पटना : संभावना के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जदयू ने शनिवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर भाजपा नीत एनडीए में शामिल होने का रास्ता साफ कर दिया. इस सम्बन्ध में पार्टी के प्रधान महासचिव के. सी. त्यागी ने जानकारी दी और दावा किया कि उनकी पार्टी में किसी तरह का कोई विवाद नहीं है.
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार के भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने से जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव नाखुश हैं. बताया जाता है कि शरद यादव अगुवाई में पार्टी के एक गुट ने आज पटना में अपनी अलग बैठक की .
त्यागी ने पत्रकारों को बताया, जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए का हिस्सा बनने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली । उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राजद-जदयू-कांग्रेस के महागठबंधन से जदयू के बाहर निकलने के पार्टी की बिहार इकाई के फैसले पर भी मुहर लगाई। नीतीश की अगुवाई वाले जदयू ने जुलाई के आखिरी हफ्ते में महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी।
त्यागी ने स्पष्ट किया कि जद यू अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ हाल में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने मुलाकात कर जदयू को एनडीए में शामिल करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इसे मंजूरी दी और अब हम एनडीए का हिस्सा हैं। इस अवसर पर पार्टी के नेता आर. सी. पी. सिंह, हरिवंश और पवन वर्मा भी मौजूद थे। त्यागी ने पार्टी में किसी तरह की फूट से इनकार किया।
त्यागी ने कहा कि 20 प्रदेश इकाइयों में से 16 के अध्यक्षों, बिहार के 30 विधान पार्षदों और शरद यादव की सहमति से नीतीश की ओर से नियुक्त पार्टी की समितियों के सभी पदाधिकारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल थे और इस फैसले का हिस्सा बने. त्यागी ने कहा कि पार्टी शरद पर किसी तरह की कार्रवाई शुरू करने से पहले 27 अगस्त को पटना में होने जा रही राजद की रैली का इंतजार करेगी।
जदयू ने दिन में एक खुले सत्र का आयोजन किया जिसमें मुख्यमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष नीतीश मौजूद थे और उन्होंने इसे संबोधित किया। शरद ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा नहीं लिया और अपनी अगुवाई में आयोजित ‘जन अदालत’ नाम के एक कार्यक्रम में शिरकत की । इस कार्यक्रम में पार्टी के निलंबित राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी ने भी शिरकत की. कार्यक्रम में महागठबंधन में बने रहने का वादा किया गया.