चिंतनशाला में निकला अमृत, किसानों तक पहुंचाना है लक्ष्य !

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दो दिन चली मंथनशाला में खेत और किसान की खुशहाली के लिए तलाशे रास्ते

सीड एक्ट बिल, पेस्टीसाइट बिल सहित कई नई राहों पर बढ़ेगा हरियाणा

कृषि मंत्री ओपी धनखड़ को विश्वास, करेंगे व्यापक बदलाव

धनखड़ ने चिंतनशालाओं की शुरूआत की

पहले गोसंवर्धन, फिर सिंचाई, फसल बीमा, हार्टीकल्चर, ग्रामीण विकास पर रहा फोकस

गुरुग्राम , 15 जुलाई।  हरियाणा अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है। पचास साल के इस हरियाणा में कृषि के संसाधनों, किसानों के लिए खेती को फायदे का सौदा बनाने और युवाओं को कृषि से जोडऩे की पहल से ही तरक्की होगी। किसानों के सामने आ रही चुनौतियों को अवसर में बदलकर उनका समाधान करने के लिए दो दिवसीय चिंतनशाला में एक्सपर्ट्स की राय से अमृत निकला। अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों ने मंथन के बाद अपनी राय रखी। चिंतनशाला में सीड एक्ट बिल लाने, हरियाणा को सरप्लस सीड का प्रदेश बनाने, बागवानी को बढावा देने, २०२७ तक हरियाणा की खेती को माइक्रो  इरीगेशन पर अमल लाने, प्रदेश के एक हजार गांवों को चार साल में आर्गेंनिक खेती पर लाने, आर्गेनिक खेती के उत्पाद को शहरों में बिकवाने की व्यवस्था करवाने, हिसार एचएयू में आधुनिक बीज लैब बनवाने, प्रदेश के किसानों की भूमि के स्वास्थ्य की जांच करवा उन्हें एक नवंबर से पूर्व सॉयल हैल्थ कार्ड दिलवाने,  हर गांव के उत्पाद के लिए ब्रांड बनाकर उनको पहचान दिलाने, हर खेत को पानी पहुंचाने सहित अनेक विषयों पर मंथन कर उसके लिए डॉक्यूमेंट तैयार करने का निर्णय लिया गया। खास बात यह रही है दो पूरे दिन चली इस मंथनशाला में स्वयं कृषि मंत्री ओ पी धनकड़ मौजूद रहे और हर विषय के मंथन में हिस्सा लिया। 

हरियाणा में बागवानी को बढावा दिया जाना स्वामीनाथन रिपोर्ट का ही एक हिस्सा है। इसी के तहत प्रदेश में ३४० बागवान गांव बनाने के अलावा किसानों के लिए हर पांच गांव पर कलेकशन सेंटर बनाने, के अलावा जिला स्तर पर मार्केटिंग करवाने को प्रबध भी किया जाएगा। बागवानी को भी फसल बीमा योजना में लाने का सुझाव आया,ताकि ऐसे किसानों को भी नुकसान होने की स्थिति में मदद मिल सके। हरियाणा के एक हजार गांवों को आर्गेनिक खेती पर ले जाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई। हर गांव में कम से कम ५० एकड खेती आर्गेनिक होगी। डीडीए, डीएचओ और अन्य अधिकारियों को लक्ष्य भी सौंप दिया गया, ताकि चार साल में इस लक्ष्य को पाया जा सके । 

पैरी अर्बन कल्चर को बढावा देने पर मंथन में विशेष फोकस रहा। प्रदेश के सभी बडे शहरों में गांव से किसान अपने गु्रप बनाकर सीधे ताजा उत्पाद की सप्लाई दें, इस पर काम करने की दिशा में कदम बढाया। एनसीआर-दिल्ली के बाजार पर विशेष नजर रखी जाए। इसके लिए बाकायदा एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया, जिसमें मार्केटिँग के विशेषज्ञ भी शामिल किए गए, ताकि बाजार की सभी संभावनाओं का पता लगाया जाए। किस तरह से हरियाणा के किसान गु्रप बनाकर ताजा धारोषण दूध शहरों में पहुंचा सकें, इस पर भी फोकस रहा। एनसीआर क्षेत्र में एक हजार पशु डेयरियां खोलने के लिए लक्ष्य रखा गयाँ ताकि यहां के किसान जल्दी दूध शहर तक पहुंचा सकें।  पचास पशुओं की एक हजार डेयरियों से प्रदेश का दूध उत्पादन भी बढेगा। 

