स्मृति ईरानी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संविधान के प्रति सत्यनिष्ठा की शपथ दिलवाई

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केन्द्रीय वस्त्र एवं सूचना व प्रसारण मंत्री ने एलबीएसएनएए के 92वें फाउण्डेशन कोर्स का उद्घाटन किया

92वें फाउण्डेशन कोर्स के अंतर्गत भारत की 17 सिविल सेवाएं तथा भूटान की तीन सेवाएं शामिल

369 प्रशिक्षु अधिकारी ले रहे हैं प्रशिक्षण, जिनमें भूटान के 11 अधिकारी 

नई दिल्ली : केन्द्रीय वस्त्र एवं सूचना व प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए), मसूरी के 92वें फाउण्डेशन कोर्स का उद्घाटन किया। युवा अधिकारियों को बधाई देते हुए श्रीमती ईरानी ने उन्हें वंचितों के प्रति संवेदनशील होने और अपने को भारतीय नागरिकों के संरक्षक के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशिक्षु अधिकारी देश के सर्वाधिक पिछड़े इलाकों में उत्साह के साथ विकास का कार्य करेंगे। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को डिजिटल इंडिया के पहलों के माध्यम से तकनीक का इस्तेमाल करने की सलाह दी ताकि सेवाएं बेहतर तरीके से प्रदान की जा सकें। मंत्री  ने आशा व्यक्त की कि प्रशिक्षु अधिकारी सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के सर्वोत्तम कार्यविधियों को आत्मसात करेंगे और इससे एक बेहतर भारत का निर्माण हो सकेगा।

श्रीमती ईरानी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को भारतीय संविधान के प्रति सत्यनिष्ठा की शपथ दिलवाई। उद्घाटन समारोह के उपरान्त मंत्री ने संस्थान के ऑफिसर मेस में प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ दोपहर के भोजन पर बातचीत की।

उल्लेखनीय है कि 92वें फाउण्डेशन कोर्स के अंतर्गत भारत की 17 सिविल सेवाएं तथा भूटान की तीन सेवाएं शामिल हैं। इस कोर्स में कुल 369 प्रशिक्षु अधिकारी भाग ले रहे हैं, जिनमें भूटान के 11 अधिकारी शामिल हैं। उद्घाटन कार्यक्रम संपूर्णानंद ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। उप निदेशक (सीनियर) श्रीमती अस्वति एस ने संक्षिप्त स्वागत भाषण दिया।

अकादमी की निदेशक उपमा चौधरी ने मुख्य अतिथि व पाठ्यक्रम के संयोजक  श्रीधर सी, उप निदेशक (सीनियर) का स्वागत किया और पाठ्यक्रम के विभिन्न आयामों का उल्लेख करते कहा कि 15 सप्ताह की समयावधि वाले इस पाठ्यक्रम में प्रशिक्षु अधिकारी कक्षा की पढाई के साथ-साथ बाहरी गतिविधियों द्वारा भी प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। निदेशक  उपमा चौधरी ने अकादमी के आदर्श वाक्य ‘शीलम् परम् भूषणम्’ का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रशिक्षु अधिकारी यहां अपने समय का बेहतर इस्तेमाल करें और आपसी संबंध मजबूत बनायें; नये कौशल प्राप्त करें और उपलब्ध सेवाओँ का उपयोग करें। लोक-प्रशासन के प्रोफेसर राजेश आर्य ने मुख्य अतिथि को उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद दिया।

 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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