भारत में विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी कृषि योग्‍य भूमि एवं 127 विविध कृषि जलवायु क्षेत्र : मोदी

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प्रधानमंत्री ने किया विश्‍व खाद्य भारत-2017 का उद्घाटन

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में विश्‍व खाद्य भारत-2017 का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन केन्‍द्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के दिशा-निर्देश के तहत खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्रालय द्वारा किया गया है।

अर्मेनिया के राष्‍ट्रपति एच.ई  सर्ज सर्गेसन, लातविया प्रधान मंत्री एच.ई.  मैरिस कुसिन्स्कीस इटली के आर्थिक विकास के उपमंत्री  पीटर ब्लेसर, जर्मनी के खाद्य व कृषि के संघीय मंत्री  एस्बेन लुंडे लार्सन और डेनमार्क के पर्यावरण और खाद्य मंत्री भी उपस्थित थे। नेस्ले के निदेशक मंडल के अध्यक्ष  पॉल बॉल्के, यूनिलीवर के खाद्य विभाग के वैश्विक अध्‍यक्ष सुश्री अमांडा शोररी, मेट्रो एजी और मेट्रो कैश केरी के सीईओ  पीटर बून, ट्रेंट लिमिटेड के अध्‍यक्ष और टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक  नोएल टाटा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री तथा खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग राज्‍य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी उद्घाटन समारोह में शामिल हुई।

भारत में पहली बार विश्‍व खाद्य सम्‍मेलन आयोजित किया गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘निवेश बंधु’ (http://foodprocessingindia.co.in/) पोर्टल या इन्‍वेस्‍टर फ्रेंड का शुभारंभ किया। इस पोर्टल में केंद्र व राज्‍य सरकारों की नीतियां तथा खाद्य प्रसंस्‍करण प्रक्षेत्र के अंतर्गत दी जा रही रियायतों की जानकारी होगी। यह व्‍यवसायियों, किसानों, व्‍यापारियों, प्रसंस्‍करण से जुड़े लोगों और लॉजिस्‍टिक संचालकों के लिए एक साझा मंच होगा। इस पोर्टल में खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय के साथ प्रकाशनों को शामिल किया गया है, जो निवेशकों को निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री ने भारतीय व्‍यंजन पर एक स्‍मारक टिकट और एक कॉफी टेबल बुक को जारी किया।

प्रधानमंत्री ने कृषि के क्षेत्र में भारत की शक्‍ति को विभिन्‍न और कई प्रकार से देखा जा सकता है। विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी कृषि योग्‍य भूमि और अधिकाधिक 127 विविध कृषि जलवायु क्षेत्र, जो कि केले, आम, गवा, पपीता और ओकरा जैसी फसलों के क्षेत्र में हमें वैश्विक नेतृत्‍व प्रदान करता है। चावल, गेहूँ ,मछली, फल और सब्जियों के उत्‍पादन के क्षेत्र में विश्‍व में हम दूसरे नम्‍बर पर हैं। साथ ही, भारत एक बड़ा दूध उत्‍पादक देश है। पिछले दस वर्षों के दौरान हमारे बागवानी क्षेत्र ने प्रतिवर्ष औसतन 5.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है।

सदियों से भारत ने हमारे खास मसालों की तलाश में आये दूरवर्ती देशों के व्‍यापारियों का स्‍वागत किया है, जो यहां विशेष मसालों की खोज में आए थे। उन्‍होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्‍करण भारतीय जीवन का एक अंतरंग हिस्‍सा है। एक अत्‍यंत साधारण घर में भी सदियों से यह परंपरा जारी है। साधारण घरेलू तरीकों जैसे खमीर बनाने के माध्‍यम से हमारे विख्‍यात अचार, पापड़, चटनी और मुरब्‍बे तैयार किए जाते हैं, जो दुनिया भर में बेहद लोकप्रिय हैं।

भारत आज विश्‍व की तेजी से विकसित हो रही अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक है। वस्‍तु और सेवा कर या जीएसटी ने करों की बहुलता को समाप्‍त किया है। भारत ने विश्‍व व्‍यापार रैंकिंग में तीस रैंक का उछाल दर्ज की है। यह भारत का अब तक का सबसे अच्‍छा प्रदर्शन है और इस साल किसी भी देश द्वारा अंकों में की गई सबसे ऊंची छलांग है। भारत को वर्ष 2016 में ग्रीनफील्‍ड निवेश में प्रथम स्‍थान प्राप्‍त हुआ था। वैश्विक नवाचार सूचकांक, ग्‍लोबल लॉजिस्टिक इंडेक्‍स और वैश्विक स्‍पर्धात्‍मक सूचकांक में भी भारत की स्थिति में तेजी से प्रगति हो रही है।

