मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की नक्काशी का काम तेज
नई दिल्लीः मिडिया की ख़बरों में यह दावा किया जा रहा है कि अयोध्या में एक बार फिर राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है. बुधवार को विश्व हिंदू परिषद की देखरेख में मंदिर निर्माण के लिए तीन ट्रक लाल पत्थर पहुंचा. पिछले कई वर्षों से इस पर पूर्व की अखिलेश यादव सरकार ने रोक लगा दी थी. कहा जा रहा है कि इन ट्रकों में सवा दो सौ टन पत्थऱ हैं जिन्हें रामसेवकपुरम में रखा गया है. योगी आदित्य के कार्यकाल में यह पत्थरों की यह दूसरी खेप है जो अयोध्या पहुंची हैं.
खबर में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता प्रकाश कुमार गुप्ता के हवाले से बताया गया है कि ये लाल पत्थर राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए यहां लाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अखिलेश सरकार ने इसके लिए आवश्यक फॉर्म नहीं दिए जाने के कारण पत्थर लाना बंद हो गया था लेकिन अब इसे लाने की रफ्तार तेज हुई है.
खबर में विश्व हिंदू परिषद के प्रतिनिधि शरद शर्मा से बातचीत के आधार पर बताया गया है कि “राम मंदिर के निर्माण के लिए, पत्थर के बड़े ब्लॉक लाए गए हैं. उत्तर प्रदेश में पूर्व सरकार (अखिलेश यादव सरकार) ने मौखिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन वर्तमान सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है,”
इसे अयोध्या के रामसेवक पुरम में रखा गया है. रामसेवक पुरम विहिप द्वारा स्थापित राम मंदिर निर्माण के लिए भंडार गृह का काम कर रही है. मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की नक्काशी विहिप, ‘राम जन्मभूमि न्यास’ और संतों के संगठन के पर्यवेक्षण के तहत की जा रही है.
दूसरी तरफ़ खबर है कि सीतापुर स्थित नारदानन्द आश्रम में यूपी तथा आसपास के राज्यों के विभिन्न अखाड़ों के संत आश्रम में एकत्र होंगे और अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बनाने की योजना के बारे में विचार-विमर्श करेंगे.
उल्लेखनीय है कि गुर पूर्णिमा आगामी नौ जुलाई को है. संभावना जताई गयी है कि इसी दिन से राम मंदिर निर्माण के लिये ना सिर्फ संतों का बल्कि आम लोगों से भी सहयोग जुटाने का अभियान धुरु किया जाएगा.