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: अपने मातहत कर्मचारियों से मिलने के लिए खुद डीसी ने जारी किए आदेश
यूनुस अलवी
मेवात : मेवात मॉडल स्कूल सोसायटी के कर्मचारियों से अब मिलना आसान नहीं होगा बल्कि अगर कोई भी बहार का आदमी सोसायटी के कर्मचारी से मिलना चाहेगा तो उसे मेवात के डीसी से पहले प्रमीशन लेनी होगी। अगर ये माना जाऐ की मेवात के डीसी से मिलना आसान और एक स्कूल सोयायटी के कमारियों से मिलना बेहद मुश्किल होगा। इस बारे मे खुद मेवात के उपायुक्त एंव मेवात मॉडल स्कूल सोसायटी के वाईस चेयरमैन अशोक शर्मा ने बुधवार को आदेश जारी किऐ हैं।
मेवात उपायुक्त एंव मेवात मॉडल स्कूल्स सोसायटी के वाईस चेयरमैन अशोक शर्मा द्वारा 25 अक्तुबर को पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, नूंह, तावडू और हथीन के एसडीएम और सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों को भेजे गऐ लेटर नंबर ईएनडीएसटी नंबर एमएमएसएस/2017 में साफ तौर से कहा गया है कि नोन आफिसियल आदमी को स्टाफ मैंबर ऑफ मेवात मॉडल स्कूल हेडक्वाटर पर किसी भी सदस्य से मिलने से पहले डीसी की प्रमीशन लेनी होगी। अगर कोई भी आदमी बिना प्रमीशन के मिलता है तो ऑफिसियल वर्क में बांधा मानी जाऐगी।
डीसी के इस आदेश को लोगों ने एक मजाक बताया है। मेवात विकास सभा के पूर्व अध्यक्ष उमर मोहम्मद पाडला का कहना है कि इस आदेश से यही लगता है कि मेवात मॉडल स्कूल का एक छोटा कर्मचारी भी डीसी से बडा हुआ क्योंकि डीसी से तो बिना प्रमीशन मिला जा सकता है लेकिन एक छोटे से कर्लक से मिलने के लिए डीसी की प्रमीशन लेनी होगी। इतना तो तब है जबकि मॉडल स्कूल कार्यालय से डीसी करीब एक किलोमीटर दूर बेठता और एमडीएम का चेयरमैन उसयी दफ्तर में बेठता है। उनका कहना है कि मॉडल स्कूल के कर्मचारियों से कोई भी बहार का आदमी मिलना चहाता है तो उसे डीसी की प्रमीशन की जरूरत पडेगी। अगर चेयरमैन भी आदेश करे तो भी वे नहीं मिल सकेगें।
क्या कहते है एमडीए के चेयरमैन ?
मेवात विकास अभिकरण के चेयरमैन खुरशीद राजाका ने कहा कि डीसी को ऐसे आदेशों के पचडे में पडने की बजाऐ विकास के कामों पर ध्यान देना चाहिए खासतौर से एमडीए के बारे में सोचना चाहिए ना कि एक कर्मचारी से मिलने से पहले डीसी से प्रमीशन लेकर मिले।
क्या कहते हैं डीसी मेवात ?
मेवात मॉडल स्कूल सोसायटी के वाईस चेयरमैन एंव मेवात उपायुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि इस लेटर को निकालने का उनका मकसद एक है कि कुछ लोग सोसायटी के कर्मचाररियों से मिलते हैं और बाद में उनसे कर्मचारियों द्वारा बत्तमीजी करने का आरोप लगाते हैं। डीसी का कहना है कि अगर कोई आदमी उनकी मर्जी से मिलेगा तो फिर कर्मचारी की हिम्मत नहीं होगी की वह किसी आदमी से बत्तमीजि से बात कर सके।