पंचायत प्रतिनिधियों ने नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुए 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का आनंद लिया

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नई दिल्ली :  76वें गणतंत्र दिवस पर, देश भर से 575 से अधिक विशेष अतिथि पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि और उनके जीवनसाथी थे, जिन्होंने ग्रामीण भारत की धड़कन के प्रतीक भव्य गणतंत्र दिवस परेड देखी। इनमें से लगभग 40% महिला प्रतिभागी थीं, जो लैंगिक-समावेशी शासन की दिशा में किए गए उल्लेखनीय कदमों का उदाहरण थीं। जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सम्मानित करने के प्रयास में, पंचायती राज मंत्रालय ने 25 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में सरपंचों, ग्राम प्रधानों और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों सहित पंचायत नेताओं को सम्मानित किया। पंचायतों के ये विशेष अतिथि सरकार की 10 प्रमुख योजनाओं, हर घर जल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मिशन इंद्रधनुष, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत), प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री पोषण योजना, पीएम मुद्रा योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना को सफल बनाने में सहायक रहे हैं या राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हैं जिन्होंने अपनी ग्राम पंचायतों में असाधारण काम किया है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में ग्राम पंचायतों के प्रमुखों के सम्मान समारोह में बोलते हुए, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने कहा कि पंचायत नेता ग्रामीण परिवर्तन के पीछे की प्रेरक शक्ति हैंजो प्रमुख सरकारी योजनाओं को निर्बाध रूप से लागू करने और भारत में भागीदारीपूर्ण शासन की भावना को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये जमीनी नेता 10 प्रमुख योजनाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैंजो अब देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समाज के सभी वर्गों के लोगों को लाभान्वित कर रही हैंजिससे उनकी संबंधित ग्राम पंचायतों में ठोस परिणामों के माध्यम से “जीवन की सुगमता” में सुधार सुनिश्चित हो रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में विशेष अतिथि के रूप में 575 से अधिक पंचायत प्रतिनिधियों और उनके जीवनसाथियों की उपस्थिति पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी भागीदारी कर्मक्षेत्र से कर्तव्य पथ तक की उनकी यात्रा का प्रतीक है। श्री राजीव रंजन सिंह ने विशेष अतिथियों में में 132 महिला प्रधानों की मौजूदगी के साथ, पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के महत्वपूर्ण नेतृत्व की भी सराहना की, जो ग्रामीण शासन में उनकी परिवर्तनकारी भूमिका को दर्शाता है। वित्तीय सशक्तीकरण के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में पंचायतों के लिए वित्तीय आवंटन में छह गुना वृद्धि [निधि आवंटन 60,972 करोड़ रुपये (2005-2014) से बढ़कर 3,94,140 करोड़ रुपये (2014-2024) हो गया है] हुई है जिससे स्थानीय विरासत और परंपराओं को संरक्षित करते हुए विकास को आगे बढ़ाने की उनकी क्षमता को बल मिला है। केंद्रीय मंत्री ने सभी से महिलाओं को “आत्मनिर्भर” बनने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह करते हुए कहा, “एक समृद्ध ग्रामीण भारत एक विकसित राष्ट्र की नींव है। स्वामित्व योजना के माध्यम से, गांवों में संपत्ति को लेकर विवाद कम हो गए हैं, जिससे शांति, सद्भाव और आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ है।”

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने भी ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पंचायतों को आवंटित धन में उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला, जिसमें पिछले दशक में छह गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 13वें वित्त आयोग के तहत प्रति व्यक्ति वार्षिक आवंटन 176 रुपये से बढ़कर 15वें वित्त आयोग के तहत 674 रुपये हो गया है। प्रो. बघेल ने जमीनी स्तर पर शासन के महत्व को भी रेखांकित किया, पंचायत प्रतिनिधियों को भारत के लोकतंत्र की रीढ़ के रूप में स्वीकार किया, जो समावेशी और सतत विकास को आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण के परिवर्तनकारी प्रभाव की ओर इशारा किया, जिसने महिलाओं को ग्रामीण विकास का नेतृत्व करने और लिंग-समावेशी शासन के लिए वैश्विक मानदंड स्थापित करने का अधिकार दिया है। प्रो. बघेल ने पंचायतों को लोगों को पेंशन और विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए पंचायत भवनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान और ‘मेरी पंचायत’ ऐप के उपयोग के महत्व पर भी जोर दिया। ग्राम प्रधानों, विशेषकर महिला प्रधानों को संबोधित करते हुए, उन्होंने उनसे ग्राम पंचायत से परे नेतृत्व की भूमिका निभाने का लक्ष्य रखने का आग्रह किया, और शासन में अधिक सशक्तीकरण की दिशा में एक कदम के रूप में ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक की ओर ध्यान आकर्षित किया।

पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने ई-ग्राम स्वराज, भाषिनी, मेरी पंचायत ऐप, पंचायत निर्णय, ग्राम मंच जैसे तकनीकी नवाचारों के माध्यम से ग्रामीण सशक्तीकरण की दिशा में सामूहिक संकल्प पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंचायतें अधिक स्मार्ट और पारदर्शी बन रही हैं, जिससे भारत सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को बनाए रखने के लिए ग्राम पंचायतों को अपने स्वयं के स्रोत से राजस्व (ओएसआर या आउन सोर्स रेवेन्यू) को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

इस कार्यक्रम में “ग्रामोदय संकल्प” पत्रिका के 15वें ई-संस्करण का विमोचन, अनुकरणीय पंचायतों को सम्मानित करना और संविधान दिवस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत करना भी शामिल था। इस अवसर पर अपर सचिव श्री सुशील कुमार लोहानी, संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर, आर्थिक सलाहकार श्री (डॉ.) बिजय कुमार बेहरा और संयुक्त सचिव श्री राजेश कुमार सिंह सहित पंचायती राज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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