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लगातार पराजित हो रहे नेता के प्रशासनिक समझ पर लगाया प्रश्नचिन्ह
आर एस चौहान
नई दिल्ली : ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी को विश्वास हो गया है कि तीन निगमों में से किसी में भी वो जीत के कहीं क़रीब नहीं है, इसलिए कुछ भी ऊलजलूल वादा कर रही है। केजरीवाल जब कहते हैं कि हाउस टैक्स ख़त्म कर वो निगम में डेफिसिट ख़त्म करेगी तो इससे इनके प्रशासनिक समझ की पोल भी खुल जाती है। केजरीवाल को शायद ऐसा लगता है कि ऐसे बयान देकर वो दिल्ली के लोगों को गुमराह कर सकते हैं।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल के नए वादे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वराज इंडिया की ओर से कहा गया है की उनका यह वादा नगर निगम की कमर तोड़ने वाला कदम होगा। ऐसा करने से दिल्ली की जनता को एमसीडी से उतना भी नहीं मिल पायेगा जितना अब तक मिलता आया है। अगर आम पार्टी को ऐसा लगता है कि वो बिना टैक्स के एमसीडी चला सकती है, तो क्यों नहीं पार्टी घोषणा करती है कि इस टैक्स को हटाने से रेवेन्यू का जो नुक़सान हर निगम को होगा उसकी भरपाई राज्य सरकार करेगी। और ये भरपाई तो राज्य सरकार आज भी कर सकती है। इस तरह की शर्त आम पार्टी के चुनाव जीतने पर ही क्यों!
स्वराज इंडिया नगर निगम के लिए अपना विजन डॉक्यूमेंट पहले ही जारी कर चुकी है और यह स्पष्ट किया है कि नगर निगम के जरिये दिल्ली को कचरा, महामारी और प्रदूषण से मुक्त किया जाएगा। स्वराज इंडिया “साफ़ दिल, साफ़ दिल्ली” का एक विस्तृत ब्ल्यूप्रिंट भी जारी