नई दिल्ली : न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने गत बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली और इसके साथ ही देश में महिला मुख्य न्यायाधीश की संख्या चार हो गई है. मद्रास हाई कोर्ट में महिला जजों का संख्या बढ़कर छह हो गयी. जबकि पुरुष न्यायाधीशों की संख्या 53 है.
न्यायमूर्ति इंदिरा ने वर्ष 1985 में वकालत शुरू की थी और उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में कानून की सभी विधाओं (अपराध के अलावा) में वकालत की थी.
फरवरी 2002 में उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और पिछले साल अगस्त में उनका तबादला दिल्ली उच्च न्यायालय किया गया था.
उल्लेखनीय है कि बंबई हाई कोर्ट में देश के सभी उच्च न्यायालयों से सबसे ज्यादा महिला जज हैं. मंजुला चेल्लूर 22 अगस्त, 2016 से यहां की मुख्य न्यायाधीश हैं. उनके बाद स्थान आता है महिला जस्टिस वीएम ताहिलरामनी का. बंबई उच्च न्यायालय में कुल 11 महिला जज हैं, जबकि पुरुष जजों की संख्या 61 है.
दिल्ली हाईकोर्ट के शीर्ष पर भी एक महिला जज हैं. यहां जस्टिस जी रोहिणी अप्रैल, 2014 से मुख्य न्यायाधीश के पद पर हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में कुल 9 महिला और 35 पुरुष न्यायाधीश हैं.
इसी तरह कलकत्ता हाई कोर्ट की कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश निशिता निर्मल म्हात्रे 1 दिसंबर 2016 से कार्यरत हैं. हालांकि, यहां महिला और पुरुष जजों का अनुपात बाकी उच्च न्यायालयों के मुकाबले बहुत कम है. कलकत्ता हाईकोर्ट में 4 महिला जजों के मुकाबले 35 पुरुष न्यायाधीश हैं.
गौरतलब है कि देश के कुल 24 उच्च न्यायालयों में 632 जज हैं. इनमें से सिर्फ 68 यानी करीब 10.7 फीसदी महिलाएं हैं. सुप्रीम कोर्ट के 28 न्यायाधीशों में सिर्फ आर भानुमति ही महिला जज हैं.
मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल की गत फरवरी माह में उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति की गई थी जिसके बाद इंदिरा बनर्जी (59) की इस पद पर नियुक्ति हुई. इंदिरा इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर सेवा दे चुकी हैं.