उज्जैन में भगवान् महाकाल का अभिषेक केवल आर ओ के जल से होगा

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सुप्रीम कोर्ट ने दही, शक्कर और शहद के इस्तेमाल पर रोक लगाईं 

नई दिल्ली । देश की प्रसिद्द धर्म नगरी उज्जैन के सभी देवों के देव भगवान् महाकाल का दैनिक अभिषेक अब दही, शक्कर और शहद से नहीं करने का निर्णय लिया गया है. आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि उज्जैन के महाकाल का महाभिषेक सिर्फ आर ओ के जल से ही किया जाय. सर्वोच्च अदालत ने मंदिर के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसमें कमेटी ने चढ़ावे की मात्र को तय करने की सिफारिश की थी. इस निर्देशा के अनुसार महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के शिवलिंग पर श्रद्धालु केवल आधा लीटर आर ओ का जल और सवा लीटर दूध चढ़ा सकेंगे.

खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन की ओर से सुझाए गए क़दमों व भगवान् महाकाल शिवलिंग की सुरक्षा के लिए गए लिए गए निर्णयों की तारीफ की. बताया जाता है कि अदालत ने यह भी कहा है कि अभिषेक के बाद पवित्र शिवलिंग को सूती कपड़े से ढंकना आवश्यक होगा. हालाँकि कोर्ट ने  इस मामले में आपत्ति दर्ज कराने  की 15 दिन की मोहलत दी है. मामले की अगली सुनवाई 30 को होगी.

 

 ऐसे होगा महाकाल का अभिषेक : 

अभिषेक : RO के जल से महाकाल का अभिषेक किया जाएगा। ये मात्रा 500 मिली लीटर से ज्यादा नहीं होगी। तय मात्रा से ज्यादा पंचामृत भी नहीं चढ़ाया जाएगा।

भस्म आरती : इस दौरान महाकाल शिवलिंग को सूती कपड़े से पूरी तरह ढकने के निर्देश दिए गए हैं।

चढ़ावा : बेल पत्र और फूल आदि चढ़ावा केवल शिवलिंग के ऊपरी हिस्से पर चढ़ाया जाएगा। शाम 5 बजे का अभिषेक होने के बाद शिवलिंग की सफाई होगी और इसके बाद सिर्फ सूखी पूजा होगी।

इन पर रोक लगी : 

 शिवलिंग पर चीनी पाउडर के इस्तेमाल को रोकने के निर्देश SC ने दिए हैं। इसकी जगह खांडसारी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।

ड्रायर और पंखे लगाए जायेंगे : 

शिवलिंग को नमी से बचाने के लिए ड्रायर और पंखे लगाए जाएंगे। SC ने कहा कि सीवर तकनीक अभी चलती रहेगी, क्योंकि ट्रीटमेंट प्लांट बनाने में अभी सालभर लगेगा। 

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