भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर) पोर्टल लॉन्च

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नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में ‘स्टार्टअप इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री (भास्कर) पहल के शुभारंभ के अवसर पर अपने मुख्य संबोधन में कहा कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए भास्कर नाम चुना गया है, जिसका का अर्थ ‘उगता हुआ सूरज’ है। श्री गोयल ने कहा कि सूरज के साथ ज्ञानप्रकाशविकास आता है और भास्कर सहयोगसहकारिता में मदद करेगा और एक-दूसरे के बीच प्रतिस्पर्धा को भी सक्षम बनाएगा। इस पहल की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक अवधारणा के रूप में भास्कर उन सभी लोगों को एकीकृत करने का प्रयास करेगा जो सपने देखने वालेकाम करने वाले हैं और अपनी खोज या काम से बड़ा बदलाव ला सकते हैं। भास्कर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह मंच उद्यमियों को महत्वाकांक्षी क्रांतियों को शुरुआत देने के लिए उम्मीदें और आकांक्षाएं जगाने एवं सफलता दिलाने में मदद करेगा।

स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के बारे मेंश्री गोयल ने कहा कि केंद्र इकोसिस्टम को सामाजिकलोकतांत्रिक और दुनिया की नजरों में लाने के लिए प्रयास करेगा। श्री गोयल ने कहा कि प्रौद्योगिकी और परस्पर संबंधों से भारतीयों को हमारे उत्पादों और सेवाओं को दुनिया भर में बेचने के उद्देश्य से एक साधन के रूप में ब्रांड इंडिया‘ को विकसित में मदद मिलेगी और हमें बाकी दुनिया के सामने भारत की छवि बदलने के मामले में भी फायदा होगा।

उन्होंने यह भी बताया कि स्टार्टअप नवाचार और उद्यमिता का एक संयोजन है। भविष्य के लिए नीतियों को आकार देने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण का हवाला देते हुएकेंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया की ताकत भारत की विकास कहानी में योगदान देगी। उन्होंने कहा कि भारतीयों को नौकरियों का सृजक बनने के लिए प्रोत्साहित करने और असफलताओं को उज्जवल भविष्य की सीढ़ी के रूप में देखने में उनकी मदद करने से बड़े विचारों को साकार करना आसान हो जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने प्रतिभागियों को एक धारा 8 कंपनी स्थापित करने का सुझाव भी दियाताकि राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (एनएसएसी) को नई स्टार्टअप कंपनी के दायरे में लाया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि यूनिकॉर्न को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए नई कंपनी के शेयर सौंपने से उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा और वे सशक्त होंगे। अपने संबोधन के दौरानश्री गोयल ने जोर देकर कहा कि सरकार चाहती है, स्टार्टअप उद्योग स्वतंत्र हो और दुनिया में सफल होने के लिए ईमानदारीगुणवत्ता और दृढ़ विश्वास बनाए रखते हुए वैश्विक स्तर पर पहुंच कायम करे।

श्री गोयल ने कहा कि भास्कर को संपूर्ण स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए सरलउपयोग में आसान लिंक और आसानी से इस्तेमाल की जा सकने वाली तकनीक के माध्यम से डेटा प्रसार और आदान-प्रदानसंवाद के लिए वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाना चाहिएजिससे भारत और उसके बाहर स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास और सफलता को बढ़ावा मिलेगा। अंत मेंउन्होंने उम्मीद जताई कि भास्कर 2.0 को बेहतर सुविधाओं और तकनीक के साथ जल्द ही पेश कर दिया जाएगा।

डीपीआईआईटी के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने अपने संबोधन में बताया, “यह अनूठी पहल संपूर्ण स्टार्टअप इकोसिस्टम से ठोस प्रयासों आह्वान करने के मद्देनजर एक सराहनीय कदम है। यह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को दुनिया भर में अपने जैसे दूसरे स्टार्टअप्स के बीच नेतृत्वकर्ता के रूप में आगे बढ़ाएगा। भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री नवाचार के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगी और विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप के बीच अधिक से अधिक संपर्क को बढ़ावा देगीजिससे यह सुनिश्चित होगा कि नवाचार समावेशी हो और अवसर सभी के लिए सुलभ हैं। यह क्षेत्रीय स्टार्टअप को भागादीर करनेआगे बढ़ने और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान करने में सक्षम बनाएगा।

