शनिवार को होगा शपथ ग्रहण समारोह
पीएम नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी होंगे शामिल
देहरादून : उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को राज्यपाल केके पाल से मुलाकात कर दावा पेश किया. उन्होंने 57 विधायकों के समर्थन होने का दावा प्रस्तुत किया है. खबर है कि वे शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. चर्चा जोरों पर है कि रावत के साथ 7 मंत्री भी शपथ लेगे .संभावना इस बात की प्रबल है कि उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल होंगे.
भाजपा नेता श्याम जाजू के हवाले से मीडिया ने दावा किया है कि शनिवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उपस्थित रहेंगे .
उल्लेखनीय है कि परम्परा के मुताबिक़ भाजपा के विधायल दल की बैठक शुक्रवार को हुई जिसमें रावत नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया . खबर है कि प्रकाश पंत ने उनका प्रस्तावित किया और सतपाल महाराज समेत अन्य नेताओं ने इसका समर्थन किया. बताया जाता है कि इस रेस में पंत और सतपाल महाराज भी थे.
गत 11 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला. भाजपा ने 70 सीटों में से 57 पर जीत हासिल की है.
कौन हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत ?
20 दिसंबर 1960 को पौड़ी गढ़वाल के खैरासैँण(जहरीखाल) में फौजी परिवार में जन्में त्रिवेंद्र रावत ने पत्रकारिता से पीजी की पढ़ाई की है. वह 19 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े. दो साल बतौर स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में नियमित रूप से गए और बतौर प्रचारक काम करने का संकल्प लिया.
रावत साल 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं . वर्ष 1993 में संघ की ओर से उन्हें भारतीय जनता पार्टी में संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया. राज्य आंदोलन में भी त्रिवेंद्र की अहम भूमिका रही. वह कई बार गिरफ्तार हुए और जेल भी गए. इसके बाद 1985 में उन्हें देहरादून महानगर का प्रचारक नियुक्त किया गया.
उन्हें 1997 व 2002 में भाजपा में संगठन महामंत्री बनाया गया . उत्तराखंड अलग राज्य बनने के बाद पहली बार वे 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में डोईवाला से जीते . 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में डोईवाला से एक बार फिर विजयी हुए. 2007 से 2012 तक भाजपा सरकार में कृषि मंत्री के पद पर रहे.
पुनः 2012 विधानसभा चुनाव में वह रायपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े लेकिन इस बार वे हार गए. यहाँ तक कि 2014 में उसी सीट पर हुए उपचुनाव में भी वे हार गए. उन्हें झारखंड का प्रदेश प्रभारी बनाया गया. इस बार उन्होंने डोइवाला विधानसभा सीट से ही कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट को 24,869 मतों पराजित कर विधान सभा पहुँचने का रास्ता प्रशस्त किया.