– राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की जून 2024 की मासिक रैंकिंग में प्रदेश पुलिस रही प्रथम स्थान पर
– 99.42 स्कोर के साथ यूपी रहा दूसरे स्थान पर, दिल्ली को मिले 98.28
– साइबर हेल्पलाइन पर 100 प्रतिशत कॉल अटेंड करने में भी रहे प्रथम स्थान पर
-अब तक प्रदेश पुलिस ने साइबर अपराध में बचाए तक़रीबन 123 करोड़
चंडीगढ़, 4 जुलाई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में जारी की गई मासिक रैंकिंग में हरियाणा पुलिस ने फिर से सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जून माह 2024 की मासिक रैंकिंग में प्रथम स्थान मिला है। विदित है की हरियाणा पुलिस इससे पहले तक़रीबन ढाई वर्ष के समय में 20 माह प्रथम स्थान पर रही है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा विभिन्न निर्धारित मापदंडो में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करते हुए प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश व दिल्ली को पछाड़कर पहला स्थान प्राप्त किया है।
वर्तमान में सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण, सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, डेटाबैंक सेवाएं आदि कार्य किए जाते हैं। इस उपलब्धि पर प्रदेश के पुलिस प्रमुख, डीजीपी हरियाणा, श्री शत्रुजीत कपूर, व राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक, एडीजीपी, ओ पी सिंह, आईपीएस ने सभी राजपत्रित अधिकारियों व सीसीटीएनएस शाखा में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आने वाले महीनों में और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित भी किया हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस वर्तमान में हाईटेक होने के प्रति अग्रसर है। उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों पर नजर रखने की सुविधा के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है।
प्रगति डैशबोर्ड में हरियाणा पहले स्थान पर, उत्तर प्रदेश और दिल्ली रहे दूसरे और तीसरे स्थान पर
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नैटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजैक्ट की परफॉर्मैंस की रैंकिंग में प्रदेश पुलिस ने सबसे अधिक प्रतिशत नंबर लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है । इससे पहले भी प्रदेश पुलिस फरवरी और मार्च में लगातार प्रथम स्थान पर रही थी। वर्तमान में इस प्रगति डैशबॉर्ड में विभिन्न मापदंडों में प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते है और उसी आधार पर प्रति माह रैंकिंग तय की जाती है। वर्तमान में जारी की गई रैंकिंग में हरियाणा 100 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर, वहीं उत्तर प्रदेश 99.42 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहा। इसके अतिरिक्त दिल्ली 98.28, पंजाब 97.90 और मध्य प्रदेश 97.76 प्रतिशत अंक प्राप्त कर क्रमशरू तीसरे, चौथे और पांचवे स्थान पर रहा। इस प्रोजेक्ट में मंत्रालय हर महीने फरफॉर्मैंस चौक करता है। सीसीटीएनएस का प्रयोग पुलिस की तरफ से अपराध व अपराधियों के डाटाबेस तैयार करने के लिए किया जाता है।
आईसीजेएस पोर्टल पर प्रदेश पुलिस द्वारा 82 लाख से अधिक सर्च
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में सभी एफआईआर सीसीटीएनएस के माध्यम से ही रजिस्टर की जा रही है। इसका फायदा आम जन को होता है कि वो सीसीटीएनएस पर एफआईआर दर्ज होते ही उसकी प्रति घर बैठे डाउनलोड करने की सुविधा मिल जाती है। आगे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आईसीजेएस पोर्टल पर इसी दौरान प्रदेश पुलिस द्वारा 82 लाख से अधिक सर्च किए गए, जिसकी औसत प्रति थाना 21 हज़ार से अधिक रही है। विदित है कि अंतरदृप्रचलित आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) एक मंच से अदालतों, पुलिस, जेल और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं जैसे आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों के बीच आकड़ों और सूचनाओं के निर्बाध हस्तांतरण को सक्षम करने के लिए ईदृकमेटी की एक पहल है।
– 100 प्रतिशत एफआईआर, सीसीटीएनएस से जा रही है कोर्ट में, आम नागरिकों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी थानों में 100 प्रतिशत इंटरनेट की कनेक्टिविटी दी जा चुकी है। सभी थानों में सीसीटीएनएस का कार्यान्वयन पूर्ण रूप से किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त आईसीजीएस इंटीग्रेशन का काम भी प्रदेश पुलिस द्वारा पूर्ण किया जा गया है । वर्तमान में 100ः सीसीटीएनएस द्वारा निर्मित एफआईआर न्यायालयों में भी प्रस्तुत की जा रही है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 का स्कोर प्रगति डैशबोर्ड में 100: रहा है। इसका मतलब ये है कि वर्तमान में प्रदेश पुलिस के पास साइबर अपराध से जुडी अगर कोई कॉल आ रही है, तो उसपर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। विदित है कि प्रदेश पुलिस व साइबर नोडल एजेंसी के सामूहिक प्रयासों ने अब तक आम जनता के तक़रीबन 123 करोड़ रूपए से अधिक ठगी की रकम को बचाने में सफलता हासिल की है । काबिले गौर है कि प्रदेश में साइबर नोडल एजेंसी की ज़िम्मेदारी भी एडीजीपी ओ पी सिंह पर ही है।
वहीं सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा आम जन को हर प्रकार की सुविधाएं जैसे एनओसी, एफआईआर की कॉपी, करैक्टर सर्टिफिकेट आदि उपलब्ध करवाई जा रही है।
-20,000 से अधिक कर्मचारी किए प्रशिक्षित, सीसीटीएनएस पर इस वर्ष दर्ज हुई 57524 एफआईआर
प्रदेश पुलिस ने हर प्रकार के डेटा का डिज़िटाइज़ेशन का कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण कर लिया है। सीसीटीएनएस के सफल कार्यान्वन के लिए प्रदेश भर से पुलिस के 20000 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया। वहीं इस वर्ष अब तक 57524 एफआईआर सीसीटीएनएस पर दर्ज की गई। वहीं पिछले वर्ष 2023 में प्रदेश पुलिस ने तक़रीबन डेढ़ लाख से अधिक एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी दर्ज की गई एफआईआर, हरसमय पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त अपराधियों का ऑनलाइन डेटा अपडेट करने के लिए 10430 अपराधियों के फोटो भी सॉफ्टवेयर में अपलोड किए गए है। ऑनलाइन डेटा अपलोड होने का फायदा यह है कि एफआईआर दर्ज करते ही शिकायतकर्ता के पास तुरंत एक मैसेज आ जाता है जिसमें अनुसन्धान अधिकारी व उसके फ़ोन नंबर आदि की सूचना उपलब्ध होती है। इसके अतिरिक्त, यदि पूरे देश में वह अपराधी किसी मामले में वांछित है तो सूचना का मिलान भी इस पोर्टल द्वारा किया जाता है। इसके अलावा भी सीसीटीएनएस पर चोरी किये वाहन, रिकवर किये गए वाहन, गुमशुदा/अज्ञात व्यक्ति की सूचना भी तुरंत ऑनलाइन अपडेट कर दी जाती है। यदि कोई लावारिस बॉडी मिलती है तो उसकी जानकारी भी तुरंत ऑनलाइन भर दी जाती है।