरदास्त नहीं होगा
यूनुस अलवी
मेवात : हरियाणा पुलिस महकमे में अनुबंध आधार करीब साढ़े पांच हजार रिटायर्ड हेड कांस्टेबल और इंस्पेक्टरों को लगाने का प्रपोजल डीजीपी बीएस संधू ने अभी सरकार के पास भेजा है जिसपर मुख्यमंत्री की मुहर लगनी बाकी है। डीजीपी सरकार के इस फैंसले के बारे में कुछ दिन पहले मेवात आने पर पत्रकारवार्ता में दौहरा चुके हैं। सरकार की मंजूरी से पहले ही कांग्रेस नेता इसके खिलाफ मैदान में उतर आऐ है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार की इस योजना को युवाओं के साथ खिलवाड बताया है।
पूर्व परिवहन मंत्री एंव कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष आफताब अहमद ने कहा कि पुलिस विभाग का निजीकरण किसी सूूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पुलिस महकमे में अनुबंध आधार पर भर्तियां करने से प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था और बिगड़ जाएगी। वहीं पुलिस कर्मचारी और अधिकारी निष्पक्ष काम नहीं कर सकेंगे। पुलिस महकमे में इस समय करीब 15 हजार से अधिक पद खाली हैं। उनका तर्क है कि नियमित भर्ती की बजाय ठेके पर नियुक्तियों से युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो चुके लोगों को अगर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी तो प्रदेश की सुरक्षा किस तरह से होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
कांग्रेस प्रदेश सचिव सहाब खां पटवारी का कहना है कि सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों की नियुक्ति से मौजूदा पुलिस कर्मचारियों की पदोन्नतियां रुक जाएंगी जिससे उनका मनोबल गिरेगा। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस के निजीकरण की बजाय पक्की नियुक्तियां करें। साथ ही विगत साढ़े तीन साल में हुई भर्तियों पर सरकार श्वेतपत्र जारी करे ताकि पता चले कि कितने युवाओं को अभी तक रोजगार मिला है।
कांग्रेस प्रदेश सचिव इब्राहीम इंजिनियर एंव प्रदेश महासचिव अखतर हुसैन काटपुरी ने सरकार का वो वादा कहां गया जो युवाओं को रोजगार देने के लम्बे-लंबे वादे करती थी। कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर वेतन का बात करती थी लेकिन आप भाजपा सरकार पुलिस का भी निजि करण कर रही है। अगर आने वाली सरकारें भी इसी नक्शे कदम पर चली तो भविष्य में कई तरह की कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है साथ ही युवाओं के रोजगार के रास्ते बंद हो जाऐगें।