गाय की कुबानी ना करें : जमियत-ए-उलेमा-ए-हिंद

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एक दर्जन प्रमुख उलेमाओं की बुधवार को कस्बा पिनगवां के राजु कत्ताल राजुबास स्थित

मदरसे में बैठक 

यूनुस अलवी

 
मेेवात:    जमियत उलमा हिंद से जुडे एक दर्जन प्रमुख उलेमाओं की बुधवार को कस्बा पिनगवां के राजु कत्ताल राजुबास स्थित मदरसे में बेठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्ष्ता जमीयत उलमा हिंद की नोर्थ जोन के अध्यक्ष मोलाना याहया करीमी ने की।
  इस मौके पर जमीयत उलमा हिंद की नोर्थ जोन के अध्यक्ष मोलाना याहया करीमी ने कहा कि कुछ दिन बाद ही बकराईद का त्योंहार आ रहा है। इस त्योंहार के दिन आसूदा मुसलमान कुर्बानी करते हैं। इस मौके पर प्रस्ताव पास किया गया कि बकराई के मौके पर गाय की कुर्बानी ना की जाऐ। उनका कहना है कि भले ही इसलाम धर्म में गाय हलाल है परंतु हिंदुस्तान में एक समाज के लोग गाय को माता का दर्जा देते हैं और उनके यहां गाय का बडा मुकाम हैं।
 
दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं की कद्र करते हुऐ कोई भी मुसलमान गाय की कुर्बानी ना करे। उनका कहना है कि कुर्बानी में भैंस, कटडा और बकरे का इस्तेमाल किया जाना चाहिऐ। उन्होने यह भी कहा कि हरियाणा में गाय जहां एक धर्म के लोगों की आस्था का प्रतीक हैं वहीं हरियाणा में सरकार ने गाय की हत्या करने पर पाबंदी भी लगाई हुई है। इस लिहाज से गाय की कुर्बानी करना ठीक नहीं हैं।
 
   इस मौके पर अगले दस दिनों तक जमियत उलमा हिंद की ओर से गांव-गांव जाकर कुर्बानी और बकराईद की फजीलत बताने का भी आहवान किया गया। याहया करीमी ने बताया कि मुस्लिम समाज के लोगों को मायूस और दिल टूटने से बचाया जाऐ। बिहार, बंगाल, आसाम में आई बाढ की वजह से तबाह हुऐ लोगों की मदद के लिए चंदा इक्ठा किया जाऐ।
  इस मौके पर मोलाना दीन मोहम्मद, करीब असलम, मास्टर कासिम सहित कई उलेमा मौजूूद थे।

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