– एएसडीसी और जीआईजेड भारत मिलकर तैयार करेंगे ईवी उद्योग के लिए कुशल कार्यबल
गुरुग्राम: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के अंतगर्त कार्यरत ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल (एएसडीसी) ने जर्मन विकास एजेंसी डॉयचे गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनेल ज़ुसामेनरबीट (जीआईजेड) जीएमबीएच मिलकर आईटीआई पास युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक वाहन सेक्टर के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। बुधवार को गुरुग्राम के नाहरपुर रूपा स्थित अमास (एएमएएसएस) स्किल सेंटर में शॉर्ट टर्म ईवी टेक्निशियन कोर्स की विधिवत शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ अरिंदम लाहिरी, वाइस प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी और जीआईजेड इंडिया के प्रोजेक्ट हेड डॉ. रॉडनी रेवियर इसमें शामिल हुए।
यह ढाई महीने का शॉर्ट टर्म कोर्स नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत एएसडीसी द्वारा डिजाइन किया गया है। एएसडीसी और जीआईजेड इंडिया प्रत्येक बैच में 100 छात्रों को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर युवाओं को ट्रेनिंग देगा।
एएसडीसी के वाइस प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर बढ़ते फोकस पर जोर देते हुए कहा, ‘एएसडीसी विनिर्माण, रखरखाव, मरम्मत और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ईवी इंडस्ट्री के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित कर रहा है। एएसडीसी के सभी कोर्सेज व्यावहारिक प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव के साथ कम्युनिकेशन स्किल, टीम वर्क और समस्या-समाधान के साथ युवाओं को इंडस्ट्री के लिए तैयार करता है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से इलेक्ट्रॉनिक वाहन इंडस्ट्री बढ़ रही है, उसी अनुसार इस क्षेत्र में इंजीनियरों और डिजाइनरों से लेकर तकनीशियनों और मेंटेनेंस कर्मियों की मांग बढ़ रही है। इस क्षेत्र में कुशल लोगों की कमी को देखते हुए एएसडीसी अलग-अलग क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर से जोड़ रहा है।
आईजीवीईटी-जीआईजेड इंडिया के प्रोजेक्ट हेड डॉ. रॉडनी रेवियर ने राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण गुरुग्राम में इलेक्ट्रॉनिक वाहन की संख्या बढ़ी है। जैसे-जैसे लोग ईवी को अपनाएंगे, वैसे-वैसे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ईवी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कुशल लोगों की जरूरत है। कुशल व्यक्ति की आधुनिक वाहनों के साथ चार्जिंग स्टेशन, बैटरी स्टोरेज सिस्टम आदि को सही करने में सक्षम होगा। इस मौके पर कई विद्यार्थी मौजूद भी मौजूद थे।