नई दिल्ली : नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस -एनसीजीजी ने बंगाल की खाड़ी पहल के अंतर्गत बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग- बिम्सटेक देशों के सिविल सेवकों के लिए अपना पहला मध्य-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक मसूरी और नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। दो सप्ताह के कार्यक्रम में श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल और भूटान के प्रमुख मंत्रालयों में उपायुक्त, सहायक मंडल सचिव, आयुक्त और उप निदेशकों सहित 36 वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और शासन क्षमताओं को बढ़ाना है।
एनसीजीजी के महानिदेशक श्री सुरेंद्र कुमार बागड़े ने विभिन्न देशों के सिविल सेवकों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान और साथ में सीखने की सुविधा में कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक पारदर्शी, जवाबदेह और डिजिटल रूप से संचालित शासन मॉडल बनाने के लिए एनसीजीजी के योगदान पर जोर दिया जो सतत विकास की नींव के रूप में कार्य करता है। उन्होंने प्रतिभागियों से अपने-अपने देशों में प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए ज्ञान को लागू करने और किसी भी मार्गदर्शन के लिए एनसीजीजी से संपर्क करने का आग्रह किया।
सत्र के मुख्य अतिथि, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग- डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने अपने संबोधन में भारत के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के सिद्धांत के अनुरूप, सार्वजनिक सेवा वितरण में डिजिटलीकरण के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने डिजिटल उपकरणों के माध्यम से अंतिम छोर तक सेवा वितरण में भारत की प्रगति के बारे में बताया और शिकायत निवारण के लिए खरीद, फिनटेक और सीपीजीआरएएम में सफल शासन मॉडल पर प्रकाश डाला, जिसकी मदद से सार्वजनिक सेवाओं को सुव्यवस्थित करने में मदद मिली है। साथ ही उन्होंने विभिन्न राष्ट्रों में बेहतर शासन के लिए आपसी सीख पर जोर दिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल और भूटान के प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के संचालन के लिए एनसीजीजी को धन्यवाद दिया। प्रतिभागियों ने सीखी गई प्रमुख बातों को साझा किया और बताया कि कैसे यह कार्यक्रम उनके संबंधित देशों में नागरिकों की सेवा करने के लिए उनके लिए फायदेमंद होगा। यह उल्लेखनीय है कि एनसीजीजी ने अब तक विभिन्न देशों के 5000 से अधिक वरिष्ठ और मध्य-कैरियर अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है। भारत और अन्य देशों के सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए वर्ष 2014 में नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस की स्थापना की गई है। इन वर्षों में, इस केंद्र ने बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरिट्रिया, सोमालिया, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, फिजी, मोज़ाम्बिक और कंबोडिया जैसे 33 देशों के अधिकारियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है। एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह ने शैक्षणिक सत्रों और सिविल सेवक अधिकारियों के लिए नियोजित क्षेत्रों के दौरे के बारे में संक्षिप्त जानकारी सहित कार्यक्रम का एक सिंहावलोकन प्रदान किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह, प्राध्यापक डॉ. एम.के. भंडारी प्रशिक्षण सहायक श्री संजय दत्त पंत, एनसीजीजी यंग प्रोफेशनल सुश्री मोनिशा द्वारा किया गया।