इस बीचडीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव ने भारतीय विकास की कहानी में योगदान देने के मामले में स्टार्टअप्स की महत्वपूर्ण भूमिका को संक्षेप में रेखांकित किया और बताया कि कैसे भास्कर से इस विकास को सही दिशा में गति देने में मदद मिलेगी। उन्होंने और जानकारी देते हुए कहा, भास्कर संसाधनों तक व्यापक पहुंच प्रदान करकेस्टार्टअप इकोसिस्टम हितधारकों के लिए चुनौतियों का सामना करने और आज के बदलते बाजार में अवसरों को सामने लाने के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करेगा। हमारा मानना ​​है कि ज्ञान शक्ति है और भास्कर के माध्यम सेहम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आकार या स्थान की परवाह किए बिना प्रत्येक भारतीय स्टार्टअप के पास उन संसाधनों तक पहुंच हो जिनसे उनके विकास को बढ़ावा मिल सकता है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘स्टार्टअप इंडिया’ के माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म के शुभारम्भ से संबंधित समारोह की मेजबानी कीजिसका उद्देश्य स्टार्टअपनिवेशकसंरक्षकसेवा प्रदाता और सरकारी निकायों से युक्त भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती देना है।

उल्लेखनीय बात यह है किभास्कर को भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम को एकीकृत और सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया हैजो निर्बाध सहयोगज्ञान साझाकरण और नवाचार के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करता है। अगस्त 2024 तक 1.4 लाख से अधिक डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के साथभारत ने खुद को वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े और सबसे जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक के रूप में स्थापित किया है। हालांकिइस जोरदार वृद्धि ने संसाधनों और हितधारकों के विखंडन को भी जन्म दिया है। भास्कर का उद्देश्य पहुंच कायम करने और पता लगाना आसान बनाने के लिए इनक्यूबेटरोंनीति निर्माताओं और स्टार्टअप इकोसिस्टम के अन्य प्रमुख हितधारकों को एक ही जगह पर चुनौती देना है।

भास्कर की मुख्य बातें:

उद्योग गठबंधन: विभिन्न क्षेत्रोंउद्योगोंप्रौद्योगिकियों और क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाकरयह प्लेटफॉर्म सभी के लिए परस्पर सहयोग के अवसर पैदा करता है

गतिशील नेटवर्किंग: व्यक्तिगत डैशबोर्ड और एक दूसरे के साथ संपर्क की सुविधाओं के माध्यम से समान विचारधारा वाले लोगों के साथ आसानी से जुड़ना और सहयोग करना, जिससे सुनिश्चित होता है कि आप हमेशा अपने अगले अवसर से बस एक क्लिक की दूरी पर हैं।

दृश्यता बढ़ाना: स्टार्टअप इकोसिस्टम में खोजे जाने के लिए प्रोफाइल कार्ड का उपयोग करके खुद को दृश्यमान बनाना।

व्यक्तिगत पहचान संख्या: अपनी भास्कर आईडी प्राप्त करें जो व्यक्तिगत डैशबोर्ड के लिए आपकी प्रोफाइल से जुड़ी होगी। आपकी डिजिटल पहचान आपको विभिन्न सेवाओं तक पहुंचने और अन्य सदस्यों द्वारा खोजे जाने में सक्षम बनाएगी।

भास्कर एक केंद्रीय वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा जो लगातार विकसित हो रहे स्टार्टअप इकोसिस्टम हितधारकों को एक ही छत के नीचे रखेगाजिससे यह आने वाले समय में दुनिया में स्टार्टअप इकोसिस्टम की सबसे बड़ी डिजिटल रजिस्ट्री बन जाएगी।

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