त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को उत्तराखंड के सीएम के रूप में शपथ ली

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देहरादून: सर्वसम्मति से उत्तराखंड भाजपा विधानमंडल दल के नेता चुने गए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को  राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में यहां परेड ग्राउंड में हुए एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कृष्णकांत पाल ने रावत को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

 

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, उमा भारती, जेपी नडडा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर समेत कई नेता मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बधाई दी जिन्होंने आज उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

 

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी सरकार राज्य में रिकॉर्ड विकास हासिल करेगी. देहरादून में शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उनकी पूरी टीम को बधाई जिन्होंने आज शपथ ली. मुझे विश्वास है कि वे कठिन परिश्रम करेंगे और लोगों की आशा आकांक्षाओं को पूरा करेंगे.’ उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की नई सरकार राज्य के लोगों द्वारा प्रदर्शित अपार स्नेह को रिकॉर्ड विकास के जरिए लौटाएगी।

 

प्रदेश के नौवें मुख्यमंत्री बने रावत के साथ उनके 9 सदस्यीय मंत्रिमंडल को भी शपथ दिलाई गई जिसमें सात कैबिनेट स्तर के और दो राज्य स्तर के मंत्री शामिल हैं. रावत मंत्रिमंडल में सतपाल महाराज, प्रकाश पंत, हरक सिंह रावत, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, अरविंद पांडे और सुबोध उनियाल को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है जबकि रेखा आर्य और धन सिंह रावत को राज्य मंत्री के रूप सम्मिलित किया गया है. रावत मंत्रिमंडल के नौ सदस्यों में से पांच पिछले दो सालों में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेता हैं.

पंत, हरक सिंह, कौशिक और यशपाल आर्य पहले भी प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं जबकि महाराज, पांडे, उनियाल, रेखा आर्य और धन सिंह को पहली बार मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गयी है. गढ़वाल क्षेत्र से पांच और कुमांऊ क्षेत्र से चार विधायकों को रावत मंत्रिमंडल में शामिल कर क्षेत्रीय संतुलन को भी साधने का प्रयास किया गया है. रावत मंत्रिमंडल का आकार हालांकि, उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के लिए निर्धारित 12 सदस्यों की ऊपरी सीमा से कम रखा गया है. प्रदेश मंत्रिमंडल में दो स्थानों की गुंजाइश अभी बाकी है.

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