के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल कांफ्रेस का आगाज

Font Size

एप्लाइड साइंस, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विषय पर शोध पत्र करेंगे प्रदर्शित 

अमेरिका व रूस सहित कई देशों के शोधार्थी ले रहे हैं हिस्सा 

शोधार्थियों के लिए संवाद एवं विचार-विनिमय का एक मंच : प्रो. अग्रवाल

के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल कांफ्रेस का आगाज 2गुड़गांव, 17 अगस्त : के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में एप्लाइड साइंस, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन का शुभारंभ के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. के.के.अग्रवाल, कुलपति प्रो. आर.के. मित्तल, वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. एस.के. जोशी समेत देश-विदेश से आए गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी की सहभागिता से किया जा रहा है। सी.एस.आई.आर. और विज्ञान भारती समेत देश-विदेश की कई बड़ी संस्थाएं इसे प्रायोजित कर रही हैं। 

के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल कांफ्रेस का आगाज 3

इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के अग्रणी लोगों सहित अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, बांग्लादेश समेत अनेक देशों से विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, अकादमिशियन, शोधार्थी हिस्सा ले रहे हैं। सम्मे लन में गणित, रसायन विज्ञान, भौतिकी, इंजीनियरिंग, पर्यावरणीय इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस जैसे क्षेत्रों के विविध विषयों पर शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

 

के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. के.के.अग्रवाल ने कहा, ”इस तरह के सम्मेलन देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्तरोन्नयन के लिए बेहद आवश्यक हैं। यह सम्मेलन देश-विदेश के वैज्ञानिकों, शिक्षकों व शोधार्थियों को संवाद एवं विचार-विनिमय का एक मंच प्रदान करेगा।“

के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर.के. मित्तल ने कहा, ”यह न सिर्फ विश्वविद्यालय, बल्कि संपूर्ण प्रदेश के लिए हर्ष की बात है कि हमने इस विश्व-स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन शोध कार्य का स्तर बढ़ाएगा और शोध कार्यों को देश के लिए उपयोगी बनाएगा। यह एक अकादमिक गतिविधि होने के साथ ही, इंडस्ट्री को प्रभावित करने वाली गतिविधि भी है।“के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल कांफ्रेस का आगाज 4

पद्म श्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित एन.पी.एल. दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर डाॅ. एस.के. जोशी ने कहा, ”विज्ञान को समग्रता में देखे जाने की आवश्यकता है। आजकल विज्ञान को विभिन्न विषयों में बांट दिया गया है, लेकिन वास्तव में ये सभी विषय एक हैं और एक-दूसरे को बहुत हद तक प्रभावित करते हैं। भारत में इतनी शक्ति है कि वह विश्व का मार्गदर्शन कर सके।“ उन्होंने देश के वैज्ञानिकों की तारीफ की और कहा कि ”हम जल्दी ही विश्व शक्ति के रूप में जाने जाएंगे।“

अमेरिका का प्रतिनिधित्व करते हुए एन.एस.एफ. इंटरनेशनल, यू.एस.ए. के एम.डी. डाॅ. इयान हाएंस ने कहा, ”मैं भारत की वैज्ञानिक प्रतिभा से काफी प्रभावित हूं। अतीत में भारत ने दुनिया को रास्ता दिखाया था और आज भी विकास और शांति के लिए विज्ञान के उपयोग को लेकर भारत प्रतिबद्ध है।“

के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल कांफ्रेस का आगाज 5सम्मेलन में एन.आई.टी. दिल्ली के प्रो. अजय कुमार, सी.एस.आई.आर.-सी.ई.ई.आर.आई. के पूर्व निर्देशक प्रो. चंद्रशेखर, माॅस्को स्टेट यूनीवर्सिटी के प्रो. सर्गेई एरिमिन, वाटर सिस्टम्स एन.एस.एफ. इंटरनेशनल, यू.एस.ए. के डाॅ. रिचर्ड एंड्रयू, बी.डी.एम. साउथ एशिया के डाॅ. बी.बी. सिंह, एन.आई.एस.सी.ए.आई.आर.-सी.एस.आई.आर. के मुख्य वैज्ञानिक डाॅ. आर.एस. बेनीवाल, डी.आर.डी.ओ. के वैज्ञानिक डाॅ. नारायण पानीगढ़ी, जे.एन.यू. के प्रो. कृष्ण कुमार, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डाॅ. बिपिन जोशी, नोवा साउथर्न यूनीवर्सिटी की डाॅ. एलिसिया फर्नांडीज समेत दुनिया भर के वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्रगति पर इस सम्मेलन में विशेष आख्यान प्रस्तुत करेंगे।

सम्मेलन में विभन्न देशों से आए 200 से अधिक युवा वैज्ञानिक एवं शोधार्थी अपने शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे और उन पर गहन चर्चा की जाएगी।

सम्मेलन की समन्वयक डाॅ. ज्योत्सना ने कहा, ”यह अपार हर्ष की बात है कि सम्मेलन में देश-विदेश से बड़ी संख्या में विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, अकादमिशियनों, शोधार्थियों ने भागीदारी की है औरयह न सिर्फ हरियाणा बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण आयोजन साबित होगा।“

सम्मेलन में इंजीनियरिंग के डीन डाॅ. बृजेश कुमार, मेडिकल एंड एप्लाइड साइंस के डीन डाॅ. अरुण गर्ग, ह्यूमैनिटीज विभाग की डीन डाॅ. ओम्ना एंटनी समेत अनेक गणमान्य उपस्थित थे।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page