हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू ने जिला अध्यक्षों से मांगे नाम

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कांग्रेस कप्तान बोले, 30 अगस्त तक भेजें टिकट चाहवानों की सूची                                                          

   फील्ड कार्य की रिपोर्ट भी अलग से मांगी

शिमला : प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो रोज पहले सभी जिला कांग्रेस अध्यक्षों को पत्र लिखकर टिकट तलबगारों की सूची मांगी है। टिकट चाहवानों की यह फेहरिस्त जिला कांग्रेस अध्यक्षों को ब्लॉक कांग्रेस समिति से सलाह मशविरा करने के बाद पार्टी मुख्यालय शिमला भेजनी होगी। इसमें हर चुनाव क्षेत्र में कांग्रेस के कितने चाहवान टिकटों के हैं,उनका फील्ड कार्य कैसा रहा है। संगठनात्मक गतिविधियों में उन्होंने कितना योगदान दिया है। मौजूदा विधायक का कार्य प्रदर्शन कैसा रहा है, लोगों की प्रतिक्रियाएं क्या हैं, पार्टी के कार्यकर्ता व उस क्षेत्र के लोग क्या चाहते हैं, यह सारी रिपोर्ट जिला अध्यक्षों को तीन-चार रोज के अंदर भेजनी होगी। सूत्रों के मुताबिक जिला अध्यक्षों को जो पत्र लिखा गया है ,उसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की जिस बैठक में प्रदेश के नवनियुक्त प्रभारी सुशील कुमार शिंदे के साथ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी मौजूद थे। उसमें यह फैसला हुआ था कि जिला अध्यक्ष अगस्त के अंत तक ऐसी रिपोर्ट पार्टी मुख्यालयों को भेजेंगे, जिसके बाद यह पूरी रिपोर्ट पार्टी हाइकमान को भेजी जाएगी। यानी जो पत्र सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला अध्यक्षों को लिखा है, उसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की भी वह सहमति बताई गई है, जो उस दौरान कार्यकारिणी की बैठक में बनी थी। यानी टिकटों का फैसला आम राय से फील्ड की रिपोर्ट पर होगा। जाहिर है कि संगठन के अध्यक्ष यह फैसला आम राय से लेने में जुटे हैं। यानी टिकटों के लिए फैसला अब सर्वसम्मत होगा। बंद कमरे में नहीं। इस पूरी रिपोर्ट के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू पार्टी मामलों के प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे के जरिए यह रिपोर्ट हाइकमान को भेजेंगे, जिसके बाद आगामी कार्रवाई होगी। यहां बता दें कि टिकट वितरण को लेकर पार्टी में घमासान मचा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ सीधे-सीधे मोर्चा खोला गया है। मुख्यमंत्री व उनके समर्थक उन्हें हटाने के लिए पार्टी हाइकमान से आग्रह कर चुके हैं। शर्त यह भी रखी गई है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री चुनाव नहीं लड़ेंगे। रविवार को ही मुख्यमंत्री के समर्थकों में शुमार आबकारी कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने भी ऐसी स्थिति में चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है।

*हाइकमान करवा चुकी है दो बार सर्वे*

कांग्रेस हाइकमान अपने स्तर पर भी दो बार संभावित प्रत्याशियों को लेकर एक स्वतंत्र एजेंसी व दूसरे पर्यवेक्षकों के जरिए रिपोर्ट तैयार करवा चुकी है। अब इस ताजा रिपोर्ट के बाद फैसला सितंबर तक हो सकता है

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