वायु गुणवत्ता के लिए जिला पटाखों की बिक्री 22 अक्तूबर से 31 जनवरी तक रहेगी बंद

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-केवल ग्रीन पटाखों का हो सकता है सीमित उपयोग
-जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने किए आदेश जारी

गुरूग्राम, 16 अक्तूबर। जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने 22 अक्तूबर से 31 जनवरी तक वायु गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए बेरियम साल्ट वाले पटाखों के उत्पादन, बिक्री व पटाखे बजाने पर रोक लगा दी है। केवल दीवाली, गुरूपर्व और क्रिसमिस के दिन सीमित समय में ग्रीन पटाखे बजाए जा सकते हैं।

जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने आज जारी किए अपने आदेश में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार अधिक मात्रा में पटाखे बजाने से वातावरण दूषित हो सकता है। जिससे श्वांस के रोगियों को भारी तकलीफ होती है। सरकार के दिशा-निर्देश व हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुझाव पर अमल करते हुए वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए पटाखों की बिक्री व उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया जाता है। जो कि 22 अक्तूबर से 31 जनवरी, 2025 तक लागू रहेगा। इस दौरान दीवाली और गुरूपर्व के दिन रात को आठ से दस बजे तक ग्रीन पटाखे बजाए जा सकते हैं। इसी प्रकार क्रिसमिस से एक दिन पहले रात को 11.55 से 12.30 बजे तक ये ग्रीन पटाखे बजाए जा सकते हैं।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, विस्फोटक अधिनियम के तहत जारी किए आदेश में जिलाधीश ने कहा है कि जोर की आवाज करने वाले पटाखे तथा पटाखों की लड़ियां आदि के उत्पादन तथा बेचने पर रोक रहेगी। पटाखों की वजह से वायु प्रदूषण इंडेक्स 2.5 से दस प्वाईंट तक बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी वायु इंडेक्स पर निगरानी रखेंगे। पुलिस, नगर निगम, अग्निशमन व पंचायत विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजारों में पटाखों की बिक्री ना हो और कहीं पर भी फैक्ट्री में पटाखे ना बनाए जाएं।

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