नई दिल्ली/मुम्बई। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने मुंबई में पूर्वोत्तर व्यापार और निवेश रोड शो का आयोजन किया। भारत के शीर्ष शहरों में एक साल तक चलने वाले रोड शो के अंतर्गत मुंबई में हुए इस रोड शो ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा और मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड के. संगमा के साथ-साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए जिनमें पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव चंचल कुमार, संयुक्त सचिव मोनालिसा दाश औऱ पूर्वोत्तर राज्यों के सरकारी अधिकारी प्रमुख थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूर्वोत्तर भारत में आए परिवर्तन की प्रशंसा की और क्षेत्र के मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व को भी स्वीकार किया जिनके दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता ने पिछले एक दशक में क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। उन्होंने इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं पर बल दिया जो अब 11 प्रतिशत जीडीपी विकास दर के साथ भारत के विकास में योगदान देने के लिए तैयार है। बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन और विशेष क्षेत्रों के विकास ने पूर्वोत्तर भारत को देश के भविष्य में एक प्रमुख अंग के रूप में स्थापित किया है। क्षेत्र के अनूठे लाभों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर एक प्रवेश द्वार है जो दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों तक पहुँच प्रदान करता है। केंद्रीय मंत्री ने मुंबई और पूर्वोत्तर भारत के जीवंत व्यावसायिक तंत्रों के बीच संपर्क बनाने के महत्व पर बल दिया जिससे विकास और नवाचार के लिए एक निर्बाध मार्ग सुनिश्चित हो सके। मंत्री ने पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, खेल और आईटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्र की प्रगति का उल्लेख किया और क्षेत्र के विकास के लिए एक गुणवत्ता-संचालित केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि इस क्षेत्र के युवा, उच्च साक्षरता दर और प्रचुर प्राकृतिक संसाधन खासकर टिकाऊ कृषि, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। व्यापार वृद्धि को प्रोत्साहन देने वाली नीतियों और लालफीताशाही को कम करने की प्रतिबद्धता के साथ पूर्वोत्तर भारत अब निवेशकों स्वागत कर रहा है, जो भारत के विकास में खासकर इसके युवाओं के लिए योगदान देगा। अपने समापन भाषण में उन्होंने निवेशकों को पूर्वोत्तर क्षेत्र में आने और क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूर्वोत्तर भारत, विशेष रूप से त्रिपुरा, उल्लेखनीय विकास देख रहा है। इसके अलावा भारत सरकार की एक्ट ईस्ट नीति इस क्षेत्र में विकास को गति दे रही है। सबसे शांतिपूर्ण राज्यों में से एक के रूप में पहचाने जाने वाले त्रिपुरा ने 1,77,000 रुपए की प्रति व्यक्ति आय के साथ प्रभावशाली आर्थिक प्रदर्शन किया है जिससे यह पूर्वोत्तर भारत में दूसरा सबसे बड़ा जीएसडीपी योगदानकर्ता बन गया है। बेहतरीन सड़क, जल, वायु और रेल संपर्क सहित मजबूत बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए एक सहायक माहौल के साथ यह राज्य निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। त्रिपुरा के प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, जैसे कि बांस, रबर और सुगंधित राल, इसके टिकाऊ कृषि पद्धतियों के साथ, बागवानी, पर्यटन और विनिर्माण जैसे उद्योगों में विकास की अनंत संभावनाएँ पैदा करते हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि तकनीकी उन्नति पर राज्य ध्यान दे रहा है जो इसकी आईटी नीति, ई-ऑफिस और ई-कैबिनेट सिस्टम की शुरूआत और गांवों में व्यापक 4G कनेक्टिविटी से स्पष्ट होता है। 