माधव दास पार्क में पीएम ने किया रावण दहन, दशहरा उत्सव में शामिल हुए राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति

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ऐसे उत्‍सव से सिर्फ मनोरंजन नहीं, कोई मकसद बनना चाहिए : मोदी 

नई दिल्ली : नई दिल्ली स्थित लाल किले के माधव दास पार्क में आयोजित दशहरा उत्सव के अवसर पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को विजयादशमी के पावन पर्व पर की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि हमारे देश में उत्‍सव एक प्रकार से सामाजिक शिक्षा का माध्‍यम हैं। हमारे हर उत्‍सव के साथ समाज को सामूहिकता की ओर ले जाना, समाज के प्रति संवेदनशील बनाना, मूल्‍यों के प्रति अ‍हर्निश याद रखना, और‍ विकृतियों को मिटाने का निरन्‍तर प्रयास करते रहना; इसकी एक प्रशिक्षा के रूप में हमारे उत्‍सवों की परम्‍परा है। हमारे उत्‍सव खेत-खलिहान से भी जुड़े हुए हैं, हमारे उत्‍सव नदी-पर्वतों से जुड़े हुए हैं, हमारे उत्‍सव इतिहास से जुड़े हुए हैं, हमारे उत्‍सव सांस्‍कृतिक परम्‍पराओं से जुड़े हुए हैं। इस अवसर पर दशहरा उत्सव में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद व उपराष्ट्रपति एम् वैंकेया नायडू भी शामिल हुए

पीएम ने कहा कि हजारों साल हो गए लेकिन प्रभु राम, प्रभु कृष्‍ण- इनकी गाथाएं आज भी सामाजिक जीवन को चेतना देती रही हैं, प्रेरणा देती रही हैं। आज नवरात्रि के पावन पर्व के बाद विजयादशमी के पर्व पर रावण-दहन की परम्‍परा है। ये रावण-दहन उस परम्‍परा का हिस्‍सा है। लेकिन एक नागरिक के नाते समाजिक जीवन में ये जो रावण प्रबुद्धि होती है, उसको विनाश करने के लिए भी समाज ने निरन्तर जागृत प्रयास करने होते हैं।

मोदी ने कहा कि ऐसे उत्‍सव से सिर्फ मनोरंजन नहीं, कोई मकसद बनना चाहिए। ऐसे उत्सवों से कुछ कर गुजरने का संकल्‍प बनना चाहिए। कोई कल्‍पना कर सकता है कि अयोध्‍या से पहने हुए वस्‍त्र पहन करके निकले हुए राम पूरे रास्‍ते चलते-चलते संगठन शक्ति का इतना बड़ा कौशल्‍य बता देते हैं कि श्रीलंका विजय में समाज के हर तबके के व्‍यक्ति उनके साथ जुड़ गए। नर भी जुड़े, वानर भी जुड़े, प्रकृति ने भी उनका साथ दिया। लोक संग्रह की कितनी बड़ी अद्भुत शक्ति होगी, तब प्रभु रामचंद्र जी ने इतने बड़े सामर्थ्‍य को अपने साथ जोड़ा होगा। और विजय प्राप्‍त करने के बाद भी उसी नम्रता के साथ जन-समाज को अपने-आपको आहुत करने में लगे रहे।

पीएम ने उपस्थित जनसमुदाय से संकल्प लेने को कहा कि 2022, जब भारत आजादी के 75 वर्ष मनाएगा; हम भी कोई संकल्‍प करें, हम भी कोई सिद्धि के लिए रास्‍ता चुनें और 2022 तक एक नागरिक के नाते देश को कुछ न कुछ सकारात्‍मक योगदान दें, कुछ न कुछ contribution करें। हम 2022, आजादी के 75 साल को। महापुरुषों ने जिस सपनों से स्‍वतंत्रता दिलाई, उसके अनुरूप बना पाएंगे, और इसीलिए प्रभु रामजी की तरह हम भी कुछ संकल्‍प लेने का व्रत ले करके चलें, यही मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। फिर एक बार आप सबको विजयादशमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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