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– कृषि, बागवानी व पशुपालन की नई लाभकारी योजनाओं से किसानों के पौबारह
– लोक निर्माण मंत्री बोले, 3 साल के कार्यकाल में जोखिम फ्री कृषि के लिए योजनायें लागू
गुरुग्राम, 25 अक्टूबर। विकासात्मक बदलाव की दिशा में आगे बढ़ते हुए मौजूदा सरकार के तीन साल के कार्यकाल में किसानों व पशुपालकों की खुशहाली के लिए हरियाणा सरकार की ओर से कई महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई गई और उन्हें धरातल पर मूर्त रूप दिया गया है। वर्तमान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सौगात देने के साथ ही किसानों की हर परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक फैसले लिए गए हैं। परम्परागत खेती के तरीकों में बदलाव लाकर किसानों को नई कृषि तकनीक अपनाने और बागवानी के साथ साथ पशुपालन करके ज्यादा आय उपार्जन के तौर तरीके सिखाने पर बल दिया गया है ताकि सरकार का 2022 तक खेती से आय को दोगुना करने के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।
यदि हम गुरुग्राम जिला की बात करें तो मौजूदा सरकार ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की जिसके तहत यहां पर 18 हज़ार 62 हैक्टेयर भूमि को कवर किया गया है। जिला के 16 हज़ार 32 किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को नाममात्र का प्रीमियम देना होता है, खरीफ फसलों के लिए प्रीमियम दर बीमित राशि का अधिकतम 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए अधिकतम 1.5 प्रतिशत तथा वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत दर निर्धारित की गई है। कपास की फसल पर अन्य खरीफ फसलों के समान 2 प्रतिशत ही अधिकतम प्रीमियम है तथा अतिरिक्त 3 प्रतिशत का भुगतान राज्य सरकार द्वारा वहन किया गया है। खरीफ फसलों में धान, बाजरा, मक्का व कपास तथा रबी फसलों में गेंहू, जौ, सरसों व चना को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों के लिए जिला में लगभग 3 करोड़ 96 लाख 45 हज़ार रूपए का मुआवजा बांटा गया है। खड़ी फसल में सूखा, बाढ़, जलभराव, कीट एवं बीमारी, आसमानी बिजली गिरने, तूफान, चक्रवात व ओलावृृष्टि आदि प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जा रही है। इसके साथ कम वर्षा/विषम मौसमी स्थिति के कारण फसल नहीं बोए जाने एवं फसल कटाई के 14 दिनों तक बेमौसमी वर्षा एवं चक्रवात से हुए नुकसान का भी फसल बीमा करते हुए किसानों को राहत प्रदान की जा रही है।
प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से किसान को बचाने के साथ साथ उसके खेत की मिट्टी का परीक्षण करके उसे यह बताया गया है कि उसके लिए कौन सी फ सल अथवा किस फल के बाग लगाने फायदेमंद रहेंगे। किसानों को पहली बार वैज्ञानिक तरीके से कम जोत भूमि में ज्यादा लाभ लेने के तरीके बताए जा रहे हैं। इस योजना के तहत कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम के तहत जिला में 6 हज़ार 500 कार्ड बनाए गए हैं।
कृषि के साथ ही पशुपालन का व्यवसाय वर्षों से जुड़ा हुआ है, इसलिए राज्य सरकार ने इस तथ्य को समझते हुए किसान की फसलों के साथ साथ पशुओं के बीमा की भी शुरूआत की है। इसके अलावा, पशु आज ज्यादा कीमत के भी हो गए हैं, यदि किसी कारणवश पशुधन का नुकसान होता है तो उससे भी किसान अथवा पशुपालक की माली हालत गड़बड़ा जाती है। इस स्थिति को समझते हुए सरकार ने पशुधन का बीमा करने की योजना लागू की है। जिला में पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा एकीकृत पशुधन बीमा योजना के तहत अब तक 2 हज़ार 577 पशुपालकों के 7 हजार 333 पशुओं का बीमा किया गया है। इसके अलावा, एकीकृत पशुधन बीमा योजना के तहत बीमाकृत अनुसूचित जाति के 1794 पशुपालकों को लाभ पहुंचाया गया है। क्षेत्र में विभाग की ओर से देसी गायों की मिनी डेयरी योजना के तहत 13 डेयरी इकाईयां स्थापित की गई हैं।
तेजपाल तंवर, विधायक सोहना ने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार के तीन साल के कार्यकाल में हर वर्ग को महत्व दिया गया है। सबका साथ-सबका विकास की सोच के अनुरूप मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सरकार ने विभागीय स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है जिसके तहत कृषि उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी करने के साथ ही बागवानी की खेती व पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देते हुए विकासात्मक बदलाव की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाए गए हैं।
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कैबिनेट मंत्री, राव नरबीर सिंह के अनुसार संबंधित विभागों की ओर से किसानों व पशुपालकों को लाभांवित करने के लिए सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियांवित किया जा रहा है। आमजन की सुविधा के लिए उपायुक्त के माध्यम से संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों, पशुपालकों को समयानुसार जागरूकता शिविर लगाकर अथवा गांवों में पहुंचकर जागरूक करें ताकि किसान व पशुपालक सरकार की इन योजनाओं का लाभ बेहतर ढंग से ले सकें।