स्किजोफ्रेनिया जागरुकता सप्ताह : रिकवरी सेंटर बनेगा ग्रामीणों की आवाज

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निवर्तमान पार्षद सुनीता कटारिया ने गुरुग्राम गांव में किया ग्रामीण रिकवरी सेंटर का उद्घाटन 

संबध हैल्थ फाउंडेशन व एमपीएस लिमिटेड का प्रयास 

स्किजोफ्रेनिया जागरुकता सप्ताह : रिकवरी सेंटर बनेगा ग्रामीणों की आवाज 2गुड़गांव 19 मई। वर्तमान में किसी भी प्रकार के मानसिक रोग से पीडि़त व्यक्ति समुदाय को स्वस्थ रूप से अपना जीवन जीने का अधिकार है, इसमें समुदाय की अह्म भूमिका होती है। इसलिए हम सभी को सकारात्मक रूप से मानसिक रुप खासतौर पर स्किजोफ्रेनिया से पीडि़तों के लिए आगे आना चाहिए, तभी वे मानसिक और शारिरीक तौर पर मजबूत बन सकेंगे। अकेले गुरुग्राम में करीब 50 हजार से अधिक लोग गंभीर मानसिक बीमारियों से ग्रसित है।  वार्ड 14 की निवर्तमान पार्षद सुनिता कटारिया शुक्रवार को गुरुग्राम गांव में मानसिक रोगियों के लिए संबध हैल्थ फाउंडेशन व एमपीएस लिमिटेड के द्वारा हरियाणा के पहले ग्रामीण रिकवरी सेंटर के उद्वघाटन अवसर पर बोल रही थी।

 

उन्होने कहा कि मानसिक रोग कई तरह के होते है लेकिन इससे डरने की जरुरत नही है, इसका इलाज संभव है और खासतौर पर स्किजोफ्रेनिया इत्यादि को रिकवरी कार्यक्रम से कवर किया जा सकता है। हमें पुरानी परम्पराओं को छोड़कर आगे आने की जरुरत है, न कि इन बीमारियेां को अपने घर तक ही सीमित नही रखें। गांव में जो रिकवरी सेंटर खेाला गया है यह सभी के लिए किसी वरदान से कम नही है। यह सेंटर पूरी तरह से समुदाय आधारित है, इसलिए इसके परिणाम भी शत प्रतिशत आतें है। क्येंा की अधिकतर लोग सिर्फ शहर जाकर चिकित्सक को दिखाने में भी परहेज करते है। हालांकि वैज्ञानिक अनुसंधान में भी उपचार, परिवार और समाज के समर्थन और साथ से मानसिक रोग से पीडि़त व्यक्ति अपने समुदाय में एक सार्थक जीवन जीने का आनंद ले सकता है।

संबध हैल्थ फाउंडेशन की ट्रस्टी रीता सेठ ने कहा कि पूरी दुनियंाभर में 18 से 24 मई तक अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर स्किजोफ्रेनिया जागरुकता सप्ताह मनाया जाता है। इसी के तहत हमने  गुरुग्राम गांव की चौपाल में रिकवरी सेंटर खोला है। जो कि पूरी तरह से ग्रामीणों को समर्पित है। मानसिक बीमारियों से मरीज के साथ साथ पूरा परिवार संकट की स्थिति में आ जाता है। सभी तरह की मानसिक बीमारियों में 3प्रतिशत आबादी में गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है। वंही आत्महत्या का 90 प्रतिशत कारण भी इसे माना गया है। डब्लूएचओ के मुताबिक कुल जनसंख्या में से 10 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारी (एमआई) और 3 प्रतिशत गंभीर बीमारी से पीडि़त है। इसमें गुरुग्राम में लगभग 50,000 लोग गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रसित है। इनमें 50 प्रतिशत ऐसे है जो पहचान ही नही किये गए। 

उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार के सहयोग से सेक्टर 31 गुरुग्राम के पाली क्लिनिक में भी रिकवरी सेटर चलाया जाता है जो कि गंभीर मानसिक रोगियों के लिए मददगार साबित हो रहा है। रिकवरी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मानसिक रोगी दुबारा से अपना सामान्य जीवन जीने लगता है। इसलिए नया रिकवरी सेटर ग्रामीणों के लिए लाभदायक होगा।

संबध हैल्थ फाउंडेशन की दीपशिखा पाल ने कहा, हम अक्टूबर 2016 से गुरुग्राम गांव में काम कर रहे हैं और अब तक कई परिवारों के साथ मिलकर गंभीर मानसिक रोगों से पीडि़तों को रिकवरी कार्यक्रम से लाभ मिल चुका है। जिसके चलते ग्रामीणों ने इस रिकवरी सेंटर को खुलवाने में पूरा सहयोग किया है। इसके साथ ही बसई और शिवाजीनगर के ग्रामीण इलाकें में भी कार्य शुरु किया गया है।

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