भारत-सिंगापुर आर्थिक एवं वाणिज्यिक हितों में वृद्धि का खाका तैयार करने पर चर्चा
नई दिल्ली : केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने सिंगापुर के अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे के अंतिम दिन आज सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से मुलाकात की। दोनों ही नेताओं ने भारत और सिंगापुर के साझा इतिहास का स्मरण किया जो सुदृढ़ वाणिज्यिक, सांस्कृतिक एवं दोनों देशों के निवासियों के बीच जन संपर्क में निहित है। उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बैठक पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने भारत-सिंगापुर भागीदारी को बढ़ाकर रणनीतिक स्तर पर ले जाने और अपने सपने को साकार करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों पर विचार-विमर्श किया। इसके अलावा श्री जेटली और श्री लूंग ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के साथ-साथ पारस्परिक हितों से जुड़े मुद्दों जैसे कि द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश बढ़ाने और इन क्षेत्रों में आपसी भागीदारी बढ़ाने के उपायों तथा भारत-सिंगापुर आर्थिक एवं वाणिज्यिक हितों में वृद्धि का खाका तैयार करने पर भी विस्तार से चर्चाएं कीं।
इससे पहले केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री जेटली ने आज सिंगापुर में आयोजित मॅार्गन स्टैनली के 16वें वार्षिक एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया, जिसका विषय था ‘भारत:ढांचागत सुधार एवं भावी विकास पथ।’ इस दौरान श्री जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और वर्तमान सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में विस्तार से बताया जिसका उद्देश्य भारत को एक आकर्षक वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करना है। उन्होंने विशेष रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण कर सुधार जीएसटी का उल्लेख किया। इसके अलावा उन्होंने बैंकों को दिए गए पुनर्पूंजीकरण पैकेज, भारत में कारोबार करने में सुगमता, कालेधन पर कार्रवाई, विमुद्रीकरण एवं इसके बाद उठाए गए अन्य संबंधित कदमों और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़ी नीतिगत व्यवस्था में किए गए सुधारों का भी जिक्र किया।
वित्त मंत्री ने अधिक रोजगारों के सृजन और आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने और ढांचागत क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने हेतु अनुकूल माहौल बनाने की सरकारी प्रतिबद्धता दोहराई।