300 मरीजों का नाड़ी परीक्षण से ईलाज

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पंचगव्य आयुर्वेद सेमिनार एवं निशुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन

गुरुग्राम :   वैश्य समाज धर्मशाला सेक्टर 4, गुड़गांव में पंचगव्य आयुर्वेद सेमिनार एवं निशुल्क चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन भारतीय गौसंसद फाउंडेशन एवं गौ तीथार्थश्रम  उत्तराखण्ड ने मिलकर 30 सितम्बर शुरुवार प्रातः 11 बजे से सांय 5 बजे तक किया।
भारतीय गौसंसद फाउंडेशन के राष्ट्रिय प्रवक्ता कुलदीप जांघू ने जानकारी दी कि सेमिनार के मुख्य प्रवक्ता  निरंजन भाई वर्मा  ने पंचगव्य अयुर्वेद चिकित्सा के बारें में कि पंचगव्य चिकत्सा से असाध्य रोंगो जैसे गठिया, बाय(घुटनो का दर्द), मधुमेय, लिवर, किडनी, मोटापा, थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर,साइनोसाइटिस, कमर दर्द, पेट रोग, कब्ज, गैस, माइनोग्रेन, चर्म रोग (सफेद दाग), सोराइसिस, एग्जिमा आदि की सरल चिकित्सा के बारें में सरलता से बताया गया व्चिकित्सा दी गई।
श्री जांघू ने बताया हमारी संस्था स्वामी विश्वधानंद एवं डॉ रामस्वरूप चौहान पंचगव्य औषधीय वैज्ञानिक के मार्गदर्शन पर कार्य कर रहे व् उत्तराखण्ड सेआये डॉ हरवीर कुमार डा अनिता जी, डाक्टर ज्ञानेंद्र, डॉ विश्राम सिंह कुर्मी, डॉ सोमपाल (एम डी पँचगव्य) में पँचगव्य औषधियों के विषय में विस्तार से बताकर करीब300 मरीजों का नाड़ी परीक्षण किया। डॉ टीम ने कहा कि पँचगव्य औषधियां जो कि दूसरे रूप में गौमाता द्वारा दिया हुआ अमृत है। शिविर आयोजन में कार्य कर रहे हरीशगुप्ता एवं राजेश गुप्ता ने कहा कि हमारा उद्देश्य पंचगव्य पदार्थों से पवित्र पवित्र गौमाता व् मानवता की सेवा करना है।  सेमिनार में राष्ट्र प्रकाश (उत्तर भारत गौ प्रकोष्ठ, विश्व हिंदू परिषद् ), राधाकान्त शास्त्री  ( कार्यकारी अध्यक्ष,  मान मंदिर,  बरसाना),  डाक्टर श्रीनरेश शर्मा जी (संस्थापक अध्यक्ष,  कामधेनु टस्ट) ,  योगेन्द्र जांघू  सरपंच  दौलताबाद गांव भी पधारे।
कुलदीप जाघूँ ने कहा कि हमें गौशालाओं को स्वावलम्बी बनाना चाहिए जिससे गौमाता खुद अपने पँचगव्य औषधियों से मिली आय पर निर्भर रह सके। शिविर में प्रयोग के माध्यम से दिखाया गया कि कैसे केवल भारतीय नस्ल की गाय के गौअर्क से बनी हुई औषधियों से किस प्रकार असाध्य रोगों की सरल चिकित्सा कीजाती है। शिविर में हरिश चंद गुप्ता, राजेश गुप्ता, मनीष शर्मा, सिधनाथ गुप्ता जी, नरेश सिंह, पुरुषोत्तम शर्मा, विजय गुप्ता, धर्मपाल मलिक आदि सदस्यों ने संचलन में सहयोग दिया।

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