चरखी-दादरी में जिला एवं सत्र न्यायधीश कोर्ट की स्थापना शीघ्र : जस्टिस सूर्यकांत

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चण्डीगढ़, 19 अगस्त :  पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश एवं बिल्डिंग कमेटी हरियाणा के चेयरमैन सूर्यकांत ने कहा कि चरखी-दादरी में जल्द ही जिला एवं सत्र न्यायधीश कोर्ट की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए नए भवन का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीब एवं मजदूर वर्ग को सस्ता एवं त्वरित न्याय दिलाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया सरल की जा रही है। जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर सस्ता न्याय मिलना जरूरी है।

        पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश सूर्यकांत आज चरखी दादरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट का शुभारंभ करने के पश्चात अधिवक्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि न्याय आम आदमी की पहुंच में होना चाहिए, इसके लिए लोगों में व्याप्त न्यायिक व्यवस्था के प्रति भय को निकालना जरूरी है। उन्होंने युवा अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे लोगों को त्वरित न्याय दिलाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा न्यायिक व्यवस्था में लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ताओं से भी गरीब एवं आमजन को न्याय दिलाने में अपने अनुभव का सहयोग देने अपील की। उन्होंने अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे लोगों को कानूनी रूप से जागरूक करें।

        उन्होंने कहा उनका प्रयास है कि न्यायिक व्यवस्था में अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। इसके लिए प्रदेश में 104 नए न्यायिक परिसर का निर्माण करवाया जा रहा है। इसके साथ-साथ 54 आवासीय परिसर भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चरखी दादरी के जिला बनने के बाद यहां पर जिला स्तरीय कोर्ट की स्थापना करना जरूरी था और यह स्थानीय अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण मांग थी। इस कोर्ट की स्थापना के बाद अधिवक्ताओं के साथ-साथ जिलावासियों को भी सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। इस कोर्ट में संबंधित केसों की सुनवाई अब यहीं पर होगी।

         अपने संबोधन में भिवानी व दादरी जिला के प्रशासनिक जज एवं उच्च न्यायालय के न्यायधीश श्री रामेश्वर सिंह मलिक ने अधिवक्ता न्यायिक परिसर को महज ईंट व पानी से निर्मित इमारत न समझें बल्कि इसे न्याय का मंदिर समझकर न्याय प्रणाली को गतिशील बनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं को लोगों को न्याय दिलाने में सहयोगपूर्ण व्यवहार जरूरी है ताकि लोगों का संविधान व न्यायिक प्रणाली में और अधिक विश्वास बने। उन्होेंने कहा कि अधिकारों के साथ-साथ कर्त्तव्यों के प्रति निष्ठावान होना जरूरी है। श्री मलिक ने कहा कि जिस प्रकार से किसान अच्छी फसल के लिए उचित मात्रा में खाद व पानी देता है, जिस तरह से चिकित्सक द्वारा बीमार व्यक्ति को उपचार के लिए उचित एवं सही मात्रा में दवाई दी जाती है, ठीस उसी प्रकार से अधिवक्ताओं को जरूरतमंद लोगों को सस्ता एवं सुलभ न्याय दिलाने में अपना सहयोग देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को समय पर न्याय दिलाने के लिए न्यायिक व्यवस्था एवं अधिवक्ताओं को परस्पर सही सामंजस्य जरूरी है।

        स्वागताध्यक्ष संबोधन में भिवानी के जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री ए.एस. नांरग ने हरियाणा बिल्डिंग कमेटी के चेयरमैन व न्यायधीश सूर्यकांत से चरखी दादरी व तोशाम में न्यायिक परिसर के नए भवनों का निर्माण करवाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि अब दादरी जिला से संबंधित केसों की सुनवाई के लिए अधिवक्ताओं को इससे पहले भिवानी जाना पड़ता था, लेकिन अब इन केसों की सुनवाई यहां पर नवनियुक्त अतिरिक्त  जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.के. यादव और अरविंद नसीर की अदालत में होगी। इससे पहले श्री नारंग ने जज सूर्यकांत को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।  

        कार्यक्रम में जिला बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट दयानंद ने भी बार की तरफ से अतिथियों का स्वागत किया। इससे पहले न्यायधीश सूर्यकांत ने न्यायिक परिसर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश कोर्ट व आवासीय परिसर का शुभारंभ किया। उन्होंने यहां पर स्थापित नए कोर्ट रूम का अवलोकन भी किया।

        इस मौके पर स्थायी लोक अदालत के जज डी.एच. श्योराण, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुनील यादव, अतिरिक्त सिविल जज सीनियर डिवीजन अंकिता शर्मा, सिविल जज ज्यूनियर डिवीजन जतिन गुजराल, देवेंद्र सिंह व हर्ष कुमार सहित अनेक अधिकारी व अधिवक्ता उपस्थित थे।

 

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