नई दिल्ली। सड़क सुरक्षा मजबूत करने और राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने ठेकेदारों को यातायात सुरक्षा अवरोधकों में इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्दिष्ट मानकों के अनुरूप राष्ट्रीय राजमार्गों पर मेटल बीम क्रैश बैरियर (एमबीसीबी) लगाने के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।
निर्देश में कहा गया है कि ठेकेदारों को सुनिश्चित करना होगा कि क्रैश बैरियर में प्रयुक्त सामग्री क्रैश टेस्ट रिपोर्ट के विनिर्देशों के अनुरूप हों और यह निर्माता द्वारा बताई गई प्रणाली के अनुसार लगाया गया है। ठेकेदार को निर्माता से प्रमाण पत्र लेना होगा कि परियोजना स्थल पर स्थापित क्रैश बैरियर निर्धारित डिजाइन, मानकों और विनिर्देशों के अनुरूप हैं। इसके अलावा, ठेकेदार को सतह का वांछित स्तर संघनन सुनिश्चित करना होगा।
मेटल बीम क्रैश बैरियर निर्माता को भी निर्देश दिया गया है कि वे एमबीसीबी के हिस्सों पर ब्रांड नाम, लॉट/बैच नंबर, इस्पात का ग्रेड और अन्य आवश्यक विवरण गुणवत्ता पहचान के लिए अंकित करें। निर्माता को एमबीसीबी पर क्यूआर कोड भी लगाने को कहा गया है जिसके द्वारा एमबीसीबी लगाने के निर्देश और पद्धति परियोजना स्थल पर कोई भी व्यक्ति आसानी से देख- समझ सके। इसके अलावा, एमबीसीबी की मंजूरी देते समय, प्राधिकरण इंजीनियर/स्वतंत्र इंजीनियर यह सुनिश्चित करेंगे कि इसमें सभी तकनीकी विनिर्देश क्रैश टेस्ट रिपोर्ट में परिभाषित डिजाइन मानकों के अनुसार हुआ है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में उच्चतम मानक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इन दिशानिर्देशों से ठेकेदारों को बेहतर गुणवत्ता वाली परियोजनाएं देने का दायित्व बढ़ेगा साथ ही देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने में भी ये सहायक होंगे।