नई दिल्ली : केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में कहा कि “प्रशासन सुधारों में बुजुर्ग नागरिकों और पेंशनभोगियों सहित नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण को शामिल किया जाएगा।”
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ”प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का न्यूनतम सरकार अधिकतम प्रशासन का दृष्टिकोण और उनके नेतृत्व में हमारा मंत्रालय पिछले दशक में शुरू किए गए सुधारों को जारी रखेगा।”
डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, नागरिक सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों के केंद्र में हैं और कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण सुनिश्चित करके, एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली बनाकर, नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के साथ डिजिटल शासन को बढ़ाकर नागरिकों का कल्याण के संकल्प को सुनिश्चित करते हुए नागरिकों के जीवन में आसानी लाना है।
केन्द्रीय मंत्री ने अधिकारियों को समकालिक समयसीमा के साथ भर्ती नियमों और सेवा नियमों की बहुलता को तर्कसंगत बनाने की दिशा में काम करने और इसे भविष्य के लिए तैयार करने के लिए डिजिटल तकनीक को इसमें शामिल करने का निर्देश दिया। डॉ. सिंह ने सरकारी विभागों की दक्षता बढ़ाने के लिए अद्वितीय योग्यता निर्माण उत्पाद बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन को अनुकूलित करने के लिए सुधारों को जारी रखना और प्रशिक्षण संरचनाओं और कार्यप्रणाली में सुधार करना हमारी प्राथमिकता है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, जनरल एआई, मशीन लर्निंग (एमएल), ऑगमेंटेड रियलिटी / वर्चुअल रियलिटी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग हमारे नए युग के सुधारों का एक अभिन्न अंग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य लोक सेवकों के लिए आई-गॉट प्लेटफॉर्म का उपयोग करने और मिशन कर्मयोगी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक स्व-प्रेरित वातावरण बनाना है। समीक्षा करते समय उन्होंने सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम), नई दिल्ली में डिजिटल लर्निंग लैब के कामकाज के बारे में भी जानकारी ली, जिसका उद्घाटन डॉ. सिंह ने डीओपीटी मंत्री के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में किया था। उन्होंने ई-लर्निंग और कर्मचारियों की क्षमता निर्माण को उनके करियर की प्रगति का अभिन्न अंग बनाने पर बल दिया। उन्होंने तकनीकी रूप से तेजी से बदलती दुनिया में फ्लैटर ऑर्गेनाइजेशन और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अच्छे प्रदर्शन के लिए कर्मचारियों और विभागों को पुरस्कृत करना और सार्वजनिक सेवा वितरण में जवाबदेही बढ़ाना हमारा केन्द्रित क्षेत्र होना चाहिए। उन्होंने उत्कृष्टता केंद्र की पहचान और निर्माण के साथ क्षमता निर्माण के लिए अत्याधुनिक भौतिक और डिजिटल प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और आवास सर्वोत्तम संकाय के निर्माण पर भी अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि “हमें क्षमता निर्माण को और अधिक जैविक बनाने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स एंड पब्लिक ग्रिवंसेस -डीएआरपीजी) की समीक्षा करते हुए कहा की “हमें सरकारी विभागों के बीच सहकारी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और सर्वोत्तम प्रथाओं को बार-बार दोहराने के लिए राज्यों के लिए पहले से विद्यमान सूचकांक के अनुरूप केंद्रीय मंत्रालयों के लिए एक सुशासन सूचकांक बनाना चाहिए।” उन्होंने विश्व भर में सबसे अच्छे शिकायत निवारण तंत्र के रूप में पहचाने जाने वाले केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) की सफलता पर डीएआरपीजी के प्रयासों की भी सराहना की और इसे अन्य क्षेत्रों में भी जारी रखने और दोहराने का निर्देश दिया। उन्होंने शुरू से अंत तक डिजिटलीकरण सुनिश्चित करने और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग और क्षेत्रीय कार्यालयों में ‘ई-ऑफिस’ को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने नए युग की प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सतर्कता मामलों के शीघ्र निपटान के लिए एक संरचित तंत्र तैयार करने का निर्देश भी दिया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा, “पेंशन नियमों को एकीकृत करके और जीवनयापन में आसानी लाकर वरिष्ठ नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण हमारे विभाग की मार्गदर्शक शक्ति है।” केंद्रीय मंत्री ने पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान की सफलता की सराहना की और उन्हें इसे और अधिक उत्साह और शक्ति के साथ आगे जारी रखने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों को विभाग की भविष्य की रणनीति पर निर्देश देते हुए कहा कि “हमें बैंकों के साथ भविष्य पोर्टल का एकीकरण जारी रखना चाहिए।” मंत्री महोदय के अनुसार पेंशनभोगियों के बीच जागरूकता पैदा करने और उनके सेवानिवृत्त वर्षों को सुगम बनाने के लिए सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श (प्री- रिटायरमेंट काउंसलिंग) कार्यशालाओं का आयोजन जारी रखा जाना चाहिए। डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार भाषा सहायता देने वाली होनी चाहिए न कि बाधा और इस प्रकार नागरिकों तक उनकी मातृभाषा में पहुंचने के लिए भाषिणी के उपयोग पर विचार किया जाना चाहिए।
इस बैठक में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की सचिव श्रीमती एस. राधा चौहान और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) एवं पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) के सचिव श्री. वी. श्रीनिवास के साथ-साथ तीनों विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।