मंथनशाला में सीड एक्ट बिल लाना महत्वपूर्ण चर्चा का विषय रहा। यह देश में नई पहल होगी। इसी प्रकार हिसार में अमेरिका की आयवा स्टेट से हुए एमओयू के अनुसार आधुनिक सीड लैब बनाने की पहल भी होगी। 

कृषि  में आमदनी बढ़ाने और बनेगे विशेषज्ञों के नेतृत्व में ग्रुप

दो दिन की  मंथनशाला में कृषि क्षेत्र में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियांवन और किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए योजनाबद्व काम करना जरूरी है। चुनौतियों पर मंथन के लिए विशेषज्ञों के नेतृत्व में अलग-अलग ग्रुप बनाए गए। सभी अपनी ईच्छा के अनुसार गु्रप में शामिल होने के लिए अपना नाम दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि जल प्रबंधन, मृदा स्वास्थ्य, ओरगेनिक फार्मिंग, क्रोप मैनेजमेंट, जोखिम प्रबंधकन, नवीन तकनीक और लैंड मैनेजमेंट आदि विभिन्न 16 गु्रप बनाए गए। इन गु्रपस ने अपने संक्षिप्त सुझाव तो रखे अब वे विजन २०२७ डॉक्यूमेंटस बनाएंगे। 

किसानों ने भी रखे अच्छे सुझाव दो दिन के मंथन में शामिल रहे कई अग्रणी किसानों ने अमूल्य सुझाव रखे। अंबाला के अग्रणी युवा किसान पुनीत सिंह ने सुझाव दिया कि प्रदेश में युवा किसानों को अपने उत्पाद बेचने की कला सिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विभाग को चाहिए कि वे प्रदेश के किसानों को अपने उत्पाद की सीधी मार्केटिंग सिखाएं।

मौजावास के किसान श्रीकिशन कौशिक ने बताया कि उनके क्षेत्र में पानी खारा है। फिर भी वे स्टीविया की खेती कर रहे हैं। अगर क्षेत्र में मीठा पानी हो या नहर से सिंचाई की सुविधा मिल जाए, तो उत्पादन कई गुणा बढ़ सकता है और किसानों की आय दोगुनी से भी ज्यादा हो सकती है। फरूखनगर के मानसिंह ने सुझाव दिया कि किसानों को उनके खेतों के चारों ओर बाढ करने के लिए सरकार से सहयोग मिलना चाहिए ताकि आवारा पशुओं से फसल खराब होने से बच सके। 

विशेषज्ञों ने दूरगामी विजन बताया 

हिपा में चली दो दिन मंथनशाला में एक सौ से अधिक एक्सपर्ट्स ने विजन २०२७ को मंत्री की दूरगामी सोच बताया। हिपा प्रशासक जी प्रसन्ना ने कहा कि उन्होंने कभी अपने जीवन में कृषि को लेकर चिंतनशाला नहीं देखी। कृषि वैज्ञानिक जेके यादव का कहना था कि कृषि मंत्री कृषि के ज्ञानी हैं। वे १९७९ से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, पर ऐसा विजन पहली बार देखा है। स्वयं किसानों ने भी मंत्री के इस प्रयास को राराहा और युवाओं को मार्केंटिँग के लिए प्रोत्साहित करने की बात रखी। 

 

धनखड ने हर चिंतन की पहल की 

हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने के बाद हर अहम विषय पर कृषि मंत्री ओ पी धनखड ने चिंतनशालाओं के साथ काम किया। गौसंवर्धन, गौसंरक्षण से पहले रोहतक व अन्य स्थानों पर चिंतन किया और बाद में विधानसभा में इसे पास कराया । सिंचाई मंत्री बने तो हर ,खेत तक पहुंचाने के लिए काम किया और अनेक ऐसी टेलों पर पानी पहुंचाया जहां कभी पानी आया ही नहीं था। हार्टिकल्चर के लिए मँथन का ही परिणाम है कि हरियााण के ३४० गांवों को बागवानी गांव बनाया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की २५ फीसदी भूमि को बागवानी पर ले जाया जा रहा है। अब विजन २०२७ के साथ कृषि मंत्री आगे बढे हैं और अगले बजट सत्र से इस पर काम किया जाएगा।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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