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: तीन माह बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है
: प्लाट के पैसे मागने पर बडे भाई ने छोटे भाई को मारा था
यूनुस अलवी
मेवात : भाई द्वारा भाई की हत्या का प्रयास करने के आरोप में पुलिस द्वारा तीन महिने पहले दर्ज किए गऐ मामले में अभी तक पुलिस ने ना तो किसी आरोपी को गिरफ्तार किया है और ना ही डाक्टरों से ओपिनियन लेकर हत्या का प्रयास करने की धारा ही ऐड की है। घायल पिछले तीन महिने से ना तो देख पा रहा है और ना ही बोल पा रहा है। फिलहाल घायल जकरिया का दिल्ली के ट्रोमा सेंटर से इलाज चल रहा है। अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने से पीडित परिवार में पुलिस के खिलाफ भारी रौश है।
पीडित महिला की पत्नि इसलामी ने बताया कि उसके पति जकरिया ने करीब 11 साल पहले अपने बडे भाई खुरशीद से गांव में ही करीब दो लाख रूपये की लागत से प्लाट खरीदी थी। करीब तीन महिने पहले जकरिया ने प्लाट की रजिस्ट्री कराने को खुरशीद से कहा तो उसने पैसे और प्लाट देने से साफ मना कर दिया। इसी बात को लेकर दोनो भाईयों में तू-तू, मैं-मैं हो गई। आखिकार खुरशीद ने अपने बेटे जावेद, जाबिर, साकिर और पत्नि जैतूनी के साथ मिलकर जकरिया को बुरी तरह मारा। आरोपी उसके पति को मरा हुआ छोडकर चले गऐ। बाद में जकरिया को मेवात शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले गऐ जहां उसकी हालत को देखते हुऐ डाक्टरों ने उसे दिल्ली के ट्रोमा सेंटर रेफर कर दिया।
इसलामी का कहना है कि जकरिया ट्रोमा सेंटर में करीब दो महिने तक भर्ती रहा तथा उसके पांच ऑपरेशन भी किए गऐ। उन्होने बताया कि जकरिया अभी तक ना तो बोल पा रहा है और ना ही देख पा रहा है। भले ही देखभाल की नियत से डाक्टरों ने उसके पति को करीब एक महिने पहले घर भेज दिया है लेकिन अभी तक उसका इलाज ट्रोमा सेंटर से ही चल रहा है।
घायल जकरिया के भाई तैयब का कहना है कि अभी तक पुलिस ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। उन्होने बताया कि ट्रोमा सेंटर से ओपिनियन की रिपोर्ट आ चुकी है फिर भी पुलिस ने हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज नहीं किया है।
वहीं जांच अधिकारी मणि राम ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से डाक्टरों की ओपिनियन ली जानी है। जल्द ही ओपिनियन लेकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाऐगा।