आयुध डिपो के 300 मीटर दायरे में नए मकान सील होंगे, एफ आई आर भी होंगे दर्ज

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उच्च न्यायालय के आदेश पर नए निर्माण पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाने की कवायद में जुटा जिला प्रशासन 

15 दिनों में सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने के आदेश 

गुरुग्राम, 29 नवंबर। गुरुग्राम के आयुध डिपो के चारो तरफ 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में नए अवैध निर्माणों को रोकने तथा  पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशो को अमलीजामा पहनाने के लिए उपायुक्त विनय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। अब इस प्रतिबंधित क्षेत्र में नए अवैध निर्माण करने वालो पर ना केवल सख्ती बरती जाएगी बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर निर्माणों को सील करके गिराया भी जाएगा। 
 
इस बैठक में उपायुक्त ने 54 एएसपी वायुसेना केन्द्र गुरुग्राम (आयुध डिपो) के  300 मीटर प्रतिबंधित क्षेत्र में बने निर्माणों का सर्वेक्षण कर रही एजेंसी को 15 दिनों में सर्वेक्षण की कार्यवाही पूरी करते हुए रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में भिजवाने के आदेश दिए है। यह सर्वेक्षण एजेंसी नगर निगम गुरुग्राम द्वारा लगाई गई है। उपायुक्त ने कहा कि 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई भी नया अवैध निर्माण नही होने दिया जाएगा और यदि फिर भी कोई होता है तो नगर निगम के वरिष्ठ नगर योजनाकार द्वारा उसे सील कर दिया जाएगा। प्रतिबंधित क्षेत्र में सर्वेक्षण तथा अवैध निर्माण रोकने, हटाने तथा सील करने के कार्य में वायुसेना केन्द्र की टीम भी नगर निगम गुरुग्राम का सहयोग करेगी। इस कार्य में यदि आवश्यकता हुई तो पुलिस आयुक्त द्वारा अवैध निर्माण रोकने के लिए पुलिस की मदद भी उपलब्ध करवाई जाएगी। 
 
उपायुक्त ने सर्वेक्षण के दौरान तथा नए अवैध निर्माण सील करने अथवा हटाने के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नगर निगम के सभी सहायक इंजीनियरों को स्थाई तौर पर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया है। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को उच्च न्यायालय के आदेशो का अक्षरश: पालन करने के आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में कोई भी ढील नही बरती जानी चाहिए।
 
बैठक में उपायुक्त ने नगर निगम के वरिष्ठ नगर योजनाकार को आदेश दिए कि वे संबंधित रिकॉर्ड से आयुध डिपो के चारो तरफ 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र की पहचान करें और उसकी पुष्टि करें। इसमे प्रतिबंधित क्षेत्र में संपत्तियों की संख्या, संपत्ति की आईडी प्राप्त करना, संपत्तियों का पूरा पता रिकॉर्ड करना, भवन मालिकों की पूरे विवरण के साथ सूची तैयार करना , अनाधिकृत घरों अथवा आवासों का निर्मित व खाली क्षेत्र का आंकलन आदि जानकारियां शामिल है। इस कार्य में नगर निगम के वरिष्ठ नगर योजनाकार जिला प्रशासन के अन्य विभागों के अधिकारियों से मदद ले सकते हैं ताकि यह कार्य निर्धारित समय में जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। साथ ही उपायुक्त ने कहा कि सर्वेक्षण कार्य में यदि कोई बाधा पहुंचाता है तो उसके खिलाफ कानून के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। 
 
बैठक में वायुसेना केन्द्र के गु्रप कैप्टन दीपक पाठक व स्क्वाड्रन लीडर एनएस महला, एसीपी सिविल लाइन्स महेन्द्र सिंह, जिला राजस्व अधिकारी हरिओम अत्री , नगर निगम के  डीटीपी मोहन सिंह , नायब तहसीलदार इंद्रजीत , नगर निगम के एसडीओ अमित , बिजली निगम के मैनपाल ढुल , हुडा से प्रेम सिंह तथा उपायुक्त कार्यालय से सहायक न्यायवादी नैना वशिष्ठ सहित कई अधिकारीगण उपस्थित थे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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