SSB जवानों की कठोर मेहनत से बिहार और झारखंड नक्सलमुक्त : अमित शाह

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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सशस्त्र सीमा बल (SSB) के 61वें स्थापना दिवस परेड पर सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में मुख्य अतिथि को तौर पर शामिल हुए। गृह मंत्री ने इंटीग्रेटेड चैक पोस्ट( ICP) अगरतला व पेट्रापोल में BGF के नवनिर्मित आवासीय परिसर का ई-लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक श्री तपन डेका, केन्द्रीय गृह मंत्रालय में सचिव सीमा प्रबंधन श्री राजेन्द्र कुमार और सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक श्री अमृत मोहन प्रसाद सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने सम्बोधन की शरुआत में केन्द्रीय गृह मंत्री ने देश की सीमा की रक्षा और पूर्वी क्षेत्र से नक्सलवाद को समाप्त करने के अभियान में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीरों को श्रृद्धांजलि दी। गृह मंत्री ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरो के परिवारजनों से कहा कि उनके वीर सपूतों के बलिदान से देश को एक नई जिंदगी, नई ऊर्जा और उत्साह देने का काम किया है और पूरे देश को ऐसे सभी जवानों पर गर्व है। श्री शाह ने कहा कि 61 वर्षों में SSB को अब तक 4 पद्मश्री, 1 कीर्ति चक्र, 6 शौर्य चक्र, 2 राष्ट्रपति वीरता पदक, 25 पुलिस वीरता पदक और 35 वीरता पदक मिलें हैं। SSB को मिले राष्ट्रीय स्तर के ये सम्मान यह बताते हैं कि SSB के जवान कर्तव्य निर्वहन के लिए कितने दृढ़ निश्चयी हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल ने भारत के सीमांत गाँवों की संस्कृति, भाषा और समृद्ध विरासत को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का अद्वितीय कार्य किया है। SSB ने “सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व” के नारे को अपने कर्तव्यों से चरितार्थ करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि SSB ने नेपाल-भूटान के साथ विश्वास, विरासत और मित्रता के संस्कार को आगे बढ़ाने का काम किया है।

श्री शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक सीमा, एक बल की नीति अपनाई थी उसके बाद SSB को हमारे दो मित्र राष्ट्र नेपाल और भूटान की सीमा की चौकसी और सुरक्षा का दायित्व दिया गया। उन्होंने कहा कि 1963 में अपनी स्थापना के बाद से SSB ने सीमांत गांव में अद्भुत देशभक्ति और भारत के साथ जुड़ाव का एक जज्बा उत्पन्न करने का काम किया है। SSB ने राष्ट्र की सेवा, भक्ति व राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ नेपाल और भूटान की लंबी सीमा पर पूरी सतर्कता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई है। श्री शाह ने कहा कि देश के गृहमंत्री को नेपाल और भूटान की 2450 किलोमीटर की सीमा की किंचित मात्र चिंता नहीं है क्योंकि वहां SSB का जवान खड़ा है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि SSB के 61 वर्ष के गौरवशाली इतिहास में सेवा सुरक्षा और बंधुत्व के नारे को चरितार्थ करने और राष्ट्र सेवा, देशभक्ति और राष्ट्र प्रथम की भावना को उजागर करने का काम किया है। श्री शाह ने कहा कि SSB के जवानों ने सीमा से नारकोटिक्स, मानव तस्करी, हथियारों की आवाजाही और देशविरोधी तत्वों की घुसपैठ को बड़ी मुस्तैदी के साथ रोका है। उन्होंने कहा कि SSB ने नक्सल विरोधी अभियान में सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस बलों के साथ पूरे पूर्वी क्षेत्र को नक्सलमुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

गृह मंत्री ने कहा की लगभग चार दशक के बाद बिहार और झारखंड के नक्सल मुक्त होने में SSB के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। SSB के जवानों की कठोर मेहनत और समर्पण के परिणामस्वरूप आज बिहार और झारखंड जैसे राज्य नक्सलमुक्त हो चुके हैं। श्री शाह ने कहा कि सिलीगुड़ी कॉरीडोर पूर्वी भारत का बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है और यहां SSB की तैनाती पूरे भारत के लिए आश्वस्त होने और विश्वास का कारण है। गृह मंत्री ने कहा कि SSB की सतर्कता से हम पूर्वी क्षेत्र में विश्वास का वातावरण सृजित करने में सफल हुए हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत और नेपाल की मैत्री संधि की मर्यादा का सम्मान करते हुए SSB द्वारा नो मैंस लैंड में 1100 से ज्यादा अतिक्रमण को हटाना बहुत बड़ी उपलब्धि है। श्री शाह ने कहा कि सीमा में 15 किलोमीटर तक सरकारी जमीन पर अतिक्रमणों के लिए विगत 3 वर्षों से SSB ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और और किसी भी प्रकार के विवाद के बगैर हजारों एकड़ सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने का काम किया है।

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