भारत में नया व्‍यापार शुरू करना अब पहले की अपेक्षा अधिक सरल हो गया है। विभिन्‍न एजेन्सियों से मंजूरी प्राप्‍त करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। पुराने कानूनों के स्‍थान पर नये कानूनों का निर्माण किया गया है और अनुपालन बोझ को कम किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मूल्‍य श्रृंखला के विभिन्‍न वर्गों में निजी क्षेत्र की सहभागिता में वृद्धि हुई है। हालांकि, अनुबंध कृषि, कच्‍चा माल प्राप्‍त करने और कृषि संबंधों के निर्माण में और अधिक निवेश की आवश्‍यकता है। कई अंतर्राष्‍ट्रीय कंपनियां भारत में अनुबंध खेती के लिए आगे आई हैं। भारत को एक प्रमुख आउटसोर्सिंग हब के रूप में देखने वाली वैश्विक सुपर मार्केट के लिए यह एक खुला अवसर है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक, संसाधन और पैकेजिंग के साथ परम्‍परागत भारतीय भोजन का संयोजन विश्‍व को हल्‍दी, अदरक और तुलसी जैसी भारतीय खाद्य सामग्रियों के ताजा स्‍वाद और स्‍वास्‍थ्‍य लाभों को पुन: प्राप्‍त करने में सहायता कर सकता है। निरोधक स्वास्थ्य देखभाल के अतिरिक्त लाभों के साथ स्वच्छ, पौष्टिक और स्वादिष्ट संसाधित भोजन का सही मिश्रण, भारत में किफायती तौर पर तैयार किया जा सकता है।

उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसे खासतौर से शेफ संजीव कपूर ने तैयार किया है। इसे फूड स्प्रीट का नाम दिया गया है। यहां भारतीय मसालों और अन्य खाद्य सामग्रियों का इस्तेमाल करके खाने-पीने की चीजों का प्रदर्शन किया गया है। इंडिया गेट के 40,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली प्रदर्शनी में 22 देशों और घरेलू कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली 800 कंपनियां खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का प्रदर्शन कर रही हैं।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है कि भारत में पहले मेगा फूड का आयोजन हो रहा है। वर्ल्ड फूड इंडिया में 60 देशों के 700 हितधारक, 75 अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय नीति निर्माता तथा शीर्ष नेतृत्व, 60 वैश्विक कार्यकारी अधिकारी तथा 100 भारतीय कार्यकारी अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय कंपनियों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि कंपनियां स्वयं भारत के किसानों की आय दोगुनी करने तथा भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में आमूल परिवर्तन ला सकें। उन्होंने कहा कि मेगा फूड पार्कों का निर्माण इस योजना का महत्वपूर्ण अंग है। इन फूड पार्कों से कृषि प्रसंस्करण समूहों को प्रमुख उत्पादन केंद्रों से जुड़ने में सहायता मिलेगी। इस तरह के नौ पार्क इस समय चल रहे हैं और पूरे देश में 30 से अधिक पार्कों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।

वैश्विक कार्यकारी अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बधाई दी कि उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर, भारत में कारोबार करने की आसानी जैसे महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार शुरू किए हैं। वर्ल्ड फूड इंडिया में जर्मनी, जापान और डेनमार्क सहभागी देश हैं, जबकि इटली और नीदरलैंड फोकस देश हैं। इन देशों का प्रतिनिधित्व जापान की तरफ से भारत में उसके राजदूत महामहिम श्री केनजी हीरामत्सू, डेनमार्क की तरफ से वहां के राजदूत महामहिम श्री पीटर ताकसो- जेनसेन, नीदरलैंड की तरफ से वहां के राजदूत महामहिम श्री अल्फांसुस स्टोलिंग्स कर रहे हैं।

खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के लिए वरीयतापूर्ण निवेश गंतव्‍य के रूप में भारत को प्रदर्शित करने के लिए विशेष रूप से आयोजित एक सत्र में केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कंपनी मामले मंत्री अरुण जेटली ने पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई रूपांतरकारी पहलों की चर्चा की। श्री जेटली ने कहा कि ‘खाद्य प्रसंस्‍करण एक प्राथमिकता क्षेत्र है’ जहां भारत में विनिर्मित या उत्‍पादित खाद्य उत्‍पादों, ई-कॉमर्स समेत व्‍यापार के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई अब स्‍वीकृत है। दिन के दौरान प्रधानमंत्री एवं वित्‍त मंत्री के साथ अलग से विशिष्‍ट सीईओ गोल मेज बैठकों का भी आयोजन किया गया।

विश्‍व खाद्य भारत 2017 के उद्घाटन दिवस में 68,000 करोड़ रुपये के बराबर के 13 समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किए गए। एमओयू पर हस्‍ताक्षर भारत सरकार की केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर की उपस्थिति में किए गए। भारत में निवेश को लेकर गंभीर कंपनियों में पेप्सिको शामिल थी जिसने खाद्य एवं पेय पदार्थ संयंत्र की स्‍थापना के लिए 13,300 करोड़ रुपये के बराबर के एमओयू पर हस्‍ताक्षर किया। कोका कोला ने जूस बॉटलिंग अवसंरचना एवं फ्रूट प्रोसेसिंग संयंत्र एवं उपकरण की स्‍थापना के लिए 11,000 करोड़ रुपये के बराबर के एमओयू पर हस्‍ताक्षर किया। आईटीसी एवं पतंजलि दोनों ने ही इस क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपये-10,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता की। इस अवसर पर एमओयू पर हस्‍ताक्षर करनेवाली अन्‍य प्रमुख कंपनियों में अमेजन, यस बैंक, यूएई की शराफ ग्रुप आदि शामिल थीं। इन एमओयू पर टिप्‍पणी करती हुई केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर ने कहा कि ‘ सरकार इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए वैश्विक एवं भारतीय फूड कंपनियों में बेशुमार दिलचस्‍पी पैदा करने में सफल रही है। ये निवेश किसानों की आय को दोगुनी करने तथा खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र में बड़ी संख्‍या में रोजगार सृजित करने में सहायता करेंगे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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