गुरुग्राम, 29 अक्तुबर। सडक़ों, फुटपाथों, गलियों, ग्रीन बैल्ट, खाली प्लाटों, बाजारों आदि सार्वजनिक स्थानों पर कचरा डालकर गंदगी फैलाना दंडनीय अपराध है तथा ऐसा करने वालों पर स्वच्छता टीमें लगातार निगरानी करते हुए उन पर तुरंत ही जुर्माना लगाकर उसकी अदायगी करवा रही हैं।
नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि निगम की स्वच्छता टीमें एक ओर जहां क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए युद्ध स्तर पर लगातार कार्य कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे व्यक्तियों पर भी निगरानी रखी जा रही है, तो कूड़ा डालकर दोबारा से गंदगी फैलाते हैं। टीमों ने जून माह से अब तक गंदगी फैलाने वाले 2063 उल्लंघनकर्ताओं के चालान करते हुए 11.50 लाख रुपए की राशि की अदायगी करवाई है। यह कार्रवाई सडक़ों के साथ स्ट्रीट वैंडिंग का कार्य करने वालों सहित बाजार क्षेत्रों के दुकानदारों व इधर-उधर कचरा फैंकने वालों पर की गई है। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था को खराब करने वालों पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
निगमायुक्त ने कहा कि निगम की स्वच्छता टीमें नियमित रूप से शहर की सफाई सुनिश्चित कर रही हैं, लेकिन कई बार देखा जाता है कि सुबह के समय सफाई होने के बाद कुछ लोग अपने घरों व प्रतिष्ठानों से कचरा निकालकर दुबारा से सडक़ या गली में डाल देते हैं। इससे स्वच्छता कर्मियों द्वारा की गई सफाई व्यवस्था फिर से खराब हो जाती है। नगर निगम गुरुग्राम द्वारा नागरिकों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे अपने यहां डस्टबिन में ही कचरा रखें तथा जब कचरा एकत्रित करने वाला कर्मचारी आए तो उसे कचरा सौंपें। उन्होंने कहा कि यह हमारी नैत्तिक जिम्मेदारी है कि हमारे यहां से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन सही ढंग से हो। इधर-उधर कचरा डालने से वह हवा के साथ उडक़र आसपास के क्षेत्र में गंदगी व बदबू तो फैलाता ही है, साथ ही पर्यावरण प्रदूषण को भी बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाता है।
निगमायुक्त ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा ग्रेडिड रेस्पांस एक्शन प्लान का दूसरा चरण लागू किया जा चुका है तथा प्रदूषण बढ़ाने वाली कई प्रकार की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया हुआ है। इनमें कचरे में आग लगाने, बिना ढक़े कचरा, मलबा व निर्माण सामग्री का परिवहन करने, तंदूर में लकड़ी व कोयले का इस्तेमाल तथा अवैध रूप से कचरा व मलबा फैंकने पर प्रतिबंध शामिल है। इसके अलावा, निर्माण कार्यों में पर्यावरणीय नियमों की पालना करना अनिवार्य है। इसके तहत निर्माण साइट का कवर किया जाना तथा निर्माण सामग्री पर पानी का छिडक़ाव करके उसे ढककर रखना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ विभिन्न नियमों के तहत जुर्माना लगाने व अन्य कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान है।