कांग्रेस कार्यालय में गांधी व शास्त्री याद किये गए
गांधी के जीवन की सार्थकता और जरूरी हो गई : राव धर्मपाल
गुरुग्राम : पूरी दुनिया में आज आंतकवाद और अहिंसा का दौर मण्डरा रहा है ऐसे में शांति के दूत महात्मा गांधी के जीवन की सार्थकता और जरूरी हो गई है। महात्मा गांधी ने बडे-बडे कार्यों को जिस तरह से शांति पथ पर चलकर हल किया आज भी उसी रास्ते पर चलकर उनका समाधान हो सकता है। बदलाव यह आया है कि आज हिंसा और शांति की बागडौर आंतकवादियों के हाथ में है जिससे निपटना बडा मुश्किल हो गया है।
यह बात कांग्रेस के नेता राव धर्मपाल ने कही। वे जिला कांग्रेस कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर कांग्रेस कार्यालय में एकत्रित हुए कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी और शास्त्री जी को याद कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके बताए मार्ग पर चलने की शपथ दिलाई।
कांग्रेस के नेता जितेंद्र कुमार भारद्वाज ने कहा कि आज इन महान विभूतियों के कारण ही भारत पूरी दुनिया में शांति का दूत और बडा लोकतांत्रिक देश माना जाता है। 130 करोड के भारत ने हर परिस्थिति में अपने आप को शांति के पथ पर बनाकर रखा है और जनता उसका फ्लोअप कर रही है। उन्होंने इन नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज कांग्रेस 100 प्रतिशत उनकी नीतियों का अनुशरण करती है।
इस अवसर पर पीसीसी सदस्य एवं बादशाहपुर से कांगे्रस के उम्मीदवार रहे विरेंद्र यादव, पूर्व विधायक और चेयरमैन रामबीर सिंह ने श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि आज भारत उनके बताए हुए मार्ग पर चलते हुए एकजुट होकर विकास में लगा है। महात्मा गांधी ने जो अहिंसा का मार्ग दिखाया था उस पर भारत चल रहा है और पूरी दुनिया को चलना चाहिए। हिंसा से कोई भी रास्ता तय नहीं हो सकता। शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का जो नारा दिया था उसका सार्थक अर्थ यह है कि युवाओं के नेतृत्व में देश विकास करें और तरक्की करें। कांगे्रस की नीतियां उनके आदर्शों से ही बने हैं। इस अवसर पर उन्होंने शपथ ली कि वे देश की एकता और अखण्डता के लिए अहिंसा के मार्ग का अनुशरण करते रहेंगे और युवाओं के नेतृत्व में विकास का मार्ग पकडकर रखेंगे। इस अवसर पर कांग्रेस कार्य कर्ताओं ने महात्मा गांधी अमर रहे और जय जवान जय किसान के नारे लगाये।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता के रूप में गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांड़ी मार्च, अंग्रेजो भारत छोडो आंदोलन चलाकर भारतीयों का नेतृत्व किया । गांधी ने कहा था कि क्षमा, अंहिसा द्वारा हम अपना आत्मा शुद्विकरण कर सकते है । उन्होने कहा कि सभी लोगो को महात्मा गांधी जैसे महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए । महात्मा गांधी द्वारा दिखाये गए सत्य अंहिसा, प्रेम, सत्याग्रह के मार्ग पर चलकर ही विश्व का कल्याण हो सकता है ।
इस अवसर पर चौ. खजान सिंह, विपिन खन्ना, सुशील कुमार टूलर, कुलराज कटारिया, जितेंद्र राणा, श्रीमती शांति देवी, सुनीता सहरावत, पूर्जा शर्मा, अनु पटौदी, प्रेमवती, सरोज चौधरी, आजाद अहलावत, महादेव, धर्मराज, राजेंद्र सिंह राठौर, बाबूलाल, औमप्रकाश सरपंच, सब्बीर चेयरमैन, चौ. नथोली, समसुदीन, जसवंत राघव, चौ. तैयब खान, चौ. हबीब खान, चौ. इकबाल खान, भगवान साह, सुरेश शर्मा, राकेश शर्मा, महाबीर मास्टर, सुरेंद्र प्रधान, राजेश गुप्ता, सतबीर, सुभाष कुमार, रविंद्र कुमार, नीरज कुमार, कमल ठेकेदार, धर्म भारद्वाज, हाजी रमजानी, असगर, रविंद्र निमोठ, संदीप खटाना, फूल सिंह नम्बरदार, बाबू खान, अशोक भास्कर आदि भी मौजूद थे।