95.16 प्रतिशत की उच्च साक्षरता दर का लाभ उठाने के लिए, त्रिपुरा स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास में निवेश कर रहा है। निवेशकों के लिए समयबद्ध मंजूरी प्रदान करने और उन्नति 2024 योजना का लाभ उठाने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता, निवेश केंद्र के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करती है। त्रिपुरा भारत की विकास यात्रा का एक अभिन्न अंग बनने के लिए तैयार है और इसके लिए वह आकर्षक प्रोत्साहन और व्यवसायों के अनुकूल वातावरण प्रदान कर रहा है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने बताया कि मेघालय में परिवर्तनकारी विकास देखने को मिल रहा है जो एक केंद्रित निवेश और विकास रणनीति के साथ मजबूत नेतृत्व द्वारा संचालित है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य ने निवेशक-अनुकूल नीतियां विकसित की हैं और विशेष रूप से पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित की हैं। शिलांग में एक नए हवाई अड्डे के पूरा होने और लक्जरी आवासों में निवेश ने मेघालय को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया है। विशाल अप्रयुक्त संसाधनों, एक कुशल कार्यबल और कृषि, आईटी और खेल जैसे संपन्न क्षेत्रों के साथ, राज्य निरंतर प्रगति और विकास के लिए तैयार है। घरेलू और साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट के लिए नर्सों को प्रशिक्षित करने और आईटी अवसरों के निर्माण जैसी पहलों के साथ युवा सशक्तिकरण पर सरकार का ध्यान इसकी विकास क्षमता को मजबूत करता है। एक जीवंत पर्यटन क्षेत्र, आतिथ्य परियोजनाओं और तेजी से बढ़ते खेल उद्योग के साथ, मेघालय निवेशकों के लिए प्रचुर अवसर प्रदान करता है। हाल जारी विकास कार्यक्रम, मेघालय को भारत की विकास यात्रा में एक प्रमुख योगदानकर्ता बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव चंचल कुमार ने क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास से प्रेरित क्षेत्र की उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने उल्लेख किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 2.9 प्रतिशत है फिर भी पूर्वोत्तर क्षेत्र का वार्षक विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। बेहतर बुनियादी ढांचे, पूर्वोत्तर राज्यों में स्थिर और सुसंगत नीति व्यवस्था और क्षेत्र में विकास और निवेश के लिए अनुकूल माहौल के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र आगे और अधिक प्रगति के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में, क्षेत्र की कनेक्टिविटी बदल गई है। चाहे वह सड़क हो, रेल, वायु, जल और डिजिटल संपर्क हो, दूरदराज के क्षेत्रों तक भी पहुँच बन रहा है। इसके अलावा, पूर्वोत्तर राज्यों ने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर आकर्षक नीतियां बनाई हैं। उन्होंने क्षेत्र की अपार संभावनाओं के बारे में जानकारी दी और निवेशकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया।
मंत्रालय की संयुक्त सचिव मोनालिसा दाश ने एक दशक से चल रही विकास पहलों और परियोजनाओं के बारे में बताया जिनसे स्थानीय समुदायों को सीधे लाभ हुआ है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत का उत्तर पूर्व असीम अवसरों की भूमि के रूप में उभर रहा है, जो खनिजों, जैव-विविधता और जलविद्युत क्षमता से समृद्ध है। 17 संचालित हवाई अड्डों, एक विस्तारित सड़क और रेल नेटवर्क और 20 जलमार्गों के साथ, यह क्षेत्र एक परिवर्तनकारी यात्रा का अनुभव कर रहा है। उन्नति योजना, पीएम-डिवाइन और आयुष्मान भारत जैसी प्रमुख पहलों द्वारा समर्थित यह क्षेत्र सतत विकास और प्रगति के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उत्तर पूर्व, एक जीवंत संस्कृति का केंद्र है, यहाँ साक्षरता दर उच्च है, खेल क्षेत्र में तेजी है और निवेश आकर्षित करने के लिए पर्यटन उद्योग फल-फूल रहा है। बुनियादी ढाँचा बेहतर होने के साथ और उसी अनुरूप नीतियाँ बननने से उत्तर पूर्व निवेश और विकास का केंद्र बनने के लिए तैयार है, जो निवेशकों के लिए अनंत संभावनाएँ प्रदान करता है।
पूर्वोत्तर राज्यों के सरकारी अधिकारियों ने फिक्की के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों के बारे में बहुमूल्य जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम ने अग्रणी व्यवसायों से महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित की है, जिससे इस क्षेत्र में मजबूत निवेश क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
पूर्वोत्तर निवेश शिखर सम्मेलन से पहले के गतिविधियों के तहत, राज्य गोलमेज सम्मेलन, प्रमुख शहरों में रोड शो आदि सहित विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं, जिन्होंने संभावित निवेशकों से महत्वपूर्ण रुचि आकर्षित की है।
मुंबई रोड शो ने काफी ध्यान खींचा है और कई बिजनेस-टू-गवर्नमेंट (बी2जी) बैठकों ने उत्तर पूर्व क्षेत्र के लिए निवेश के अवसर सृजित किए हैं।