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: मामला वापिस लेने और ब्यान बदलने की आरोपी और जांच अधिकारी बना रहे हैं दबाव
: डीएसपी ने कहा पीडित पक्ष को इंसाफ मिलेगा, जो धमकाऐगा उनके खिलाफ मामला दर्ज होगा
यूनुस अलवी
मेवात : गरीब की बेटी समझकर एक 15 साल की नाबालिग लडकी के साथ जबरजस्ती रेप किया। जब थाने में शिकायत दी तो पीडित परिवार को जान से मारने की धमकी दी। वहीं पुलिस ने भी आरोपियों की तरफदारी करते हुऐ केवल रेप का मामला दर्ज किया और नाबालिक के साथ रेप करने का पास्को एक्ट नहीं लगाया। पीडित परिवार ने सोमवार को नूंह के डीएसपी से इसकी शिकायत की जहां उन्होने एफआईआर में पास्को एक्ट लगाने और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश दिए।
नगीना खंड के एक गांव की 15 साल की नाबालिग लडकी समीना (बदला नाम) के पिता ने बताया कि वह किसी काम से बाजार में घरेलू सामान खरीदने गया था वहीं उसकी बेटी जंगल में दोपहर के समय पशुओं को चारा लेने गई थी। जब वह चारा काट रही थी तो गांव बसई खांजादा निवासी नाशिद ने उसे पीछे से पकड लिया कर नीचे गिरा दिया और जबरजस्ती करने लगा। जब उसने शोर मचाने की कोशिस की तो मूंह में कपडा ठूंस कर गलत काम किया। बाद में घटना की परिजनों को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया।
उन्होने बताया कि इसकी शिकायत दूसरे दिन उन्होने महिला थाने में की जहां कार्रयत एक पुलिस कर्मी ने उसे धमकाया और कहा की तुम झूंट बोल रही तो दूसरे पक्ष से उनकी बात हुई जो इसे झूंठा बता रहे हैं। पीडित लडकी के पिता का कहना है कि जब उन्होनेे कहा कि उसकी बेटी का मेडिकल करा लो अगर झूठा है तो उलटा हमारे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर देना। बाद में बडी मुश्किल से पुलिस ने मेडिकल कराया। मेडिकल में पुष्टि होने के बाद ही पुलिस ने मामला दर्ज किया। उन्होने बताया कि पुलिस को उन्होने अपनी बेटी की आयू का सर्टिफिकेट दे दिया उसके बावजूद भी पासको ऐक्ट नहीं लगाया।
पीडित परिवार का कहना है कि आरोपी उनपर मामला वापिस लेने का दवाब बना रहे है और झूठे मामला में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। मामला दर्ज हुऐ 14 दिन हो गऐ है लेकिन पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। उल्टा जांच अधिकारी उनको ब्यान बदलने का दवाब बना रही है। जबकि उसके बदालत में भी ब्यान हो चुके हैं।
वहीं डीएसपी संजीव का कहना है किपीडित पक्ष सोमवार को उनसे मिला है। मुकदमा में पोस्कों ऐक्ट लगाने और आरोपियो की गिरफ्तारी के आदेश दे दिये हैं। उन्होने कहा कि अगर कोई भी आरोपी पीडित पक्ष को धमकाने का प्रयास करेगा तो एक ओर अलग से मुकदमा दर्ज किया जाऐगा। जांच निश्पक्ष की जाऐगी।