संजय बारू की कलम से 10 जनपथ कठघरे में !
नई दिल्ली : पिछले कुछ माह से बड़े राजनीतिज्ञों के साथ जीवन व्यतीत करने वाले लोगों द्वारा किताब युद्ध का सिलसिला थम सा गया था. अब फिर एक बार 10 जनपथ को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश एक नई किताब के माध्यम से की गयी है. कलमकार वरिष्ठ पत्रकार संजय बारू हैं. इस बार इन्होने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव पर एक किताब “1991-हाउ पी वी नरसिंह राव मेड हिस्ट्री ” लिख कर किताब बम से राजनितिक माहौल गरम करने का इंतजाम कर दिया है.
अपनी किताब में श्री बारू ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव जो पार्टी के अध्यक्ष भी रहे थे के निधन पर अपने मुख्यालय के दरवाजे बंद कर दिये थे. यहाँ तक कि औपचारिक अंतिम विदाई देने से भी मना कर दिया गया था. उनका तर्क है कि ऐसा इसलिए क्योंकि राव ने पार्टी पर नेहरू-गांधी परिवार के एकाधिकार को चुनौती ही नहीं दी थी बल्कि लगभग समाप्त सा कर दिया था .
गौरतलब है कि श्री बारू पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार भी रहे हैं. उन्होंने किताब में यह भी खुलासा किया है कि मनमोहन सिंह एकमात्र ऐसे कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने नियमित रूप से और समर्पण के साथ नरसिंह राव को श्रद्धांजलि दी. लेकिन चौकाने वाला तथ्य यह है कि डॉ सिंह दस वर्षों के के कार्यकाल में श्री राव को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला नहीं कर सके.
इस किताब में बारू ने श्री राव की तारीफ की है. उन्होंने लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने साबित किया था कि नेहरू-गांधी खानदान से परे भी भारत को नेतृत्व देने कि क्षमता है. इसलिए वह ‘भारत रत्न’ के हकदार थे।