NEET Exam में कथित धांधली मामले में कांग्रेस ने किये कई खुलासे … चार सवाल भी पूछे

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नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने आज एक बार फिर NEET Exam में हुई कथित धांधली मामले में कई खुलासे करने का दावा किया और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से चार सवालों के जवाब देने की मांग की. साथ ही इस धांधली की जांच स्वतंत्र एजेंसी से करवाने पर बल दिया. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेडा ने पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री देवेन्द्र प्रधान पर हमला बोला और उन पर मेडिकल एंट्रेंस के मामले पर पर्दा डालने और जांच से भागने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नाम है NEET.. लेकिन रिजल्ट देख कर ये प्रक्रिया कहीं से भी ‘साफ, स्वच्छ या स्वस्थ’ नहीं लगती। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस परीक्षा के माध्यम से देश के 24 लाख बच्चों के भविष्य पर पानी फेर दिया गया है।

पवन खेडा ने यह कहते हुए तीखा हमला बोला कि पिछले 8 साल में 7 ऐसे छात्र थे, जो पूरे अंक लाए लेकिन इस साल 67 छात्र पूरे अंक लेकर आए। इस पर शिक्षा मंत्री का कोई माकूल जवाब नहीं है। उन्होंने खुलासा किया कि जब बिहार में पुलिस ने पेपर लीक के मामले में कुछ लोगों को पकड़ा और गुजरात के गोधरा में भी ऐसा मामला निकला, तब ये घोटाला सामने आया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कोर्ट में लीपापोती की पूरी कोशिश करते कहा कि  हमने टाइम लॉस की वजह से 1563 बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिये और सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट को कोट किया। उन्होंने कहा कि जजमेंट को कोट करते हुए एनटीए की ओर से यह भी कहा गया कि अगर बच्चों को टाइम लॉस होता है तो कैलकुलेट करके उन्हें ग्रेस मार्क दिया जाता है। जबकि उसी जजमेंट में स्पष्ट लिखा है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल के एग्जाम इस कैटेगरी में नहीं आते। उन्हें टाइम लॉस पर ग्रेस मार्क नहीं दे सकते। कांग्रेस नेता ने इन तथ्यों का खुलासा करते करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि यह सरकार किस स्तर पर गिरकर लीपापोती कर सकती है।

उन्होंने आज प्रेसवार्ता में NEET Exam के परिणाम से सम्बंधित कुछ आकंडे भी साझा किये और यह कहते हुए सवाल किया कि अगर देश में डाक्टर चयन करने की प्रक्रिया ही भ्रष्ट होगी तो फिर उनसे स्वस्थ नागरिक के निर्माण की उम्मीद कैसे की जा सकती है ? उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जांच से पता चलता है कि वर्तमान सरकार ने 24 लाख बच्चों के भविष्य पर पानी फेर दिया है. उन्होंने कहा कि पहले बार बार तारीख बढाई जा रही थी और फिर 4 जून को पूरे सिस्टम की पोल खुल गई .

कांग्रेस नेता ने यह कहते हुए वर्तमान एनडीए सरकार पर कटाक्ष किया कि दुर्भाग्य यह भी है कि आज रेल मंत्री हो, शिक्षा मंत्री हो, गृह मंत्री हो या प्रधानमंत्री.. कोई जवाबदेही नहीं लेना चाहता है। UPA के शासन काल में सिर्फ आरोप लगने पर इस्तीफा दे दिया जाता था। आज मंत्री मुस्कुराते हुए आरोप देश के नागरिकों पर लगाता है कि ये ‘मोटिवेटेड प्रोटेस्ट’ हो रहा है जबकि NEET Exam में गड़बड़ी के कारण बच्चे प्रोटेस्ट ही नहीं आत्महत्या तक कर रहे हैं.

 केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से कांग्रेस पार्टी की मांग :

 

  1. 580 से ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों के परीक्षा केंद्रों के नाम जारी किए जाएं।
  2. 12वीं के बोर्ड के मार्क्स का मिलान NEET के टॉपर्स के साथ किया जाए।
  3. जिन एग्जाम सेंटर पर औसत से ज्यादा हाई मार्क्स वाले परीक्षार्थी हैं, उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी जारी की जाए।
  4. उन तमाम बच्चों की सूची जारी की जाए, जिन्होनें विंडो का लाभ उठाते हुए अपने एग्जाम सेंटर्स बदले।

    इस मामले पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सिशल मिडिया एक्स पर अपना बयान जारी कर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने शिक्षा मंत्री व NTA के द्वारा NEET घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है।

     

    श्री खरगे ने सवाल किया है कि अगर NEET में पेपर लीक नहीं हुआ तो —

     

    1. बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ़्तार क्यों किया गया?

    क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले ₹30-₹50 लाख तक के भुगतान का पटना पुलिस की Economic Offences Unit (EOU) ने पर्दाफ़ाश नहीं किया?

    जिसमें कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक व्यक्ति, एक शिक्षक और एक अन्य व्यक्ति समेत 3 लोग शामिल हैं और गुजरात पुलिस के अनुसार आरोपियों के बीच 12 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन सामने आया है?

    अगर मोदी सरकार के मुताबिक़ NEET में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ़्तारियाँ क्यों हुई? इससे क्या निष्कर्ष निकला?

    क्या मोदी सरकार देश की जनता की आँखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब?

    मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटने का काम किया है।

    NEET में 24 लाख युवा डॉक्टर बनने के लिए परीक्षा देते हैं, जिसमें वो 1 लाख मेडिकल सीटों के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं।

    इन 1 लाख सीटों में से क़रीब 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट है जहॉं SC, ST, OBC, EWS वर्गों की सीट आरक्षित हैं।

    इस बार मोदी सरकार ने NTA का दुरुपयोग कर Marks और Ranks की ज़ोरदार धाँधली की है जिससे आरक्षित सीटों का Cut-off भी बढ़ गया है।

    ऐसा प्रतीत होता है कि गुणवान के छात्रों को रियायती दरों में सरकारी दाखिले से वंचित करने के लिए Grace Marks, Paper Leaks और धांधली का खेल खेला गया।

    गुजरात के गोधरा में NEET-UG में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है?

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