गुरुग्राम यूनिवर्सिटी की सौगात से काकरोला और झंझरोला खेड़ा के लोगों में उत्साह

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लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर का जताया आभार 

 गुरुग्राम यूनिवर्सिटी की सौगात से काकरोला और झंझरोला खेड़ा के लोगों में उत्साह 2गुरुग्राम, 18 जून । गाँव काकरोला और झंझरोला खेड़ा के लोग सरकार से दिलवाई गयी गुरुग्राम यूनिवर्सिटी एवं अन्य सौगातों के लिए आज लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह के गुरुग्राम स्थित निवास पर उनका आभार जताने पहुँचे ।  कांकरोलावासी जिला का पहला सरकारी विश्वविद्यालय उनके गाँव में बनवाने के लिए गदगद थे , वहीं गाँव झंझरोला खेड़ा के लोग उनके गाँव को सडक़ मार्ग से सीधे बाड़सा एम्स से जोडऩे की घोषणा से ख़ुश थे ।
इन दोनो गांवों के लोगों ने राव नरबीर सिंह का दिल की गहराइयों से आभार जताया और मिठाई बाँटकर अपनी खुशी का इज़हार भी किया । सभी ग्रामीण ख़ुश दिखाई दे रहे थे ।
 
कांकरौला के ग्रामीण इस बात के लिए खुश थे कि जिला में जहां विश्वविद्यालय पाने के लिए सभी ओर से प्रयास हो रहे थे, वह नायाब तोहफ़ा उनके हिस्से आया है और यह राव नरबीर सिंह के प्रयासों से सम्भव हुआ है । खुश होते भी क्यूं ना , गुरुग्राम विश्वविद्यालय बनने से उनके इलाक़े के बच्चों को उच्च शिक्षा घर के नज़दीक मुहैया होगी, वहीं इससे क्षेत्र का कायाकल्प होगा , लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजग़ार के अवसर मिलेंगे । विश्वविद्यालय के आसपास एक पूरा नया शहर बस जाता है । जगह की क़ीमत बढ़ जाती है और क्षेत्र का नाम देश भर में चमक जाता है । इतने बड़े विश्वविद्यालय की सौग़ात प्राप्त करने के लिए जिला के कई गांव ज़मीन देने को तैयार थे । राव नरबीर सिंह मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कऱीबी है यह सर्व विदित है , जहाँ वे चाहते वहाँ विश्वविद्यालय बनवाने के लिए मनोहर लाल को मना लेते हैं ।
 
कांकरोलावासी यह समझ चुके है कि राव नरबीर  के प्रयास से ही उनके गांव व क्षेत्र को इतना बड़ा तोहफ़ा मिला है, अन्यथा यह कभी सम्भव नहीं हो पाता और कभी ना कभी सरकार किसी और काम के लिए उनकी पंचायती ज़मीन ले लेती । शिक्षा के इतने बड़े संस्थान और वह भी सरकारी जिसमें पढ़ाई लगभग मुफ़्त जैसी होगी, उससे अच्छा सदुपयोग इस ज़मीन का नहीं हो सकता था ।
 
कांकरोला के सरपंच  फक़ीरचंद ने कहा कि यदि राव नरबीर सिंह विश्वविद्यालय की मांग नही उठाते तो शायद आज यह संभव नही हो पाता। राव नरबीर सिंह ने विश्वविद्यालय की मांग को ना केवल उठाया बल्कि उसकी शुरुआत भी करवा दी है । ग्रामीणों ने कहा कि इसके लिए वे हमेशा उनके आभारी रहेंगे। सरपंच ने इस बात पर भी ख़ुशी ज़ाहिर की कि विश्वविद्यालय के साथ उनके गांव का नाम भी लिया जाएगा जिससे उनके गांव की ख्याति विश्व में फैलेगी। ग्रामीणों ने कहा कि अब गांव की बेटियों को पढ़ाई के लिए दूर शहरों में नही जाना पड़ेगा। 
 
 
इसी प्रकार , गांव झांझरौला खेड़ा से एम्स बाढ़सा वाया मुबारिकपुर तक 22 फुट चौड़ी सडक़ की मुख्यमंत्री से मंजूरी करवाने के लिए गांव झांझरौला खेड़ा के ग्रामीणो ने राव नरबीर सिंह का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस सडक़ के निर्माण से एम्स तक पहुचंने वाले मरीज़ो को सुविधा होगी और वहां पहुंचने में समय कम लगेगा। यह सडक हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा बनाई जाएगी। आम तौर पर बोर्ड द्वारा 27 फुट से कम चौड़ाई की सडक़ नही बनाई जाती , केवल मुख्यमंत्री की घोषणा से ही ऐसा निर्माण सम्भव होता है और राव नरबीर सिंह ने मौके का फायदा उठाते हुए श्री मनोहर लाल से यह घोषणा भी करवा ली । अपने क्षेत्र को सीधे एम्स बाड़सा से जुड़वा लिया । यही लाभ होता है अनुभव का , जो राव नरबीर सिंह ने कर दिखाया ।  मनोहर लाल और राव नरबीर सिंह की नजदीकियों की वजह से आज गुरुग्राम में इतने विकास कार्य चल रहे हैं, जितने पहले कभी नहीं हुए । 
 
इस अवसर पर राव नरबीर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार की कथनी व करनी एक समान है, इस बात का लोगों को प्रमाण भी मिल चुका है। विश्वविद्यालय का शिलान्यास होने से विपक्षी दल के उन नेताओं को मुंहतोड़ जवाब मिल गया है जो गुरुग्राम विश्वविद्यालय को घोषणा मात्र ही कहते थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का भविष्य में भी यह प्रयास रहेगा कि इलाके के लोगों की आवश्यकता के अनुरूप विकास कार्य करवाए जाए ।
 
राव नरबीर सिंह का आभार जताने पहुँचे ग्रामीणों में गांव कांकरौला के सरपंच फकीरचंद, जगन्नाथ नंबरदार, मनोज कांकरौला, भिशंबर, दिनेश, रूप, सुंदर पंच, राजेश पंच, तिलु पंच, रोहताश पंच, नत्थू ,अनिल पंच, सुरेन्द्र पंच, सरदार सिंह, राजकुमार, कवरसैन, धर्मसिंह, बालु आदि । गांव झांझरौला खेड़ा से सरंपच विकास , कालु डॉक्टर, पालु, अतर सिंह , दयाचंद, औमी नंबरदार, कर्मबीर पंच, रामकिशन, जोगिन्दर पंच, नारायण सिंह पंच आदि सहित भारी संख्या में ग्रामीण शामिल थे। 

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